Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi की वापसी, शो की इन 5 वजहों से बदल गया था भारतीय टीवी का इतिहास
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ (Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi) एक ऐसा टीवी सीरियल रहा, जिसने न सिर्फ सफलता के झंडे गाड़े बल्कि इस शो की कहानी को लोग अपने ही घर की कहानी समझने लगे। तुलसी (स्मृति ईरानी) जब स्क्रीन पर दुखी होतीं तो वे भी परेशान हो जाते। मिहिर की फैमिली पर कोई संकट आता था तो फैंस उसे अपनी ही समस्या समझने लगते। इस शो को दर्शकों का इतना प्यार मिला, जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन ये सीरियल ऐसे ही लोगों का पसंदीदा नहीं बना, इसके पीछे कुछ वजहें रहीं। अच्छी वजहें। इस शो ने बहुत कुछ ऐसा किया, जिसने भारतीय टीवी का चेहरा बदल दिया। अगर आप भी इस शो के फैन रहे हैं तो आपके लिए गुड न्यूज है। ये शो 22 साल बाद एक बार फिर आपके घर में दस्तक देने आ रहा है। जी हां, ऐकता कपूर ने इसकी अनाउंसमेंट की है। 1800 ऐपिसोड वाले सीरियल 16 फरवरी से फिर से टीवी पर वापसी कर रहा है।
इस सीरियल ने दर्शकों को अपने परिवार का महत्व को समझाया। इमोशंस को समझाया। प्यार बांटा। मोहब्बत बांटी। कई बार तो सोशल मीडिया पर इसको लेकर डिबेट हुई तो कभी ऐसे सीन्स दिखाए, जो शायद ही किसी टीवी सीरियल में दिखाया गया। आइये आपको ऐसे ही 5 वजहों के बारे में बताते हैं, जिनके कारण इस शो ने इतिहास रच दिया।
कई लैंग्वेज में शो हुआ डब
ये भारतीय टेलीविजन के इतिहास में 1000 एपिसोड पूरे करने वाला पहला डेली सोप था। पहली बार था, जब भारतीय टेलीविजन ने कई तरह की रिएलिटी और इमोशंस को कवर करते हुए एक टिपिकल फैमिली ड्रामा देखा। इस शो ने ‘सास-बहू’ शब्द को भी पॉप्युलर कर दिया था और लंबे समय तक टीवी से जोड़कर रखा। ये शो कई भाषाओं में डब किए जाने वाला पहला शो था। यहां तक की इंटरनेशनल लैंग्वेज में भी इसकी डबिंग हुई।
मिहिर को लाना पड़ा वापस
ये पहली बार था, जब किसी टीवी सीरियल की ताकत को मेकर्स और चैनल ने महसूस किया। जब मिहिर वीरानी का रोल प्ले करने वाले लीड ऐक्टर अमर उपाध्याय को मेकर्स ने मार दिया, तो ये फिक्शनल ट्रैजेडी नेशनल ट्रैजेडी बन गई थी। घर से लेकर ऑफिस तक में इसकी चर्चा हुई। मिहिर की डेथ के बाद इस किरदार को वापस लाने के लिए प्रोटेस्ट तक हुए थे। जिसके बाद आखिरकार मेकर्स को मरे हुए किरदार को फिर से जिंदा करना पड़ा था।
बा
शो की कहानी का एक और दिलचस्प फैक्ट ये था कि इसने कई बार लीप लिया। कहानी सालों आगे तक बढ़ा दी गई। कई नए कलाकारों ने शो को ज्व़ॉइन किया और कईयों ने छोड़ भी दिया, लेकिन ड्रामा जारी रहा। बा का किरदार निभा रहीं सुधा शिवपुरी शो में हमेशा बनी रहीं। ये अनुमान लगाया जा सकता है कि शो में बा को 100 साल से ज्यादा का दिखाया गया था।
प्लास्टिक सर्जरी
कई दिलचस्प ट्विस्ट के अलावा सबसे लंबे समय तक चलने वाले शो में से एक इस टीवी सीरियल ने प्लास्टिक सर्जरी के कॉन्सेप्ट को भी पेश किया। जब भी कोई ऐक्टर शो छोड़ता था, इस कॉन्सेप्ट को यूज किया जाता था।
फेवरेट बहू
इस शो ने बहू को भी खूब पॉप्युलर किया। तुलसी वीरानी का किरदार स्मृति ईरानी ने निभाया था, जो ऑडियंस की ऑल टाइम फेवरेट बहू रहीं। जब स्मृति ने ये शो छोड़ दिया तो गौतमी कपूर ने इस किरदार को निभाया, लेकिन दर्शकों को तुलसी के रूप में सिर्फ स्मृति ही पसंद आईं, इसलिए उन्हें शो में वापस लाया गया।
