NSE: डार्क फाइबर केस में NSE, चित्रा रामकृष्ण को आंशिक राहत, जानें क्या है मामला

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NSE: डार्क फाइबर केस में NSE, चित्रा रामकृष्ण को आंशिक राहत, जानें क्या है मामला

NSE: डार्क फाइबर केस में NSE, चित्रा रामकृष्ण को आंशिक राहत, जानें क्या है मामला

मुंबई: डार्क फाइबर केस (Dark Fibre Case) की धुंधली यादें तो अभी भी आपके जेहन में होंगी। आपने सही समझा, यह शेयर के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जुड़ा मामला है। इसी माममले में सिक्‍युरिटीज अपीलेट ट्रिब्‍यूनल (SAT) ने NSE और कुछ ब्रोकर्स और अन्य को आंशिक राहत दी है। SAT ने अवैध लाभ लौटाने का सेबी का ऑर्डर और चित्रा रामकृष्णन तथा अन्य के पद पर रोक के आदेश को भी खारिज कर दिया है। साथ ही सेबी को ब्‍याज सहित 62.58 करोड़ रुपये रुपए की रकम NSE को लौटाने का आदेश दिया है।

SAT से SEBI को मिला महीने भर का समय

सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की रकम लौटाने के लिए बाजार नियामक सेबी को महीने भर का समय दिया है। हालांकि, ब्रोकर्स के कामकाज पर कुछ पाबंदियों को ट्रिब्यूनल ने सही माना है। इसके साथ ही 7.5 करोड़ रुपये की जमा कराई पेनाल्टी की रकम को भी लौटाने का आदेश दिया है।

क्या है यह मामला

यह मामला अनलिमिटेड फाइबर नेटवर्क का है। बताया जाता है कि इसे बिछाया जा चुका है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हुआ है। पहले ऐसी भी जानकारी सामने आई थी कि एनएसई ने कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को एक्सचेंज में सर्वर लगाने की अनुमति दी थी। इससे कुछ ब्रोकिंग कंपनियों को अन्य दलालों के मुकाबले पहले जानकारी मिल जाती थी। एक तरह से कहा जाए तो ‘डार्क फाइबर’ के रूप में उन्हें अन्य सदस्यों का तुलना में ‘को-लोकेशन’ सुविधा से जुड़ने की सुविधा दी गई थी। इसका लाभ उठा कर वे भरपूर मुनाफा काट रहे थे। इसकी भनक मिलने के बाद सेबी ने 2009 से 2016 के दौरान कुछ यूनिट के साथ डीलिंग की जांच की थी। सेबी की जांच में पता चलाा था कि इससे कुछ ब्रोकरों को फायदा हुआ था। इस मामले में सीबीआई ने भी एफआईआर दर्ज की थी।

कौन है चित्रा रामकृष्ण
चित्रा रामकृष्ण एक समय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एमडी एंड सीईओ थी। वह अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक इस पद पर रही थी। रामकृष्ण पर एनएसई से जुड़े कुछ संवेदनशील जानकारी को दूसरे व्यक्तियों से साझा करने का आरोप है। उस समय एनएसई के ग्रुप पेसिडेंट रवि वाराणसी थे एनएसई के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमणियम थे।

सेबी ने किनके ऊपर लगाया था जुर्माना
सेबी ने बीते साल जून में जिन पर जुर्माना लगाया था, उनमें एनएसई, चित्रा रामकृष्ण, सुब्रमणियम आनंद, रवि वाराणसी, नागेंद्र कुमार SRVS,देवीप्रसाद सिंह, एमआर शशिभूषण, प्रशांत डिसूजा, ओम प्रकाश गुप्ता, सोनाली गुप्ता, राहुल गुप्ता, नेताजी पाटिल, रीमा श्रीवास्तव, प्रशांत मित्तल और मोहित मुतरेजा शामिल हैं। एनएसई पर सात करोउ़ रुपये, रामकृष्ण और वाराणसी पर पांच-पांच करोड़ रुपये और सुब्रमणियम पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था।

(With PTI input)

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