गुजरात में शिशुओं की मौत के मामले पर सरकार की तरफ से अडानी समूह के अस्पताल को मिली क्लीन चिट

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अहमदाबादः गुजरात के कच्छ जिले के भुज में स्थित गुजरात अडानी फाउंडेशन के अस्पताल जी.के. जनरल हॉस्पिटल (GAIMS) ने दावा किया है कि 111 नवजात शिशुओं की मौत के मामले में सरकार से उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. जांच कर रहीं तीनों सदस्यीय समिति ने अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी प्रकार की कोई चूक नहीं पाई है.

क्या है मामला

कुछ वक्त पहले मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल जनवरी से लेकर अब तक जी.के. जनरल हॉस्पिटल में लगभग 111 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है. जैसी इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को लगी तो उन्होंने इस मामले पर तीन सदस्यीय समिति कमेटी बनाई ताकी वह इस मामले पर जांच करें. इस कमेटी में एमपी शाह सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भद्रेश व्यास को बनाया. वहीं गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ हिमांशु जोशी और पंडित दिन दयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज, राजकोट सहायक प्रोफेसर डॉक्टर कमल गोस्वामी भी शामिल है. इन्होंने 26 मई को जी.के. जनरल हॉस्पिटल का दौरा कर रिपोर्ट्स को राज्य सरकार के हाथों में सौंप दिया था .

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वहीं 29 मई को GAIMS ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा की तीनों सदस्यीय समिति ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी है. जिसका गठन गुजरात सरकार ने किया है. आधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार को तीनों सदस्यीय समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में इस मौतों के पीछे की अहम वजह कुपोषण और नवजात शिशुओं को भर्ती कराने में हुई देरी है. कई बच्चे भर्ती के समय से पहले ही कई बीमारियों से पीड़ित थे. आपको बता दें कि इन बच्चों के इलाज में अस्पताल ने अपने प्रोटोकॉल और गाइडलाइन्स का पालन सही तरीके से किया है.

राज्य स्वास्थ्य आयुक्त डॉक्टर जयंती रावी ने इस मामले पर बोला कि अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएँ जैसे उपकरण और दवाएं उपलब्ध पर्याप्त थी. इन मौतों के पीछे मुख्य कारण अत्याधिक कुपोषण और शिशुओं को इस अस्पताल में रेफर करने में देरी थी. उन्होंने यह भी कहा की अस्पताल को क्लीन चिट भी मिल गई है. गुजरात अडानी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि जांच समिति ने अस्पताल को क्लीन चिट दी है।