Maneka Gandhi Birthday Special: मॉडलिंग छोड़ राजनीति में कुछ यूं आई थी मेनका गांधी, रोचक हैं उनका सफरनामा

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Maneka Gandhi Birthday Special: मॉडलिंग छोड़ राजनीति में कुछ यूं आई थी मेनका गांधी, रोचक हैं उनका सफरनामा

Maneka Gandhi Birthday Special: यूं हुई थी मेनका की संजय गांधी से शादी, पति की मौत के बाद खुद को ऐसा किया स्थापित।

लखनऊ. सुल्तानपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) का आज 65वां जन्मदिन है। विवादों व लाइमलाइट में सदा दूर रहने वाली मेनका गांधी का ज्यादातर ध्यान समाजसेवा (Maneka Gandhi Social Work) और पशुओं (Maneka Gandhi Love for Animal) की देखभाल करने में निकलता है। उनका पशुप्रेम जग जाहिर है। आज भी वह सार्वजनिक मंच व सोशल मीडिया पर बेजुबान पुश चाहे व घोड़े हों या सड़कों पर आवारा कुत्ते हो, की आवाज बनी हैं। आज उनके जन्मदिन पर जरा एक नजर डालते है गांधी परिवार की बहू बनने से लेकर भाजपा से सांसद बनने तक के उनके कुछ रोचक तथ्यों पर-

Maneka Gandhi and Sanjay Gandhi Love Story-

– मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त, 1956 को नई दिल्ली में हुआ था। बेहद खूबसूरत मेनका गांधी को 17 साल की उम्र में पहला मॉडलिंग ब्रेक मिला। बॉम्बे डाइंग के एड को देख पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र स्वर्गीय संजय गांधी, मेनका के दिवाने हो गए। 1973 में दोनों की पहली मुलाकात हुई थी, जो जल्द ही प्यार में तब्दील हो गई। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन इंदिरा गांधी को रिश्ता नामंजूर था। अंत में 23 सितंबर, 1974 में 18 साल की मेनका के साथ उनसे दस साल बड़े संजय गांधी की शादी हो गई। शादी के बाद सास इंदिरा ने रातों-रात मेनका के बॉम्बे डाइंग के पोस्टर हटवा दिये थे।

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Maneka Gandhi struggle post husband Sanjay Gandhi’s death

– 1982 में एक एयर क्रैश में संजय गांधी का निधन हो गया था। बाद में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा आयोजित रैलियों में मेनका के हिस्सा लेने व सत्ता हासिल करने के शक में सास इंदिरा गांधी ने उन्हें घर से निकाल दिया था। महज 23 साल की उम्र और साथ में केवल 100 दिन के वरुण गांधी की जिम्मेदारी के साथ उनका जीवन बड़ा संघर्षमय हो गया था। इससे पहले गांधी परिवार में रहते हुए मेनका अक्सर संजय के साथ दौरों पर जाती थीं। पति व कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने के लिए मेनका ने एक मासिक पत्रिका सूर्या का प्रकाशन भी शुरू किया था। लेकिन पति की मौत के बाद सब बदल गया।

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Maneka Gandhi Political Journey

– ससुराल से निकलने के बाद मेनका एक कमरे का घर लेकर रहने लगीं। पति संजय गांधी के उन्होंने ट्रक बेचकर कुछ पैसे इकट्ठा किए। किताबें व मैगजीन के लिए उन्होंने लिखना शुरू किया। और धीरे धीरे खुद को स्थापित किया। बाद में मेनका ने राष्ट्रीय संजय मंच का गठन किया। आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने पांच में चार सीटें भी जीतीं। मेनका ने 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गईं। 1988 में वीपी सिंह की जनता दल पार्टी में वह शामिल हो गईं। 1989 लोकसभा चुनाव में मेनका पहली बार सांसद बनीं और केंद्रीय मंत्री भी बनीं। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वह लगातार पीलीभीत से सांसद चुनी गईं। वर्तमान में वह सुल्तानपुर से सांसद है।

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Maneka Gandhi Love for Animals

– मेनका गांधी का पशुओं के प्रति प्यार किसी से नहीं छिपा है। वह सोशल मीडिया व सार्वजनिक मंचों के जरिए लोगों को पशुओं के प्रति काफी समय से जागरूक करती आ रही हैं। उनकी एक संस्था है, जिसका नाम ‘पीपल फॉर एनिमल्स’ है। यह संस्था पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाती है। हाल में एक तिरंगे घोड़े की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस पर इस संस्था ने ऐसे करने वाले के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पुलिस में शिकायत की। मेनका ऐसे मामले में अपनी पार्टी के सदस्यों से भी कोई समझौता नहीं करतीं। वाराणसी में एक गेस्ट हाउस संचालक ने एक आवारा कुत्ते को अपनी गाड़ी से कुचला दिया था। मेनका गांधी ने उस संचालक को भी नहीं बक्शा। बीते साल पशुओं की तस्करी करने वाले को जेल भेजकर उन्होंने भैसों, भेड़, बकरियों जैसे 114 पशुओं की जान बचाईं थी। आगरा के एक वेटरनरी डॉक्टर ने एक कुत्ते की सर्जरी की थी, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। इस पर मेनका ने डॉक्टर को फोन पर डांटते हुए पीड़ित के मालिक को मुआवजा देने का आदेश दिया थ।



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