India China News: आखिर चाहता क्या है चीन? सीमा पर लगा लिए हैं 3 मोबाइल टावर, भारत की बढ़ेगी टेंशन!

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India China News: आखिर चाहता क्या है चीन? सीमा पर लगा लिए हैं 3 मोबाइल टावर, भारत की बढ़ेगी टेंशन!

नई दिल्ली: एक तरफ जहां दुनिया यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) से परेशान है वहीं चीन इन सब चीजों को धता बता भारतीय सीमा के करीब नापाक साजिश रचने में मशगूल है। भारत और चीन के बीच लद्दाख में करीब दो साल से तनातनी चल रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। इस बीच ऐसी खबरें हैं कि चीन ने लद्दाख के हॉट स्प्रिंग के करीब तीन सेलफोन टावर लगा चुका है। माना जा रहा है कि चीन इस इलाके में सैन्य पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

चरवाहों ने दी जानकारी
चीन की इस हरकत की जानकारी अपने जानवरों को चारागाह से वापस लेकर आ रहे चरवाहों (Herders) ने दी है। लद्दाख स्वायत्त परिषद (Ladakh Autonomous Hill Council) में चुसूल (Chushul) सीमा का प्रतिनिधित्व करने वाले नॉचोक स्तानजिन (Konchok Stanzin) ने बताया कि इतने सुदूर इलाके में चीन का मोबाइल टावर लगाना भारत के सीमाई इलाकों के गांव में कमजोर कम्युनिकेशन को दर्शाता है।

आखिर करना क्या चाहता है चीन?
उन्होंने बताया, ‘वे (चीन) इतने सुदूर इलाके में 4जी टावर लगा रहे हैं। अब उनके चरवाहे लगातार संपर्क में रहेंगे। हमारे चरवाहे एकबार जब अपने पशुओं के साथ निकलते हैं तो उनसे संपर्क करना मुश्किल होता है। हालांकि, सीमा पर दो गांव ऐसे हैं जहां 2 जी सर्विस है लेकिन वहां भी कमजोर सिग्नल वाली दिक्कत है।’ उन्होंने चीन के टावर वाली कुछ पिक्चर भी ट्वीट किए हैं, जिन्हें चरवाहों ने खींचा था। हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं।

सीमा के गांवों में मोबाइल नेटवर्क कमजोर
हॉट स्प्रिंग मारसिमिक दर्रे (लद्दाख पास) से गुजरते हुए फोबरंग गांव से 22 किलोमीटर दूर पूर्वी लेह की तरफ 5-6 घंटे के ड्राइव के बाद पहुंचा जाता है। फोबरंग गांव से पश्चिमी इलाका और चांगथांग की घाटी एवं चुमार के पूर्व तक का इलाके में टेलीकॉम कनेक्शन कमजोर है। फोबरंग और दो अन्य गांवों जो पैंगोंग से लगते हुए हैं मन-मेराक वहां लिमिटेड 2 जी सर्विस मिलता है। चुशूल और डेमचोक में हाल में 4जी सर्विस शुरू हुई है। हालांकि, यहां VSAT आधारित सर्विस के कारण स्लो सर्विस की दिक्कत है। इस बीच, आईटीबीपी के हेमा पोस्ट से तग्यारमेल के इलाके तक चीन के मोबाइल सर्विस एयरवेव्स आपको आसानी से मिल जाता है।

चीन की नापाक मंशा

स्तानजिन ने कहा कि पैंगोंग त्सो के करीब एक ब्रिज बनाने के बाद हॉट स्प्रिंग इलाके में मोबाइल टावर बनाने का मतलब साफ है कि चीन दोहरा आधारभूत ढांचा बनाकर अपने चरवाहों को फायदा पहुंचाना चाहता है लेकिन इसके साथ वह सीमा पर सैनिकों की संख्या भी बढ़ा सकता है। चीन के सैनिक जहां भी बड़ी संख्या में होते हैं वहां वह 4जी सर्विस लॉन्च करने के लिए जाना जाता है। ये दोहरा इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए वो सैनिकों की तैनाती बढ़ा सकता है।

सीमा के नजदीक पुल भी बना चुका है चीन
गौरतलब है कि चीन ने हाल ही में पैंगोंग में भारतीय सेना के खुर्नाक पोस्ट से 20 किलोमीटर दूर 400 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा एक पुल बनाया है। ये चुशूल सब सेक्टर के दक्षिणी किनारे पर स्थित है।

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