कई मुद्दे उठाए
सास-बहू के ड्रामा के अलावा इसमें कई ट्रैक्स दिखाए गए। इसमें घरेलू हिंसा को दिखाया गया। गोल लेने जैसे कुछ प्रासंगिक मुद्दे भी उठाए गए। कुल मिलाकर इस सीरियल के जरिए सोशल मैसेज भी दिए गए। जब तुलसी ने अपने बेटे को इसलिए मार दिया, क्योंकि उसने अपनी वाइफ का रेप किया था, तो मैरिटल रेप एक हाउसहोल्ड डिस्कशन बन गया था।
एकता कपूर ने शेयर किया प्रोमो
एकता कपूर ने इंस्टाग्राम पर शो का वही पुराना प्रोमो शेयर किया है, जिसमें तुलसी एक-एक कर अपने घरवालों से दर्शकों को मिलवाती हैं और बैकग्राउंड में इसका आइकॉनिक टाइटल सॉन्ग बज रहा होता है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘इस प्रोमो की एक झलक देख कर ही सारी पुरानी यादें ताजा हो गईं। आज, जब मैं पीछे देखती हूं तो हर मेमोरी ताजा हो जाती है। आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे हर मेमोरी, हर पल याद आता है, जिसने इस शो को सबसे प्रिय बना दिया! उसी प्यार के साथ जुड़िए इस सफर से दोबारा। बुधवार से, हर रोज, शाम 5 बजे, सिर्फ स्टारप्लस पर।
8 साल चला शो
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ 3 जुलाई 2000 को स्टार प्लस पर ऑनएयर हुआ था और 6 नवंबर 2008 को इसका आखिरी एपिसोड दिखाया गया था। इसे बालाजी टेलीफिल्म्स के बैनर तले शोभा कपूर और एकता कपूर ने को-प्रोड्यूस किया था।
स्टार कास्ट की लंबी लिस्ट
इस शो की स्टार कास्ट की लिस्ट काफी लंबी है। चूंकि शो ने कई बार लीप लिया, इसलिए हर बार नए-नए कलाकार इस लिस्ट में शामिल होते चले गए, लेकिन जो सबसे ज्यादा पॉप्युलर हुए, उनके नाम हैं- स्मृति ईरानी (तुलसी), मिहिर वीरानी का रोल तीन ऐक्टर्स ने निभाया- अमर उपाध्याय, इंद्र कुमार और रॉनित रॉय। सुधा शिवपुरी (बा), मंदिरा बेदी (मंदिरा), अपरा मेहता (सविता ईरानी), सुमित सचदेव (गौतम वीरानी), हितेन तेजवानी (करण), रक्षंदा खान (तान्या), गौरी प्रधान (नंदिनी), आकाशदीप सहगल (अंश), मौनी रॉय (कृष्णा), केतकी दवे (सावरी वीरानी), हंसिका मोटवानी (बवरी वीरानी), शब्बीर अहलूवालिया (अनिकेत), करणवीर बोहरा (तुषार), प्राची शाह (पूजा), अनीता हसनंदानी (सांची) और नमन शॉ (नकुल), नारायणी शास्त्री (केसर), अमन वर्मा (अनुपम)।
कई लैंग्वेज में शो हुआ डब
ये भारतीय टेलीविजन के इतिहास में 1000 एपिसोड पूरे करने वाला पहला डेली सोप था। पहली बार था, जब भारतीय टेलीविजन ने कई तरह की रिएलिटी और इमोशंस को कवर करते हुए एक टिपिकल फैमिली ड्रामा देखा। इस शो ने ‘सास-बहू’ शब्द को भी पॉप्युलर कर दिया था और लंबे समय तक टीवी से जोड़कर रखा। ये शो कई भाषाओं में डब किए जाने वाला पहला शो था। यहां तक की इंटरनेशनल लैंग्वेज में भी इसकी डबिंग हुई।
मिहिर को लाना पड़ा वापस
ये पहली बार था, जब किसी टीवी सीरियल की ताकत को मेकर्स और चैनल ने महसूस किया। जब मिहिर वीरानी का रोल प्ले करने वाले लीड ऐक्टर अमर उपाध्याय को मेकर्स ने मार दिया, तो ये फिक्शनल ट्रैजेडी नेशनल ट्रैजेडी बन गई थी। घर से लेकर ऑफिस तक में इसकी चर्चा हुई। मिहिर की डेथ के बाद इस किरदार को वापस लाने के लिए प्रोटेस्ट तक हुए थे। जिसके बाद आखिरकार मेकर्स को मरे हुए किरदार को फिर से जिंदा करना पड़ा था।
