Madhyapradesh में पहली बार मंदाकिनी तट पर गंगा शयन आरती
चित्रकूट में पांच पंडितों ने शुरू की वाराणसी की तर्ज पर गंगा आरती
सतना. विगत सप्ताह चित्रकूट पहुंचीं पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर के निर्देश के बाद चित्रकूट के मध्यप्रदेश हिस्से में रविवार को गंगा आरती का शुभारंभ हो गया। इससे यहां आने वाले श्रद्धालु और दर्शनार्थी पुण्य सलिला मंदाकिनी तट पर न केवल अलौकिक दृश्य का लाभ ले सकेंगे बल्कि प्रदेश के हिस्से की भव्यता में भी इजाफा होगा। बता दें कि चित्रकूट में मंदाकिनी तट पर गंगा आरती काफी पहले से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ कराई जा चुकी है। रामघाट में होने वाली सांध्यकालीन गंगा आरती को देखने काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के हिस्से के घाट सूने पड़े रहते थे। जबकि काफी संख्या में मध्यप्रदेश के श्रद्धालु यहां आते रहे हैं। इसको देखते हुए मध्यप्रदेश के हिस्से को नई पहचान देने पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर और सांसद गणेश सिंह ने यहां भी गंगा आरती के शुभारंभ का निर्णय लिया था।
अमृत काल में मां गंगा की महाआरती
धर्मनगरी चित्रकूट में रविवार को वाराणसी की तर्ज पर भव्य गंगा आरती की शुरुआत की गई। नगर पंचायत कार्यालय के पास स्थित बड़े हनुमान मंदिर परिसर में शाम ७.३० बजे पांच पंडितों ने अमृत काल में मां गंगा की महाआरती की। इसमें धर्मनगरी के सभी प्रमुख साधु-संत व जनप्रतिनिधियों के साथ आमश्रद्धालु शामिल हुए। चित्रकूट में गंंगा आरती इससे पहले मंदाकिनी के राघव प्रयागराज घाट में होती थी, लेकिन कोरोनाकाल में इसे बंद कर दिया गया था। मप्र सरकार ने आचार्य आश्रम के सहयोग से पहली बार गंगा आरती की शुरुआत की है। खास बात यह कि रविवार से ही गुप्त नवरात्र शुरू हो रही। ऐसे में गंगा आरती का विशेष महत्व है। रविवार शाम इसके शुभारंभ पर सांसद गणेश सिंह, डीआीआई निवर्तमान संरक्षक मदनदास देवी, संगठन सचिव अभय महाजन, एसडीएम पीएस त्रिपाठी, नगर परिषद सीएमओ सहित अन्य अमला मौजूद रहा। शुभारंभ अवसर पर सांसद गणेश सिंह सहित अन्य ने कहा कि गंगा आरती को और विहंगम और भव्य बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
मंत्री ने बैठक में दिए थे निर्देश
विगत दिनों चित्रकूट विकास और विस्तार को लेकर उच्चस्तरीय बैठक के दौरान जब पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने पाया कि यह बैठक किसी बड़े नतीजे पर नहीं पहुंच रही, तो उन्होंने यहां के लोगों को एक बड़ी सौगात के रूप में मंदाकिनी तट पर गंगा आरती शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने आवश्यक तैयारियां और इंतजाम करने नगर परिषद को जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद यहां व्यापक पैमाने पर घाट सुधार और सफाई का काम किया गया। साथ ही मंदाकिनी तट पर शेड और रेलिंग बनाते हुए आरती स्थल बनाया गया। गंगा आरती के लिए आचार्य आश्रम के पांच पुरोहितों को इसकी जिम्मेदारी दी गई। व्यवस्था तय होने के बाद गंगा आरती का पूर्वाभ्यास लगातार किया गया। सब कुछ व्यवस्थित होने के बाद रविवार से मध्यप्रदेश के हिस्से में पहली बार गंगा आरती का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कलेक्टर अजय कटेसिया, एसपी धर्मवीर सिंह, मदनदास देवी, अभय महाजन सहित काफी संख्या में संत समुदाय मौजूद रहा।
चित्रकूट में पांच पंडितों ने शुरू की वाराणसी की तर्ज पर गंगा आरती
सतना. विगत सप्ताह चित्रकूट पहुंचीं पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर के निर्देश के बाद चित्रकूट के मध्यप्रदेश हिस्से में रविवार को गंगा आरती का शुभारंभ हो गया। इससे यहां आने वाले श्रद्धालु और दर्शनार्थी पुण्य सलिला मंदाकिनी तट पर न केवल अलौकिक दृश्य का लाभ ले सकेंगे बल्कि प्रदेश के हिस्से की भव्यता में भी इजाफा होगा। बता दें कि चित्रकूट में मंदाकिनी तट पर गंगा आरती काफी पहले से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ कराई जा चुकी है। रामघाट में होने वाली सांध्यकालीन गंगा आरती को देखने काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के हिस्से के घाट सूने पड़े रहते थे। जबकि काफी संख्या में मध्यप्रदेश के श्रद्धालु यहां आते रहे हैं। इसको देखते हुए मध्यप्रदेश के हिस्से को नई पहचान देने पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर और सांसद गणेश सिंह ने यहां भी गंगा आरती के शुभारंभ का निर्णय लिया था।
अमृत काल में मां गंगा की महाआरती
धर्मनगरी चित्रकूट में रविवार को वाराणसी की तर्ज पर भव्य गंगा आरती की शुरुआत की गई। नगर पंचायत कार्यालय के पास स्थित बड़े हनुमान मंदिर परिसर में शाम ७.३० बजे पांच पंडितों ने अमृत काल में मां गंगा की महाआरती की। इसमें धर्मनगरी के सभी प्रमुख साधु-संत व जनप्रतिनिधियों के साथ आमश्रद्धालु शामिल हुए। चित्रकूट में गंंगा आरती इससे पहले मंदाकिनी के राघव प्रयागराज घाट में होती थी, लेकिन कोरोनाकाल में इसे बंद कर दिया गया था। मप्र सरकार ने आचार्य आश्रम के सहयोग से पहली बार गंगा आरती की शुरुआत की है। खास बात यह कि रविवार से ही गुप्त नवरात्र शुरू हो रही। ऐसे में गंगा आरती का विशेष महत्व है। रविवार शाम इसके शुभारंभ पर सांसद गणेश सिंह, डीआीआई निवर्तमान संरक्षक मदनदास देवी, संगठन सचिव अभय महाजन, एसडीएम पीएस त्रिपाठी, नगर परिषद सीएमओ सहित अन्य अमला मौजूद रहा। शुभारंभ अवसर पर सांसद गणेश सिंह सहित अन्य ने कहा कि गंगा आरती को और विहंगम और भव्य बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
मंत्री ने बैठक में दिए थे निर्देश
विगत दिनों चित्रकूट विकास और विस्तार को लेकर उच्चस्तरीय बैठक के दौरान जब पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने पाया कि यह बैठक किसी बड़े नतीजे पर नहीं पहुंच रही, तो उन्होंने यहां के लोगों को एक बड़ी सौगात के रूप में मंदाकिनी तट पर गंगा आरती शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने आवश्यक तैयारियां और इंतजाम करने नगर परिषद को जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद यहां व्यापक पैमाने पर घाट सुधार और सफाई का काम किया गया। साथ ही मंदाकिनी तट पर शेड और रेलिंग बनाते हुए आरती स्थल बनाया गया। गंगा आरती के लिए आचार्य आश्रम के पांच पुरोहितों को इसकी जिम्मेदारी दी गई। व्यवस्था तय होने के बाद गंगा आरती का पूर्वाभ्यास लगातार किया गया। सब कुछ व्यवस्थित होने के बाद रविवार से मध्यप्रदेश के हिस्से में पहली बार गंगा आरती का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कलेक्टर अजय कटेसिया, एसपी धर्मवीर सिंह, मदनदास देवी, अभय महाजन सहित काफी संख्या में संत समुदाय मौजूद रहा।