India China Talks: उल्टा चोर कोतवाल को डांटे… 13वें दौर की सैन्य बातचीत के बाद चीन ने भारत पर ही मढ़ दिए आरोप

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India China Talks: उल्टा चोर कोतवाल को डांटे… 13वें दौर की सैन्य बातचीत के बाद चीन ने भारत पर ही मढ़ दिए आरोप

हाइलाइट्स

  • चीन और भारत के बीच रविवार को हुई थी 13वें दौर की सैन्य बातचीत
  • अब चीन ने अपनी सरकारी मीडिया के जरिए भारत पर ही आरोप मढ़ा है
  • चीन ने कहा है कि भारत की अनुचित मांगों से बातचीत में दिक्कत आ रही है

बीजिंग
पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत ने रविवार को चीन के साथ 13वें दौर की सैन्य वार्ता की। करीब साढ़े 8 घंटे चली इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाकी बिंदुओं से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया गया। हालांकि चीन ने अपनी सरकारी मीडिया के जरिए ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाला काम किया है। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से कहा कि भारत अनुचित मांगों के जरिए बातचीत में मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

क्या कहा चीन की सरकारी मीडिया ने?
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से सोमवार की सुबह किए एक ट्वीट में कहा- ‘चीन और भारत के बीच रविवार को 13वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई। भारत अनुचित और अवास्तविक मांगों पर जोर दे रहा है, जिससे बातचीत में मुश्किलें आ रही हैं।’

‘उम्मीद है कि भारत चीन के साथ मिलकर काम करेगा’
पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से आगे कहा गया, ‘चीन को उम्मीद है कि भारतीय पक्ष स्थिति का गलत आकलन नहीं करेगा, सीमावर्ती क्षेत्रों में कठिन स्थिति को संभालेगा, प्रासंगिक समझौतों का पालन करेगा और 2 देशों व 2 सेनाएं के बीच ईमानदारी के साथ ऐक्शन लेगा। वहीं, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की संयुक्त रूप से रक्षा करने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा।’ अब तो ये तो वही वाली बात हुई न कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ क्योंकि पूर्वी लद्दाख में चीन की नापाक हरकतों को तो पूरी दुनिया जानती है।

साढ़े 8 घंटे तक चली दोनों पक्षों में बातचीत
माना जा रहा है कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता में मुख्य रूप से पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी की रुकी हुई प्रक्रिया को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बातचीत सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुई और शाम सात बजे तक चली। पिछले दौर की वार्ता इससे करीब दो महीने पहले हुई थी। इसके बाद गोगरा (पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए) से सैनिकों की वापसी हुई थी।

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बातचीत से पहले चीनी सैनिकों ने की थी घुसपैठ की कोशिश
भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि देप्सांग समेत टकराव के सभी बिंदुओं पर लंबित मुद्दों का समाधान दोनों देशों के बीच संबंधों के समग्र सुधार के लिए जरूरी है। समझा जाता है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता के 13वें चरण में देप्सांग में तनाव कम करने पर जोर देते हुए अपना रुख पुरजोर तरीके से रखा है। चीनी सैनिकों की ओर से घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में 13वें दौर की वार्ता हुई। पहला मामला उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में और दूसरा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में सामने आया था।

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तल्‍ख हो रहे हैं रिश्‍ते
करीब दस दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास भारतीय और चीनी सैनिकों का कुछ देर के लिए आमना-सामना हुआ था। हालांकि, स्थापित प्रक्रिया के अनुसार दोनों पक्षों के कमांडरों के बीच वार्ता के बाद कुछ घंटे में मामले को सुलझा लिया गया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के करीब 100 जवान 30 अगस्त को उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को पार कर आए थे और कुछ घंटे बिताने के बाद लौट गए थे।

(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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