भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले किया बड़ा फेरबदल तो कांग्रेस ने लिया आड़े हाथ

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने एक बड़ा क़दम उठाया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस फैसले के प्रभाव सीधे तौर पर हिन्दू वोट बैंक पर पड़ेगा. मध्यप्रदेश सरकार ने पांच हिंदू धर्म गुरुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है. ये धर्म गुरु हैं नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भैयू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत. इन सभी को नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए गठित विशेष समिति में 31 मार्च को शामिल किया गया है.

बताया जा रहा है कि मंगलवार को इन्हें राज्य मंत्री का दर्जा देने का आदेश जारी हुआ है. इनमें से एक कंप्यूटर बाबा ने नर्मदा बचाओ के काम में भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने का एलान किया है. इधर राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार धर्मगुरुओं के नाम पर राजनीति कर रही है.

राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले कंप्यूटर बाबा ने कहा कि साधू समुदाय की ओर से हम पर विश्वास जताने के लिए सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. हम समाज के कल्याण के लिए सदा तत्पर रहेंगे और अपना बेस्ट देंगे.

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वहीं, विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार संतों की धार्मिक अपील का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इसे धर्मगुरुओं के नाम पर राजनीतिक नौटंकी करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने नर्मदा संरक्षण की अनदेखी की. उन्होंने कहा कि इन संतों को इस बात का निरीक्षण करना चाहिए कि आखिर राज्य सरकार ने 6 करोड़ रुपये के पौधे कहां लगाए हैं, जैसा वह दावा करती है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा कि यह एक राजनीतिक छलावा है. वोटों को पाने के लिए शिवराज सिंह का षडयंत्र है. ये सारा कुछ वोट पाने की खातिर किया जा रहा है.

कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि शिवराज चौहान की कमजोरी नज़र आ रही है. यूपी में सीएम भगवाधारी बने. इसलिए अब वह चाह रहे हैं कि बाबाओं के सहारे चुनाव जीत जाएं, जो असंभव है. उन्होंने कहा कि चुनावी वैतरनी बाबाओं के भरोसे मध्य प्रदेश में पार नहीं होगा.