सवाल 146 : हल्दीराम ब्रांड भारत में इतना फेमस कैसे हो गया ?

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आज बच्चा बच्चा हल्दीराम ब्रांड के बारे में जनता है। हल्दीराम एक बेहतरीन ब्रांड में से एक है। इसे भारत के साथ ही विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। हमारे पास बहुत से लोगो का सवाल आया था कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हल्दीराम इतना बड़ा ब्रांड बनगया और उसकी सफलता की कहानी का क्या राज है। तो आज हम आपको बताते है आखिर हल्दीराम कैसे बना इतना बड़ा ब्रांड

एक समय था जब हल्दीराम को विदेशों में प्रतिबंध का भी सामना किया था। बैन होने के बाबजूद काफी मशक्कत के बाद इंडियन मार्किट के साथ इंटरनेशनल मार्किट में भी में अपनी अलग पहचान बनाई। हल्दीराम दुनिया के 50 से भी ज्यादा देशों में अपनी पहुंच बना ली। हिंदुस्तान के गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले पर हल्दीराम राज करता है।

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हल्दीराम की भुजिया, नमकीन , मिठाई और कई तरह के स्नैक्स त्योहारों की शान है। दरअसल सब लोगों को पसंद आने वाले हल्दीराम की शुरूआत बीकानेर में हुई थी। राजस्थान के शहर Bikaner में 1937 में तनसुखराम नाम के एक व्यक्ति ने एक नाश्ते की Shop शुरू की लेकिन इस काम को उन्होंने अपने बेटे गंगाविशन अग्रवाल के नाम से ही चलाया. पहले Shop पर सिर्फ भुजिया और नमकीन का ही Business किया जाता था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर और चीजों को भी इसमें शामिल कर लिया गया।

नमकीन और भुजिया को लोगों द्वारा ज्यादा पसंद किये जाने पर तनसुखराम अग्रवाल के छोटे बेटे रामेश्वर अग्रवाल ने इसके बिज़नेस को और भी आगे तक बढ़ाने का फैसला लिया गया। रामेश्वर ने हल्दीराम नाम से कोलकाता में भुजिया सेव की पहली दुकान की शुरुआत की और यहां से हल्दीराम की सफलता की कहानी की शुरूआत हुई., आज हल्दीराम के 100 से ज्यादा प्रोडक्ट्स है।

1990 से हल्दीराम ने Ready-to-Eat Products की शुरूआत भी कर दी. साल 2014 में Trust Research Advisory की एक Report में हल्दीराम को भारत का सबसे भरोसेपंद ब्रांड माना गया।

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हल्दीराम ने अपना स्टोर कलकत्ता में खोला इसके बाद दूसरे स्टोर दिल्ली में और फिर इसके बाद दूसरे शहरों में हल्दीराम की शुरूआत की. आज भारत के बड़े शहरों के साथ ही विदेशों में भी हल्दीराम की फ्रेंचाइजी है।