Firing in Court: दिल्ली की अदालतें कितनी सेफ? NBT रिपोर्ट्स बता रहे हैं आंखों देखा हाल…

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Firing in Court: दिल्ली की अदालतें कितनी सेफ? NBT रिपोर्ट्स बता रहे हैं आंखों देखा हाल…

Firing in Court: दिल्ली की अदालतें कितनी सेफ? NBT रिपोर्ट्स बता रहे हैं आंखों देखा हाल…

  • साकेत कोर्ट में महिला पर फायरिंग के बाद सुरक्षा-व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल
  • एनबीटी रिपोर्ट्स ने अलग-अलग कोर्ट जाकर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया
  • कहीं-कहीं लोगों की जांच हो रही थी, तो कहीं वकीलों की बिना जांच डायरेक्ट एंट्री

नई दिल्लीःपिछले दिनों साकेत कोर्ट के अंदर एक महिला को निशाना बनाकर कई राउंड फायरिंग की गई। हमलावर वकील की ड्रेस में था। इस घटना ने एक बार फिर कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली की अलग-अलग कोर्ट में सुरक्षा इंतजामों की पड़ताल के लिए एनबीटी ने रियलिटी चेक किया। कड़कड़डूमा कोर्ट का राजेश सरोहा, साकेत कोर्ट का राम त्रिपाठी, रोहिणी कोर्ट का राजेश पोद्दार और द्वारका कोर्ट का अश्वनी शर्मा ने जायजा लिया।

​कड़कड़डूमा कोर्टः गार्ड तैनात फिर भी बिना जांच के एंट्री कर रहे लोग

कड़कड़डूमा कोर्ट में आम पब्लिक और वकीलों की एंट्री पहले गेट नंबर तीन से होती थी। इसके रिनोवेशन के काम के कारण सभी की एंट्री गेट नंबर चार से हो रही है। एंट्री गेट पर कई सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। गेट के बराबर में ही सिक्योरिटी रूम है, यहां बैग आदि की जांच करने की मशीनें लगी हुई हैं। मेन गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी कितने अलर्ट हैं, इसका रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर अपने लैपटॉप बैग के साथ सीधे मेन गेट से ही अंदर घुस गया, किसी भी सिक्योरिटी गार्ड ने टोका तक नहीं। एंट्री करने के बाद वकीलों के चेंबर ब्लॉक में जाने के लिए कोई सुरक्षा जांच नहीं होती। बिल्डिंग के जिस हिस्से में जज बैठते हैं, उसकी एंट्री ग्राउंड फ्लोर से ही है। इस हिस्से में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त मिली। शाहदरा बार असोसिएशन के सेक्रेटरी रमन शर्मा का कहना है कि वह कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट बिल्डिंग में भीड़ को खत्म करने के लिए एंट्री पास जारी करने का सिस्टम शुरू किया गया था, लेकिन कोर्ट प्रशासन ने इसे खत्म कर दिया।

साकेत कोर्ट: वकीलों की सिर्फ देखी जा रही ID, नहीं होती जांच

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गोलीबारी की घटना के बाद साकेत कोर्ट में भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। जज और वकीलों के लिए बने एंट्री गेट नं. 1 और 2 में कोई मेटल डिटेक्टर तक नहीं है। एक्सरे मशीन भी छोटे से कमरे में है। कार या टूवीलर से आ रहे किसी भी वकील की जांच नहीं होती है। गेट नं. 2 पर पहुंचने पर वहां तैनात दिल्ली पुलिस के जवान वकीलों से आईडी मांगते हैं। कार के अंदर बैठे वकील आईडी दिखाते हैं और उनके लिए गेट खुल जाता है। गेट के बाहर या कोर्ट के अंदर उनकी कार की कोई जांच नहीं होती है। उनके सामान या बैग की भी एक्सरे मशीन से जांच नहीं हो रही है। गेट नं. 3 और गेट नं. 4 (फैमिली कोर्ट) से आम लोगों की एंट्री है। वहां हर आदमी की मेटल डिटेक्टर से जांच के साथ उसके सामान की एक्सरे मशीन से जांच होती है।

रोहिणी कोर्ट: दो लेयर की सिक्योरिटी जांच के बाद मिलती है एंट्री

रोहिणी कोर्ट: दो लेयर की सिक्योरिटी जांच के बाद मिलती है एंट्री

रोहिणी कोर्ट के एंट्री गेट से कोर्ट रूम तक जाने में लोगों को दो लेयर की सिक्योरिटी से गुजरना पड़ता है। भीड़भाड़ वाले गेट नंबर 4 और 5 पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स की भी तैनाती देखने को मिली। सुरक्षा घेरे के पहले राउंड में एंट्री गेट पर एक गार्ड लोगों के आई-कार्ड चेक कर रहा था। इसके बाद मेटल डिटेक्टर के अंदर से गुजरना होता है, फिर एक गार्ड लोगों की हाथों से तलाशी ले रहा था, फिर मेटल डिटेक्टर मशीन से स्कैन किया जा रहा था। सामान की भी एक्सरे मशीन से जांच की जा रही थी। दूसरी लेयर में महज 50 से 60 मीटर के बाद कोर्ट बिल्डिंग में पहुंचने के लिए भी सभी लोगों को इसी प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ वकीलों ने बताया कि साकेत कोर्ट की घटना से पहले लंच के बाद सिक्योरिटी कुछ जगह पर ढीली हो जाती थी। एडवोकेट विपुल उपाध्याय ने बताया कि पहले के मुकाबले में सुरक्षा अब काफी पुख्ता कर दी गई है।

द्वारका कोर्ट: वकीलों के गेट को छोड़कर दूसरी जगहों पर सुरक्षा कड़ी

द्वारका कोर्ट: वकीलों के गेट को छोड़कर दूसरी जगहों पर सुरक्षा कड़ी

द्वारका कोर्ट के गेट नंबर चार से वकील और पब्लिक दोनों की एंट्री है। मेन गेट से कोर्ट बिल्डिंग तक जाने में दो बार जांच हो रही थी। दोनों चेकिंग पॉइंट पर मेटल डिटेक्टर से जांच हो रही थी, साथ ही गार्ड भी तलाशी ले रहे थे। बैग की जांच के लिए स्कैनर मशीन भी थी। गेट नंबर-3 पर भी इसी तरह से जांच हो रही थी। द्वारका कोर्ट में सात गेट हैं। जिसमें से गेट नंबर पांच और छह बंद रहते हैं। गेट नंबर सात से केवल वकील जाते हैं। यहां भी अन्य गेटों की तरह दो लेयर में सुरक्षा थी। लेकिन, यहां अन्य गेटों की तरह कड़ी जांच नहीं हो रही थी। कुछ की जांच हुई तो कुछ केवल कार्ड दिखाकर एंट्री कर रहे थे। द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट एडवोकेट मंजू सहरावत ने बताया कि द्वारका कोर्ट में सुरक्षा तो कड़ी है, लेकिन आए दिन कोर्ट परिसरों में हो रहे हमले से यहां के वकील भी डरे हुए हैं।

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