नई दिल्ली: दिल्ली में कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता में काफी खराब स्थिति पाई जा रहीं है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रूपये का जुर्माना ठोक दिया है. दिल्ली सरकार द्वारा यह जुर्माना प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के कारण लगाया गया है.
दिल्ली सरकार को प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स को जल्द से जल्द बंद करवाने का आदेश- एनजीटी
आपको बता दें कि एनजीटी ने रिहायशी इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के संचालन पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. ये ही नहीं एनजीटी ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स को जल्द से जल्द बंद करवाने का आदेश भी दिया है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की.
दिल्ली सरकार के खिलाफ पचास करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार के खिलाफ पचास करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में एक एनजीओ ऑल इंडिया लोकाधिकार संगठन ने एनजीटीमें याचिक भी दायर की है. इस संगठन का काम एनजीटी के आदेशों को लागू कराने के लिए देखरेख करता है.
रिहायशी इलाकों में चलने वाली स्टील कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में डाला था- एनजीटी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीटी ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी को रिहायशी इलाकों में चलने वाली स्टील कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में डाला था और इनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. दिल्ली सरकार पर आरोप है कि वजीरपुर इलाके में चलने वाली कई इंडस्ट्रीज खुले नालों में अपने अपशिष्ट को चीजों को बहा देती हैं, जो आखिर में जाकर यमुना नदी में मिल जाती है. जिसको लेकर एनजीटी ने अपनी नाराजगी जताई है.
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लेकिन सोमावर से दिल्ली में इमरजेंसी प्लान लागू किये गए. सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए गठित अथॉरिटी की सदस्य अरुणिमा चौधरी ने कहा है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन के तहत दिल्ली में जेनरेटर्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लागू रहेगा.