Omprakash Rajbhar: चुनाव से शुरू, नतीजों पर खत्‍म, ओपी राजभर और अखिलेश यादव की ये अजीब दास्‍तां

109
Omprakash Rajbhar: चुनाव से शुरू, नतीजों पर खत्‍म, ओपी राजभर और अखिलेश यादव की ये अजीब दास्‍तां

Omprakash Rajbhar: चुनाव से शुरू, नतीजों पर खत्‍म, ओपी राजभर और अखिलेश यादव की ये अजीब दास्‍तां

लखनऊ: सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Akhilesh yadav) संग गठबंधन टूटने की अटकलों पर एक बयान दिया था। एक चैनल से बातचीत में उन्‍होंन तलाक यानी गठबधंन टूटने के पेपर तैयार करने के एक सवाल के जवाब में कहा, हम कबूल के लिए तैयार हैं, बस वो (अखिलेश यादव) दस्तखत कर दें। शनिवार को सपा ने एक लेटर जारी करके कहा कि राजभर जहां ज्‍यादा सम्‍मान मिले वहां जाने के लिए आजाद हैं। इस पर जवाब देते हुए राजभर बोले, अब तो उनका तलाक आ गया।

अब अटकलें लग रही हैं कि ओपी राजभर कहां जाएंगे, क्‍या फिर से बीजेपी का दामन थामेंगे या बीएसपी में शामिल हो जाएंगे। शनिवार को बातचीत में कुछ ऐसे संकेत मिले कि वह बीएसपी में जा सकते हैं। बहरहाल, समाजवादी पार्टी से उनके समीकरण कहां से बिगड़ने शुरू हुए इस पर नजर डालें तो वजहों का सिरा यूपी विधानसभा चुनाव तक जा पहुंचता है।

चुनाव पहले हुआ गठबंधन
सुभासपा और सपा का गठबंधन यूपी विधानसभा चुनाव के पहले हुआ। नतीजे उम्‍मीद से उलट आए, सपा सत्‍ता से दूर रह गई। इसके बाद ही गठबंधन में दूरियां दिखने लगीं। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद तो ओपी राजभर खुलकर अखिलेश को नसीहत देने लगे।

आजमगढ़ उपचुनाव में अखिलेश गैरमौजूद
राजभर प्रचार के लिए आजमगढ़ गए लेकिन अखिलेश एक दिन भी नहीं गए। नतीजों के बाद राजभर ने कहा, साल 2022 के विधानसभा चुनाव की हार से अखिलेश यादव ने कोई सबक नहीं लिया। वह एसी कमरे से ही बाहर नहीं निकलते। आजमगढ़ में प्रचार के लिए अखिलेश की गैरमौजूदगी पर भी राजभर जमकर बरसे।

ओपी राजभर ने दी नसीहतें
उन्‍होंने कहा, भविष्‍य की राजनीति के लिए अखिलेश को भाजपा की तरह घर से निकल कर पार्टी संगठन को मजबूत करना होगा। यदि वह आजमगढ़ निकले होते तो आजमगढ़ में इतने कम मतों से हार नहीं देखनी पड़ती। यह नसीहतें अखिलेश यादव के गले नहीं उतरीं। दोनों के बीच दूरी बढती गई। हार की समीक्षा बैठक में अखिलेश ने न राजभर को बुलाया न शिवपाल यादव को।

राष्‍ट्रपति चुनाव बना आग में घी
अलगाव की इस आग में घी का काम किया राष्‍ट्रपति चुनाव ने। राष्‍ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्‍त उम्‍मीदवार थे यशवंत सिन्‍हा। वह लखनऊ में सपा कार्यालय आए लेकिन उस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में ओपी राजभर शामिल नहीं थे। बाद में राजभर ने बताया कि उनको न्‍यौता नहीं मिला। शाम को राजभर एनडीए की उम्‍मीदवार द्रौपदी मुर्मू के डिनर में शामिल होने सीएम योगी आदित्‍यनाथ के आवास पर जा पहुंचे।

राजभर को मिली वाई कैटिगरी सुरक्षा
राजभर ने मुर्मू को वोट भी दिया। द्रौपदी मुर्मू जीत गईं, यहां बीजेपी ने ओपी राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा भी दे दी। राजभर भी दिल्‍ली जाकर अमित शाह से मिल चुके थे। इन सब बातों से साफ होने लगा था कि अखिलेश और राजभर के रास्‍ते अब बहुत दूर तक साथ नहीं चलेंगे। लेकिन राजभर गठबंधन टूट की पहल नहीं करना चाहते थे।

शनिवार को आ गया लेटर
आखिरकार, शनिवार को सपा ने एक लेटर जारी करके कहा, ‘ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News