India-Pakistan news: भारत और पाकिस्तान ने असाइनमेंट वीजा मसले का निकाला हल, 2 साल से जारी था गतिरोध

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India-Pakistan news: भारत और पाकिस्तान ने असाइनमेंट वीजा मसले का निकाला हल, 2 साल से जारी था गतिरोध

हाइलाइट्स:

  • भारत-पाकिस्तान के बीच असाइनमेंट वीजा को लेकर 2 साल से चला आ रहा गतिरोध फिलहाल खत्म
  • दोनों देशों ने बुधवार को एक दूसरे के दूतावासों के अधिकारियों के लिए असाइनमेंट वीजा को दी मंजूरी
  • पिछले साल पाकिस्तान ने रिश्ते डाउनग्रेड किए थे, जवाब में नई दिल्ली ने पाक उच्चायोग के 50% स्टाफ को ही दी काम करने की मंजूरी

नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान ने राजनयिकों और दूसरे स्टाफ मेंबर्स के वीजा के मसले को फिलहाल हल कर लिया है। दोनों देशों ने बुधवार को लंबित असाइनमेंट वीजा आवेदनों को मंजूरी दे दी। राजनयिकों और दूसरे स्टाफ मेंबर्स के वीजा को लेकर दोनों देशों के बीच करीब 2 सालों से गतिरोध था।

वीजा गतिरोध की वजह से भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से स्टाफ मेंबर्स को कम करना शुरू कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के स्टाफ मेंबर्स को वीजा देने में देरी की। करीब 2 साल के गतिरोध के बाद आखिरकार दोनों देश इसे तोड़ने के लिए समझौते पर पहुंचे। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने 6 जून को इसकी खबर दी थी।

बुधवार को दोनों देशों ने एक ही वक्त पर नई दिल्ली और इस्लामाबाद में लंबित वीजा आवेदनों को मंजूरी दी। अब दोनों ही देशों के उच्चायोग और कंसुलेट अपनी स्वीकृत क्षमता के साथ सामान्य तौर पर काम कर सकेंगे। पिछले साल पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्तों को डाउनग्रेड किया था लेकिन ताजा घटनाक्रम यह संकेत देता है कि दोनों देश रिश्तों को और ज्यादा नहीं बिगड़ने देना चाहते हैं।

वीजा मंजूरी से भारत के करीब 25-30 और अधिकारी इस्लामाबाद में काम कर सकेंगे। भारत ने भी जवाब में कई पाकिस्तानी अधिकारियों के वीजा को मंजूरी दी है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर अपने-अपने अधिकारियों को वीजा देने में देरी का आरोप लगाया था। कुछ एक मौकों को छोड़कर पाकिस्तान 2 साल से भारतीय अधिकारियों के लिए वीजा जारी नहीं कर रहा था।

असाइनमेंट वीजा से राजनयिकों और विदेशी सरकार के अधिकारियों को अपनी राष्ट्रीय सरकार की तरफ से अपनी-अपनी ड्यूटी निभाने की इजाजत मिल जाती है। भारत और पाकिस्तान के बीच दिसंबर 2015 के बाद से कोई भी अहम द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई है। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान की वजह से रिश्तें और बिगड़ गए।

दोनों देशों के बीच रिश्ते इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान ने भारत से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया। बाद में भारत ने पाकिस्तान पर सीमा-पास हिंसा और आतंकवाद का आरोप लगाते हुए इस्लामाबाद को अपने मिशन में 110 कर्मचारियों के बजाय सिर्फ 55 कर्मचारी रखने को कहा। भारत लगातार जोर देकर कहता रहा है कि पाकिस्तान को बातचीत के लिए उचित माहौल बनाने के लिए आतंकवाद को प्रश्रय देना छोड़ना होगा।

दोनों देशों में तनाव और गतिरोध के बीच इस साल ऐसी खबरें आईं कि एनएसए अजीत डोभाल और आईएसआई चीफ फैज हामिद के बीच बैक डोर से बातचीत चल रही है। फरवरी में दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशंस) की तरफ से जारी संयुक्त बयान में संघर्षविराम समझौते का सम्मान करने और एक दूसरे की चिंताओं को दूर करने की बात कही गई थी।



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