Loksabha Election की पिच तैयार? Amit Shah की रमजान में बिजली पर चर्चा, योगी का मुद्दा… अब आगे क्या

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Loksabha Election की पिच तैयार? Amit Shah की रमजान में बिजली पर चर्चा, योगी का मुद्दा… अब आगे क्या

Loksabha Election की पिच तैयार? Amit Shah की रमजान में बिजली पर चर्चा, योगी का मुद्दा… अब आगे क्या


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू हो गई है। तमाम राजनीतिक दल इसके लिए तैयारी कर करते दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी अपने मुस्लिम- यादव (माय) समीकरण को मजबूत करने की कोशिश करती दिख रही है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती दलित- मुस्लिम समीकरण के जरिए एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। इन सबके बीच सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की राजनीति में अपनी पकड़ को बनाए रखने और परफॉर्मेंस को दोहराने की तैयारी में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के कार्यक्रम के जरिए जो अभियान शुरू किया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कौशांबी और आजमगढ़ के कार्यक्रमों में उसे आगे बढ़ाते दिखे हैं। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति क्या होगी? इस पर लगातार चर्चा हो रही है। अमित शाह ने आजमगढ़ की सभा में जिस प्रकार के संकेत दिए हैं, वह आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीतिक बीच मानी जा रही है। इसमें विकास का मुद्दा होगा। वहीं, हिंदुत्व के मुद्दे को भी पार्टी आगे लेकर चलेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के चेहरे और उनके एजेंडे को भी लोकसभा चुनाव में प्राथमिकता मिलनी तय मानी जा रही है। अमित शाह ने आजमगढ़ की सभा में रमजान और नमाज पर चर्चा के जरिए राजनीतिक बहस को एक नया मुद्दा दे दिया है।

अमित शाह ने क्या कहा?

आजमगढ़ की सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुझे पहले का उत्तर प्रदेश पूरी तरह याद है। लोकसभा चुनाव 2014 के पहले के समय का जिक्र करते हुए उन्होंने कीा कि मैंने प्रदेश में कई रात गुजारी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में एक भी रात ऐसी नहीं गुजरी, जब बिजली रही हो। उन्होंने कहा कि 24 घंटा बिजली तभी मिलती थी, जब रमजान का महीना आता था। अन्य दिनों में बिजली नहीं मिलती थी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की भाजपा सरकार ने यूपी को बिजली से युक्त करने का कार्य किया है। उन्होंने इसे विकास के नए युग की शुरुआत करार दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यहां पर हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना शुरू की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर घर को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो। सरकार इस योजना को पूरा कराने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में 4200 करोड़ की लागत से करीब 1355 योजनाएं पूरी कराई जाएंगी। इससे पूरे जिले में लोगों के घरों तक शुद्ध नल का जल उपलब्ध कराया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि देश में 60 फीसदी घरों को नल के जल से जोड़ा गया है। हर सेकंड एक घर को नल के जल कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 11 करोड़ 66 लाख घरों को नल के जल से जोड़ने का काम पूरा करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यूपी में भी लोगों के घरों में नल से पानी पहुंचाया जा रहा है। क्लोराइड प्रभावित इलाकों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति को संभव बनाने पर काम शुरू कर दिया गया है। किसान सम्मान योजना, शौचालय योजना और बिजली योजनाओं का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के हर गांव को बिजली के कनेक्शन से जोड़ा गया है।

शाह के बयान पर क्यों हो रही चर्चा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अब राजनीतिक चर्चा शुरू हुई है। अब तक उत्तर प्रदेश में मन की बात को उर्दू भाषा में प्रकाशित कराकर वितरित करने का मामला खूब चर्चा में रहा है। इसके अलावा मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की चर्चा होती रही है। लेकिन, अमित शाह के इस दौरे के बाद अब हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के वापस लौटने की भी चर्चा तेज होने लगी है। रमजान के महीने में 24 घंटे बिजली और अन्य दिनों में बिजली नहीं रहने के मामले को कुछ स्थानीय स्तर के नेता हिंदू त्योहारों के समय की स्थिति से जोड़ने लगे हैं। दरअसल, अभी रमजान का महीना चल रहा है। ऐसे में आजमगढ़ जैसे इलाके में इस प्रकार का जिक्र किए जाने को कई राजनीतिक एंगल से देखा जा रहा है।

विपक्ष रणनीति को लगातार दे रहा है धार

विपक्ष की ओर से लगातार अपनी राजनीति को धार दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ को उर्दू में छपवाने के मुद्दे पर अखिलेश यादव का पलटवार सामने आ चुका है। इसके अलावा वे मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। रामचरितमानस का मुद्दा उठाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन देकर अखिलेश यादव ने एक बड़े वर्ग को साधा है। वहीं, मायावती भी मुस्लिम वोट बैंक को साधने में जुटी हुई हैं। इमरान मसूद और अन्य नेताओं के जरिए वे इस वर्ग को साधने की कोशिश में हैं। अभी इस लड़ाई में कांग्रेस की विधिवत एंट्री होनी है। ऐसे में भाजपा अपने कोर वोट बैंक को बरकरार रखने की रणनीति पर लौटती दिख रही है।

योगी का कार्य बड़ा मुद्दा

भाजपा के लिए यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्य बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कोरोना काल में मुफ्त अनाज योजना ने दलित-पिछड़े वर्ग के बीच उनकी छवि को बड़ा बनाया है। वहीं, कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए बुलडोजर मॉडल की चर्चा अब अन्य प्रदेशों में होने लगी है। पिछले दिनों बीते रामनवमी और हनुमान जयंती के शांतिपूर्ण आयोजन के पीछे योगी सरकार की नीति को कारण बताया जा रहा है। देश के अन्य राज्यों में जिस प्रकार के मामले आए, उसको लेकर योगी उदाहरण बनकर उभरे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी इन मामलों को लेकर योगी की पीठ थपथपाते दिखे हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष को देश के सबसे बड़े प्रदेश और सबसे अधिक 80 सीटों वाले राज्य में दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। वहां पर भाजपा अपने आजमाए फॉर्मूले की तरफ लौटती दिख रही है।

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