सिर्फ प्रदर्शन से ही कोई कोच अच्छा नहीं बन सकता

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सौरव गांगुली ने यहां कोलकाता में कहा की क्रिकेट एक ‘कप्तान का खेल’ है। एक कोच के अंदर खेल के ज्ञान के साथ-साथ प्रभंदन और हालत के अनुसार ढलने का जोहर भी होना चाहिए।

गांगुली ने कुंबले-कोहली के विवाद के बारे में बात करते हुए कहा “मुझे लगता है की क्रिकेट एक कॅप्टन का खेल है, कोच की भूमिका कप्तान की मदद करके टीम को आगे लेजाने की होती होती है।”

गांगुली, जो अब क्रिकेट एडवाइजरी कमिटी के मेंबर हैं उनका अपने खेलने के दौर में उस समय के कोच ग्रेग चैपल से विवाद हुआ था जिसका उस समय की भारतीय टीम पर गहरा असर पड़ा था। गांगुली ने आगे कहा कि सिर्फ शानदार प्रदर्शन किसी कोच को अच्छा नहीं बना सकते, एक कोच में आदमी प्रभंदन, टीम को जोड़ना और हालात के अनुसार ढलने कि क्षमता भी होनी चाहिए। शायद कोई एक प्रतिभाशाली खिलाडी हो पर कोच बनने के लिए और भी काफी जोहर होने जरुरी है।

गांगुली ने कहा कोहली और कुंबले विवाद बीती बात है और हमे उसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए।