Maharashtra News: अनिल देशमुख की कंपनी के डमी डायरेक्टर की सैलरी 15 हजार रुपये

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Maharashtra News: अनिल देशमुख की कंपनी के डमी डायरेक्टर की सैलरी 15 हजार रुपये

मुंबई: अनिल देशमुख(Anil Deshmukh) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग(Money Laundering) केस में ईडी(ED) ने कई अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया और दर्जनों गवाहों के स्टेटमेंट भी लिए। ऐसा ही स्टेटमेंट एक डमी डायरेक्टर सुरेश राय का भी सामने आया है, जिसकी मासिक सैलरी है महज-15 हजार 300 रुपये। उसने ईडी को बताया कि वह एक फील्ड वर्कर के तौर पर काम करता है। वह बैंक, कोर्ट और अलग-अलग वकीलों के ऑफिस जाता था, जैसा कि उसके मालिक उससे कहते थे। उसने दावा किया कि वी़ ए़ रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में वह महज डमी डायरेक्टर था। सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन कंपनी से जुड़ी सारी गतिविधियों में शामिल थे। सिर्फ कागज पर उसे संबंधित कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था। वह सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन के कहने पर कंपनी से उनके दिए कागजातों पर सिग्नेचर करता था।

महाराष्ट्र में पुलिस अफसरों के ट्रांसफर का खेल
राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ओएसडी रवि व्हटकर ने ईडी को दिए बयान में कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए पुलिस इंस्पेक्टरों के नाम को अंतिम रूप देने के सिलसिले में अनिल देशमुख, पर्यावरण मंत्री अनिल परब और संबंधित पुलिस आयुक्त निजी और गोपनीय मीटिंग करते थे। इन मींटिंग्स का कोई रेकॉर्ड नहीं रखा जाता था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में अनिल देशमुख के खिलाफ दायर चार्जशीट में ईडी ने कई लोगों को गवाह बनाया है। इनमें रवि व्हटकर भी हैं। व्हटकर ने ईडी को बताया है कि पुलिस इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के ट्रांसफर की सूची तैयार करना उनके काम में शामिल था। उनका दावा है कि अनिल परब खुद धनेश्वरी, सह्याद्री या मंत्रालय में देशमुख से मिलते थे और अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में शिवसेना की सिफारिशों की सूची के बारे में उनसे बात करते थे।

ट्रांसफर के लिए मिलती थीं कई सिफारिशें
जब ईडी ने महाराष्ट्र में पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट तैयार करने में उनकी भूमिका के बारे में व्हटकर से पूछताछ की, तो उन्होंने कहा, ‘पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पुलिस अफसरों के ट्रांसफर के लिए महाराष्ट्र के मंत्रियों, विधायकों, एमएलसी और पार्टी प्रतिनिधियों से कई सिफारिशें मिलती थीं। उन सिफारिशों को छांटने और सूचीबद्ध करने का काम देशमुख ने मुझे सौंप रखा था।’ उन्होंने कहा, ‘देशमुख के निर्देश पर मैं उनके पुलिस ट्रांसफर से जुड़े मौखिक आदेश को पुलिस आस्थापना बोर्ड (PEB) को यह कहकर भेजते थे कि इन सिफारिशों पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाए।

अनिल देशमुख

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