अमेरिका के वायुसेना प्रमुख की भारत में विमान से यात्रा क्यों है खास?

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देश में हिन्दुतान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानि ‘तेजस’ को बनाया गया  है. तेजस को हाल ही में भारतीय वायुसेना में भी शामिल किया गया है. साथ ही विमान के निर्माण के बाद इसमें अमरीका के वायुसेना प्रमुख जनरल डेविड एल गोल्डफिन ने उड़ान भारी है.

विमान यात्रा में क्या खास बात है ?

बता दें कि इसके पहले नवंबर 2017 में सिंगापुर के रक्षा मंत्री क्लाइकोंडा एयरबेस पर ‘तेजस’ से उड़ान भर चुके हैं. लेकिन, गोल्डफिन पहले ऐसे विदेशी वायुसेना प्रमुख हैं, जिन्होंने ‘तेजस’ से उड़ान भरी हो.   जनरल डेविड एल गोल्डफिन ने जोधपुर एयरबेस पर भारत में बने लड़ाकू विमान तेजस से गुरुवार को उड़ान भरी थी.

‘तेजस’ की खासियत

तेजस भारत द्वारा विकसित किया गया जेट लड़ाकू विमान है. इसे हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है. एक जुलाई 2016 को इसे वायुसेना में शामिल किया गया था. तेजस की लंबाई 13.2 मीटर और वजन 5680 किलोग्राम है. यह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. तेजस लेजर गाइडेड बम से हमला करने में भी सक्षम है. इसमें टैंक और भारी भरकम सैन्य सामान आसनी से ले जाए सकते हैं. विमान वजह से चीन और पकिस्तान की सीमा से सटे दुर्गम इलाकों में हमारी सेना आसनी से जा सकती है. इससे भारतीय उद्योग को विश्व के सबसे बड़े लड़ाकू विमान नेटवर्क से जुड़ने का मौका मिलेगा.

फेसबुक पर रिश्तों की मजबूती का किया वादा

भारत पहुंचने के थोड़ी ही देर बाद  जनरल गोल्डफिन ने अपने फेसबुक में लिखा कि दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं. इससे उसके इलाके में सैन्य गतिविधियों को जरूरत के मदद मिली है.  मैं इसको और मजबूत बनाने की कोशिश करूंगा. उन्होंने भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान के इस्तेमाल किए जाने की भी चर्चा फेसबुक पर की कहा कि भारत दुनिया के दूसरे सबसे बड़े विमान का संचालन करता है

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