बा
शो की कहानी का एक और दिलचस्प फैक्ट ये था कि इसने कई बार लीप लिया। कहानी सालों आगे तक बढ़ा दी गई। कई नए कलाकारों ने शो को ज्व़ॉइन किया और कईयों ने छोड़ भी दिया, लेकिन ड्रामा जारी रहा। बा का किरदार निभा रहीं सुधा शिवपुरी शो में हमेशा बनी रहीं। ये अनुमान लगाया जा सकता है कि शो में बा को 100 साल से ज्यादा का दिखाया गया था।
प्लास्टिक सर्जरी
कई दिलचस्प ट्विस्ट के अलावा सबसे लंबे समय तक चलने वाले शो में से एक इस टीवी सीरियल ने प्लास्टिक सर्जरी के कॉन्सेप्ट को भी पेश किया। जब भी कोई ऐक्टर शो छोड़ता था, इस कॉन्सेप्ट को यूज किया जाता था।
फेवरेट बहू
इस शो ने बहू को भी खूब पॉप्युलर किया। तुलसी वीरानी का किरदार स्मृति ईरानी ने निभाया था, जो ऑडियंस की ऑल टाइम फेवरेट बहू रहीं। जब स्मृति ने ये शो छोड़ दिया तो गौतमी कपूर ने इस किरदार को निभाया, लेकिन दर्शकों को तुलसी के रूप में सिर्फ स्मृति ही पसंद आईं, इसलिए उन्हें शो में वापस लाया गया।
कई मुद्दे उठाए
सास-बहू के ड्रामा के अलावा इसमें कई ट्रैक्स दिखाए गए। इसमें घरेलू हिंसा को दिखाया गया। गोल लेने जैसे कुछ प्रासंगिक मुद्दे भी उठाए गए। कुल मिलाकर इस सीरियल के जरिए सोशल मैसेज भी दिए गए। जब तुलसी ने अपने बेटे को इसलिए मार दिया, क्योंकि उसने अपनी वाइफ का रेप किया था, तो मैरिटल रेप एक हाउसहोल्ड डिस्कशन बन गया था।
एकता कपूर ने शेयर किया प्रोमो
एकता कपूर ने इंस्टाग्राम पर शो का वही पुराना प्रोमो शेयर किया है, जिसमें तुलसी एक-एक कर अपने घरवालों से दर्शकों को मिलवाती हैं और बैकग्राउंड में इसका आइकॉनिक टाइटल सॉन्ग बज रहा होता है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘इस प्रोमो की एक झलक देख कर ही सारी पुरानी यादें ताजा हो गईं। आज, जब मैं पीछे देखती हूं तो हर मेमोरी ताजा हो जाती है। आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे हर मेमोरी, हर पल याद आता है, जिसने इस शो को सबसे प्रिय बना दिया! उसी प्यार के साथ जुड़िए इस सफर से दोबारा। बुधवार से, हर रोज, शाम 5 बजे, सिर्फ स्टारप्लस पर।
8 साल चला शो
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ 3 जुलाई 2000 को स्टार प्लस पर ऑनएयर हुआ था और 6 नवंबर 2008 को इसका आखिरी एपिसोड दिखाया गया था। इसे बालाजी टेलीफिल्म्स के बैनर तले शोभा कपूर और एकता कपूर ने को-प्रोड्यूस किया था।
स्टार कास्ट की लंबी लिस्ट
इस शो की स्टार कास्ट की लिस्ट काफी लंबी है। चूंकि शो ने कई बार लीप लिया, इसलिए हर बार नए-नए कलाकार इस लिस्ट में शामिल होते चले गए, लेकिन जो सबसे ज्यादा पॉप्युलर हुए, उनके नाम हैं- स्मृति ईरानी (तुलसी), मिहिर वीरानी का रोल तीन ऐक्टर्स ने निभाया- अमर उपाध्याय, इंद्र कुमार और रॉनित रॉय। सुधा शिवपुरी (बा), मंदिरा बेदी (मंदिरा), अपरा मेहता (सविता ईरानी), सुमित सचदेव (गौतम वीरानी), हितेन तेजवानी (करण), रक्षंदा खान (तान्या), गौरी प्रधान (नंदिनी), आकाशदीप सहगल (अंश), मौनी रॉय (कृष्णा), केतकी दवे (सावरी वीरानी), हंसिका मोटवानी (बवरी वीरानी), शब्बीर अहलूवालिया (अनिकेत), करणवीर बोहरा (तुषार), प्राची शाह (पूजा), अनीता हसनंदानी (सांची) और नमन शॉ (नकुल), नारायणी शास्त्री (केसर), अमन वर्मा (अनुपम)।