अंकित के पिता ने कहा 1000 की भीड़ में मदद को नही आया कोई, अब इसे हिन्दू मुस्लिम मामला न बनाए

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दिल्ली के रघुबीर नगर इलाके में 23 वर्षीय फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की मौत का मामला दिन ब दिन संगीन रूप लेता जा रहा है. अंकित की मौत को लेकर हर तरफ आक्रोश है और सोशल मीडिया पर उसे इंसाफ दिलाने की मुहिम भी चल रही है. लेकिन कुछ लोग इस मामले को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने पर तुले हुए हैं. अंकित के ज़रिये नफरत की राजनीती को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. इन सब बातों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अंकित के पिता ने एक बड़ा बयान दिया है.

बहुत सपने संजोये थे, अब क्या बताऊँ

अपने जवान बेटे को खो चुके एक पिता की ये अपील सुनकर आप भी सोचने परे मजबूर हो जाएंगे. अंकित के पिता के अनुसार मैं सभी चैनल्स और मीडिया हाउस से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि इसे हिंदू मुस्लिम दंगा न बनाएं. मुझे किसी मुस्लिम से कोई नफरत नहीं है.

उन्होंने बताया कि “इस जुर्म के लिए सभी जिम्मेवार नहीं है. मेरे बेटे को बचाने के लिए 1000 की भीड़ में कोई आगे नहीं आया. मेरी पत्नी का इलाज कराने के लिए मनोज तिवारी का शुक्रिया. मैंने अपने बेटे के लिए बहुत सपने संजोए थे, लेकिन अब मैं आपको क्या बताऊं.

मुझे ये जानकारी थी कि मेरा बेटा और वो लड़की दोस्त हैं लेकिन रिश्ते के बारे में मुझे ज़्यादा पता नहीं था. उन्‍होंने कहा कि मेरा बेटा कहता था कि पापा शादी मैं आपकी मर्जी से करूंगा, लेकिन लड़की मेरी पसंद की होगी. इस मामले में इंसाफ दिलवाने के लिए जो भी मदद कर रहे हैं उनका शुक्रिया.”

Murder case -

हत्या से चंद मिनट पहले का विडियो

पुलिस को जांच के दौरान अंकित की मौत से नौ मिनट पहले का एक सीसीटीवी फुटेज मिला है. इस विडियो में अंकित काले रंग की जैकेट में नज़र आ रहा है. वह किसी से फोन पर बात कर रहा है. सीसीटीवी फुटेज में अंकित एक मिनट तक दिखाई दे रहा है. यह वीडियो रात आठ बजकर चार मिनट से लेकर आठ बजकर पांच मिनट के बीच का है.

लड़की की माँ ने रचा षड्यंत्र

अंकित की हत्या के घटनास्थल के पास दुकान चलाने वाले पप्पू ने पुलिस को बताया कि लड़की की मां ने अंकित के कार में टक्कर मारी. अंकित नहीं जानता था कि स्कूटर उसकी गर्लफ्रेंड की मां चला रही है. जैसे ही वह बाहर आया, लड़की की मां उस पर आरोप लगाने लगी. युवती के पिता, चाचा और उसके 16 वर्षीय भाई ने उनके संबंधों को लेकर आपत्ति जताई और उससे दूर रहने को कहा. इसके बाद बहस के बाद युवती के पिता ने सड़क पर ही अंकित की गला रेत कर हत्या कर दी.

दुकान मालिक का कहना है कि अंकित को धोखे से मारा गया. पप्पू ने कहा, “उसे पीछे से पकड़कर मारा गया. सामने आते तो अंकित चार लोगों पर भारी पड़ता. उस वक़्त इतना ख़ून बह रहा था कि पूछिए मत…”

मीडिया फिर सवालों के घेरे में

अंकित के एक दोस्त ने मीडिया में आ रही ख़बरों पर आक्रोश जताया है. अंकित के दोस्त के मुताबिक़, मीडिया में ख़बरें आ रही हैं कि लड़की दो दिन से लापता थी. ऐसा कुछ नहीं है, वो उसी दिन शाम को बाहर निकली थी और उसे वापस लौटने में देर हुई तो उसके माता-पिता, भाई और चाचा ने अंकित को बीच सड़क पर रोक लिया. हमारे मौहल्ले में कल एक आदमी आया था. कह रहा था, आप एक आवाज़ उठाइए, 100 बंदे खड़े हैं, मस्जिद में चलते हैं. हमने तुरंत फ़ोर्स बुलाई तो वो भाग चला गया.

वो आदमी कौन था? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “पता नहीं कौन था वो. उससे पहले मनोज तिवारी (बीजेपी के दिल्ली के अध्यक्ष) यहां आए थे. उनके जाते ही एकदम से आया था. हमें कुछ नहीं मालूम, हमें झगड़ा नहीं बढ़ाना.”

अंकित के पड़ोस की एक महिला ने भी मीडिया से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, “हमने हिंदू-मुस्लिम वाली बात उठाई ही नहीं. ये बातें मीडिया ने उछाली हैं. हमारा तो मीडिया से भरोसा उठ गया है. झगड़ा बढ़ाने के लिए बहुत से लोग आए लेकिन हम अपने बच्चे की मिट्टी खराब नहीं करना चाहते.”