Kanpur Police News: कानपुर पुलिस की कथित वसूली लिस्ट सोशल मीडिया पर हुई वायरल… कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश

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Kanpur Police News: कानपुर पुलिस की कथित वसूली लिस्ट सोशल मीडिया पर हुई वायरल… कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश

सुमित शर्मा, कानपुर: कानपुर पुलिस अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। अब एक और कानपुर पुलिस (Kanpur Police) का कारनामा सामने आया है। जाजमऊ पुलिस चौकी की वसूली का कथित पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वसूली लिस्ट में बकायदा नाम और किससे कितनी वसूली लेनी है, उसका दाम भी दर्ज है। कानपुर में सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल लिस्ट की खूब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर कर रहे हैं। वसूली लिस्ट पर जिम्मेदार अधिकारियों की नजर पड़ी तो वह भी हैरान रह गए। पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं।

चकेरी थाना क्षेत्र स्थित जाजमऊ चौकी क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा चमड़ा उद्योग है। सूत्रों के मुताबिक, जाजमऊ चौकी क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध काम भी होते हैं। जिसका परिणाम सोशल मीडिया पर वायरल रेट लिस्ट में देखा जा सकता है। जाजमऊ चौकी क्षेत्र में अवैध कारोबार पुलिस की जानकारी में पनप रहा है। गंगा किनारे कटरी और आसपास के ग्रामीण में बड़े पैमाने का गैरकानूनी काम पुलिस की सरंक्षण में चल रहे हैं।

वायरल लिस्ट में सात नाम
चकेरी थाना क्षेत्र के जाजमऊ चौकी इंचार्ज सुखराम रावत हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वसूली लिस्ट में चौकी इंचार्ज का नाम भी लिखा है। इस सूची में सात ऐसे नाम हैं लिखे हैं, जहां से पुलिस की वसूली आती है। सबसे पहला नाम राना रब्बानी का नाम लिखा है। राना रब्बानी कई बार जेल जा चुकी है और उसका गांजे-चरस का काम है। कथित वायरल लिस्ट के मुताबिक, राना रब्बानी से प्रतिमाह 50 हजार की वसूली जाती है।

चरस गांजे का कारोबार करने वालों के नाम शामिल
कथित वायरल रेट लिस्ट में दूसरा नाम अशफाक और उसके भाई अफजल का नाम है। दोनों भाई चरस-गांजे का काम करते हैं। वहीं, अफजल लुटेरा भी है। पुलिस को प्रति महीने 50 हजार की वसूली जाती है। तीसरा नाम निजाम है, निजाम का अवैध खाद की गल्ला गोदाम है। निजाम से प्रतिमाह 25 हजार रुपये की वसूली पुलिस को जाती है। चौथा नाम वाजिदपुर निवासी नसीम पहलवाल का नाम है। नसीम का अवैध खाद का गल्ला गोदाम है। पुलिस को 25 हजार की वसूली जाती है।

गैंगेस्टर भी हैं
इस लिस्ट में पांचवां नाम संजय नगर निवासी जुबैर आलम है। अवैध खाद का काम करता है। जुबैर आलम से 25 हजार रुपये की वसूली पुलिस को जाती है। छठवां नाम सलीम का है। सलीम जानवर काटने का काम करता है। सलीम के पास से 50 हजार रुपये पुलिस को जाता है। सातवां नाम जाजमऊ टीला निवासी बनिया जुआं चलवाता है। इससे पुलिस को 60 हजार रुपया प्रतिमाह जाता है। यह सारा पैसा महफूज अख्तर, सउद अख्तर गैंगेस्टर का करीबी फाजिल अशरफ चौकी इंचार्ज को देते हैं।

पुलिस की वसूली का पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग के आलाधिकारी हरकत में आ गए। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। वहीं, कुछ लोग का कहना है कि यह किसी की शरारत है। पुलिस को बदनाम करने के लिए किसी ने शरारत की है।

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