Jammu and Kashmir : अमरीकी सैटेलाइट फोन से कश्मीर में सुरक्षाबलों को गच्चा आतंकी | us-satellite-phones-left-in-afghanistan-reached-in-kashmir-terrorist | Patrika News
अमरीकी सेना ने जो आधुनिक सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान में छोड़े थे अब वह पाकिस्तान होते हुए कश्मीरी आतंकियों के पास पहुंच गए हैं। इसके साथ ही थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट भी आतंकियों के हाथ लगे हैं। इन दोनों के माध्यम से अब आतंकी घाटी में मुठभेड़ के दौरान न केवल घेरा तोड़ रहे हैं बल्कि निशाना भी बना रहे हैं।
जयपुर
Published: April 19, 2022 10:19:39 pm
जयपुर अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के साथ ही कश्मीर में आतंकियों की ताकत बढ़ती दिखाई दे रही है। अमरीकी सेना ने जो आधुनिक सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान में छोड़े थे अब वह पाकिस्तान होते हुए कश्मीरी आतंकियों के पास पहुंच गए हैं। इसके साथ ही थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट भी आतंकियों के हाथ लगे हैं। इन दोनों के माध्यम से अब आतंकी घाटी में मुठभेड़ के दौरान न केवल घेरा तोड़ रहे हैं बल्कि निशाना भी बना रहे हैं। थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट कुछ दूरी तक व्यक्तियों की निशानदेही कर देता है। ऐसे में आतंकी अपनी योजना उसके अनुसार बनाते हैं।
iridium satellite communication
गर्मी में बढ़ेगी आतंकी हरकत
सुरक्षाबल से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि गर्मी आ रही बर्फ पिघलेगी तो आतंकियों की सक्रियता बढ़ेगी। यह उसी की तैयारी है। दूसरी बात अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई ने उसे दबाव में ला दिया है। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात पाकिस्तानी सेना की विश्वसनीयता अमरीकापरस्त होने की दिखाई देने लगी है। ऐसे में कश्मीर ही एक ऐसा मुददा है, जहां वह आतंक फैला अहमियत जताने का प्रयास करें। कोई बड़ी बात नहीं।
आतंकियों के हाथ लगी है आधुनिक प्रणाली
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दो प्रणाली ही अभी तक सैन्यबलों के सामने आई है इस पर एनटीआरओ और डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी काम कर रही है लेकिन इसके मायने यह हैं कि ऐसी कई आधुनिक चीजें आतंकियों के हाथ जो अफगानिस्तान में लगी हैं। वह भी एलओसी पार कर चुकी हैं। यह फोन जिस उत्तरी क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। वह आतंकियों की शरणस्थली और गोदाम के रूप में काम करते हैं।
फरवरी में हुए थे सक्रिय
खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमरीकी इरेडियम सैटेलाइट फोन है। कश्मीर में एक साथ आठ फोन शम्शाबारी व पीरपंजाल रेंज में 13 फरवरी को सक्रिय हुए। इसके बाद 10.30 से लेकर दोपहर 3 बजे तक बांदीपोरा, गांदरबल, कुपवाड़ा, बडगाम और पुलवामा में सक्रिय रहे। बारामूला में दो बार सक्रिय हुए। 14 फरवरी को दो बांदीपोरा, दो बारामूला और एक उरी के सामने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय रहा।
करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने किया था प्रयोग
करगिल युद्ध के समय भारतीय सेना ने भी इस इरेडियम सैटेलाइट का फोन जवानों की घर से बातचीत करने के लिए किया था। इरेडियम अमरीका की संचार उपग्रह फोन को संचालित करने वाली एक निजी कंपनी है। इसका खुद का ही एक उपग्रह है। कुछ दिन पहले इसका एक उपग्रह गिर भी गया था।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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अमरीकी सेना ने जो आधुनिक सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान में छोड़े थे अब वह पाकिस्तान होते हुए कश्मीरी आतंकियों के पास पहुंच गए हैं। इसके साथ ही थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट भी आतंकियों के हाथ लगे हैं। इन दोनों के माध्यम से अब आतंकी घाटी में मुठभेड़ के दौरान न केवल घेरा तोड़ रहे हैं बल्कि निशाना भी बना रहे हैं।
जयपुर
Published: April 19, 2022 10:19:39 pm
जयपुर अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के साथ ही कश्मीर में आतंकियों की ताकत बढ़ती दिखाई दे रही है। अमरीकी सेना ने जो आधुनिक सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान में छोड़े थे अब वह पाकिस्तान होते हुए कश्मीरी आतंकियों के पास पहुंच गए हैं। इसके साथ ही थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट भी आतंकियों के हाथ लगे हैं। इन दोनों के माध्यम से अब आतंकी घाटी में मुठभेड़ के दौरान न केवल घेरा तोड़ रहे हैं बल्कि निशाना भी बना रहे हैं। थर्मल इमेजिंग वाईफाई सेट कुछ दूरी तक व्यक्तियों की निशानदेही कर देता है। ऐसे में आतंकी अपनी योजना उसके अनुसार बनाते हैं।
iridium satellite communication
गर्मी में बढ़ेगी आतंकी हरकत
सुरक्षाबल से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि गर्मी आ रही बर्फ पिघलेगी तो आतंकियों की सक्रियता बढ़ेगी। यह उसी की तैयारी है। दूसरी बात अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई ने उसे दबाव में ला दिया है। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात पाकिस्तानी सेना की विश्वसनीयता अमरीकापरस्त होने की दिखाई देने लगी है। ऐसे में कश्मीर ही एक ऐसा मुददा है, जहां वह आतंक फैला अहमियत जताने का प्रयास करें। कोई बड़ी बात नहीं।
आतंकियों के हाथ लगी है आधुनिक प्रणाली
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दो प्रणाली ही अभी तक सैन्यबलों के सामने आई है इस पर एनटीआरओ और डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी काम कर रही है लेकिन इसके मायने यह हैं कि ऐसी कई आधुनिक चीजें आतंकियों के हाथ जो अफगानिस्तान में लगी हैं। वह भी एलओसी पार कर चुकी हैं। यह फोन जिस उत्तरी क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। वह आतंकियों की शरणस्थली और गोदाम के रूप में काम करते हैं।
फरवरी में हुए थे सक्रिय
खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमरीकी इरेडियम सैटेलाइट फोन है। कश्मीर में एक साथ आठ फोन शम्शाबारी व पीरपंजाल रेंज में 13 फरवरी को सक्रिय हुए। इसके बाद 10.30 से लेकर दोपहर 3 बजे तक बांदीपोरा, गांदरबल, कुपवाड़ा, बडगाम और पुलवामा में सक्रिय रहे। बारामूला में दो बार सक्रिय हुए। 14 फरवरी को दो बांदीपोरा, दो बारामूला और एक उरी के सामने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय रहा।
करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने किया था प्रयोग
करगिल युद्ध के समय भारतीय सेना ने भी इस इरेडियम सैटेलाइट का फोन जवानों की घर से बातचीत करने के लिए किया था। इरेडियम अमरीका की संचार उपग्रह फोन को संचालित करने वाली एक निजी कंपनी है। इसका खुद का ही एक उपग्रह है। कुछ दिन पहले इसका एक उपग्रह गिर भी गया था।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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