भारत-चीन सीमा विवाद: सिर्फ ‘विश्वसनीय’ स्रोतों से खरीदे जाएंगे टेलीकॉम उपकरण, कैबिनेट ने दी मंजूरी

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भारत-चीन सीमा विवाद: सिर्फ ‘विश्वसनीय’ स्रोतों से खरीदे जाएंगे टेलीकॉम उपकरण, कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: LAC पर भारत-चीन के बीच पिछले कई महीनों से जारी सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने चीन को एक और तगड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है. बुधवार को केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वह कुछ ‘विश्वसनीय’ टेलीकॉम वेंडर्स की लिस्ट बनाएगी, जहां से टेलीकॉम से जुड़े उपकरणों को खरीदा जा सकेगा. अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद आने वाले दिनों में चीन के वेंडर्स को तगड़ा झटका लग सकता है. सरकार इस लिस्ट के जरिए कई टेलीकॉम वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट भी कर सकती है.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, कैबिनेट ने टेलीकॉम क्षेत्र के लिए नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव्स (National Security Directive) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत, सप्लाई चेन सिक्योरिटी को बनाए रखने के लिए सरकार टेलीकॉम सर्विस प्रदाताओं के फायदे के लिए विश्वसनीय स्रोतों, विश्वसनीय उत्पादों की एक सूची घोषित करेगी. उन्होंने कहा कि इसी तरह से कुछ स्रोतों की एक सूची होगी जिनसे कोई खरीद नहीं की जाएगी. 

उन्होंने कहा कि ‘विश्वसनीय’ टेलीकॉम वेंडर्स की लिस्ट बनाने का काम राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (National Cyber Security Coordinator) द्वारा तैयार की जाएगी.

हालांकि केंद्रीय मंत्री ने किसी भी कंपनी या देश का नाम नहीं लिया, जहां से उपकरणों की खरीद की अनुमति नहीं होगी. लेकिन भारत सरकार के अधिकारियों ने निजी तौर पर हुआवेई (Huawei) के ब्लैकलिस्ट होने को लेकर आशंका जताई है. बता दें कि अमेरिका ने भी  हुआवेई पर चीन के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है.

इसके अलावा आज कैबिनेट ने स्पेक्ट्रम का ऑक्शन करने का निर्णय लिया है. कुल 2251 MHz स्पेक्ट्रम का ऑक्शन किया जाएगा. स्पेक्ट्रम में प्रस्तावित ऑक्शन बैंड्स 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz और 2500 MHz होंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्पेक्ट्रम के ऑक्शन के लिए आवेदन मंगाने की प्रक्रिया इसी महीने शुरू कर दी जिएगा. मार्च 2021 में तक ऑक्शन करने का लक्ष्य है.    




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