2018 की महाशिवरात्रि है इसलिए ख़ास

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महाशिवरात्रि का दिन नजदीक है. फरवरी शुरू होते ही इस धार्मिक पर्व की तैयारियां शुरू हो जाती है क्यूंकी हर साल ये पर्व आमतौर पर फरवरी या मार्च में ही मनाया जाता है. उम्मीद है कि हर साल की तरह इस साल भी भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. इस साल महाशिवरात्रि १४ फरवरी 2018 को मनाई जाएगी.

पूजा पाठ के लिए ख़ास महत्व

महाशिवरात्रि को ‘भगवान शिव की महान रात’ के रूप में मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है. यह पर्व अंधकार और अज्ञान की हार का प्रतीक है.. महाशिवरात्रि की पूरी रात पूजा और कीर्तन किया जाता है.

Mahashivratri -

बता दें कि गुजरात का सोमनाथ और उज्जैन का महाकलेश्वर मंदिर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर हैं, जहां भक्त हर साल शिवरात्रि के शुभ मौके पर लाखों की संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा कई भक्त गंगा स्नान के लिए वाराणसी भी जाते हैं.

आराध्य को खुश करते हैं भक्त

महाशिवरात्रि के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद अपने प्रिय देवता के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं. शिव भक्त इस दिन देवता का अभिषेक करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन अभिषेक को काफी अहम माना जाता है. इस दिन शिव भक्त ओम नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ शिवलिंग का दूध, शहद, दही और चंदन से अभिषेक करते हैं. इसके अलावा बेर, बेलपत्र और फूल आदि भी भगवान को अर्पित किए जाते हैं.

कुछ भक्त तो पूरे विधि-विधान के साथ उपवास भी रखते हैं. ज्यादातर भक्त व्रत के दौरान फल के साथ-साथ दूध और पानी का भी सेवन करते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पानी की एक बूँद तक नहीं पीते.