India-China Standoff: क्या गलवान घाटी में फिर भारत-चीन के बीच हुई झड़प? सेना ने जानिए क्या दिया जवाब
पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच पिछले साल कई बार आमना-सामना हुआ। कई बार दोनों सेनाओं के बीच हिंसक टकराव भी हुए। फिर कई दौर की बैठक के बाद हालात काबू में आ गए और चीनी सेना पीछे हटने पर मजबूर हो गई। पिछले कई महीनों से बॉर्डर पर चली आ रही शांति के बीच कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं, जिसमें कहा गया कि गलवान वैली में हाल ही में भारत-चीन के जवानों के बीच फिर से टकराव हुआ है। हालांकि, यह टकराव काफी मामूली था। भारतीय सेना ने मीडिया में आ रहीं इन रिपोर्ट्स पर स्पष्टीकरण जारी किया है। सेना ने इन रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है।
‘नहीं हुआ भारत-चीन का आमना-सामना’
भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा, ”गलवान घाटी में भारतीय और चीनी जवानों के बीच आमना-सामना होने की बात मीडिया रिपोर्ट में सामने आईहै। हम यह साफ करते हैं कि मई, 2021 के पहले हफ्ते में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के जवानों के बीच में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।” मालूम हो कि पिछले साल जून महीने में ही गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। उधर, चीन के भी कई जवान मारे गए थे, लेकिन पड़ोसी देश ने कभी भी सही आंकड़ा जारी नहीं किया। भारत ने उसके बाद चीन ने बदला लेते हुए उसे कई जगहों से पीछे भी खदेड़ दिया।
LAC के पास फिर अभ्यास करने पहुंची चीनी सेना
एलएसी के पास चीन ने एक बार फिर से हरकत शुरू कर दी है। चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के डेप्थ इलाकों में अपनी ओर सैन्य अभ्यास कर रही है। वहीं, अभ्यास को देखते ही भारतीय सेना भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और किसी भी हरकत का जवाब देने को तैयार है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि चीनी कई सालों से इन इलाकों में आ रहे हैं, जहां वे गर्मी के समय में अभ्यास करते हैं। पिछले साल भी, वे अभ्यास की आड़ में इन क्षेत्रों में आए थे और यहां से पूर्वी लद्दाख की ओर आक्रामक रूप से चले गए थे। चीनी सैनिक अपने पारंपरिक इलाकों में हैं और कुछ स्थानों में वे 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। वे अपने क्षेत्र में बंकरों का निर्माण करते देखे गए हैं और अपने ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
A media report suggested a minor face-off between Indian & Chinese troops in Galwan Valley. It is clarified that no such face-off has taken place between Indian and Chinese troops at Galwan Valley in Eastern Ladakh in the first week of May 2021 as reported: Indian Army
— ANI (@ANI) May 23, 2021
चौराहे पर भारत-चीन के संबंध: विदेश मंत्री
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए पिछले दिनों कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न समझौतों को पालन करता है। जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे ताकि सीमा पर स्थिरता को लेकर सहमति बन सके। इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं।
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‘नहीं हुआ भारत-चीन का आमना-सामना’
भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा, ”गलवान घाटी में भारतीय और चीनी जवानों के बीच आमना-सामना होने की बात मीडिया रिपोर्ट में सामने आईहै। हम यह साफ करते हैं कि मई, 2021 के पहले हफ्ते में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के जवानों के बीच में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।” मालूम हो कि पिछले साल जून महीने में ही गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। उधर, चीन के भी कई जवान मारे गए थे, लेकिन पड़ोसी देश ने कभी भी सही आंकड़ा जारी नहीं किया। भारत ने उसके बाद चीन ने बदला लेते हुए उसे कई जगहों से पीछे भी खदेड़ दिया।
LAC के पास फिर अभ्यास करने पहुंची चीनी सेना
एलएसी के पास चीन ने एक बार फिर से हरकत शुरू कर दी है। चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के डेप्थ इलाकों में अपनी ओर सैन्य अभ्यास कर रही है। वहीं, अभ्यास को देखते ही भारतीय सेना भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और किसी भी हरकत का जवाब देने को तैयार है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि चीनी कई सालों से इन इलाकों में आ रहे हैं, जहां वे गर्मी के समय में अभ्यास करते हैं। पिछले साल भी, वे अभ्यास की आड़ में इन क्षेत्रों में आए थे और यहां से पूर्वी लद्दाख की ओर आक्रामक रूप से चले गए थे। चीनी सैनिक अपने पारंपरिक इलाकों में हैं और कुछ स्थानों में वे 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। वे अपने क्षेत्र में बंकरों का निर्माण करते देखे गए हैं और अपने ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
A media report suggested a minor face-off between Indian & Chinese troops in Galwan Valley. It is clarified that no such face-off has taken place between Indian and Chinese troops at Galwan Valley in Eastern Ladakh in the first week of May 2021 as reported: Indian Army
— ANI (@ANI) May 23, 2021
चौराहे पर भारत-चीन के संबंध: विदेश मंत्री
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए पिछले दिनों कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न समझौतों को पालन करता है। जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे ताकि सीमा पर स्थिरता को लेकर सहमति बन सके। इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं।