Covid Vaccination in UP: यूपी के हर जिले में अब अभिभावक बूथ, 12 साल तक के बच्चों के पैरंट्स को प्राथमिकता, जानें और क्या होगा खास

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Covid Vaccination in UP: यूपी के हर जिले में अब अभिभावक बूथ, 12 साल तक के बच्चों के पैरंट्स को प्राथमिकता, जानें और क्या होगा खास

Covid Vaccination in UP: यूपी के हर जिले में अब अभिभावक बूथ, 12 साल तक के बच्चों के पैरंट्स को प्राथमिकता, जानें और क्या होगा खास

हाइलाइट्स:

  • यूपी में कम हो रहे कोरोना वायरस के मामले, अब कोविड वैक्सीनेशन पर फोकस
  • यूपी में योगी सरकार ने तीसरी लहर को देखते हुए शुरू की तैयारियां
  • 12 साल से कम उम्र के बच्चों के पैरंट्स के लिए अलग बूथ बनाकर वैक्सीनेशन कराने का दिया आदेश

लखनऊ
कोरोना की दूसरी लहर के बीच योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में 12 साल तक के बच्चे के पैरंट्स को कोरोना वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता देने का फैसला किया है। यूपी सरकार इसके लिए हर वैक्सीनेशन सेंटर पर अभिभावक बूथ बनाएगी। इसका मकसद है कि बच्चों में होने वाले संभावित कोरोना संक्रमण को रोकना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिन अभिभावकों के बच्चे 12 साल से कम उम्र के हैं, उनको वैक्सिनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में इसके लिए कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि हर जिले में अभिभावक स्पेशल बूथ बनाएं और अभिभावकों को संपर्क कर उन्हें वैक्सिनेशन के लिए बुलाएं। इससे अभिभावक और बच्चे दोनों सुरक्षित रहेंगे।

जनप्रतिनिधियों को कहा लोगों को करें जागरूक
सीएम ने अभिभावक बूथ योजना को अभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण से यह सिद्ध हो चुका है कि कोविड की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि जनप्रतिनिधि व प्रशासन इस बारे में लोगों को जागरूक करें। जनप्रतिनिधियों को भी वैक्सिनेशन सेंटर पर बुलाया जाए। वैक्सिनेशन कार्यक्रम तय करते समय मांग-आपूर्ति का ध्यान रखें और गांवों में भी बूथ बनाएं।

सीएचसी-पीएचसी को गोद लें विधायक

सीएम ने कहा कि सभी जिलों में सीएचसी-पीएचसी को मजबूत बनाया जाए। मैनपॉवर की उपलब्धता तय कर लें। इसमें सांसद, विधायक, महापौर, पार्षदों की मदद लें। बेसिक शिक्षा विभाग के ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग भी अभियान चला कर सुविधाओं को बेहतर करें। जनप्रतिनिधि एक-एक सीएचसी-पीएचसी गोद लेकर उसकी सभी सुविधाएं बेहतर कराने में योगदान दें।

93 फीसदी हुआ रिकवरी रेट
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है। पॉजिटिविटी रेट में लगातार आ रही कमी के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। मौजूदा समय में प्रदेश में रिकवरी रेट 93 फीसदी से अधिक हो गया है। 30 अप्रैल को 3 लाख 10 हजार 783 कोरोना मरीज थे, जबकि रिकवरी रेट 74.10 फीसदी था। कोरोना काल के इस पीक से अगर ताजा स्थिति की तुलना करें तो महज 22 दिनों में ऐक्टिव केस में 2.26 लाख की गिरावट हुई जबकि रिकवरी रेट 19.1 फीसदी की बेहतरी के साथ अब 93 फीसदी से अधिक हो गया है। 22 मई को प्रदेश में 3.17 लाख से ज्यादा टेस्टिंग की गई, उसमें मात्र 4,844 कोरोना मरीजों की ही पुष्टि हुई।

22 दिन में कम हुए 70 फीसदी मरीज
आंकड़ों के मुताबिक 30 अप्रैल को हर 100 सैंपल में से 14.10 फीसदी सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन अब पॉजिटिविटी रेट 1.51 फीसदी रह गया है। अपर मुख्य सचिव सूचना एवं जनसंपर्क नवनीत सहगल ने बताया कि पिछले तीन सप्ताह राज्य के टीपीआर में लगभग 14 फीसदी की कमी आई है, जो एक अच्छा संकेत है। 21-27 अप्रैल के बीच ये जहां 24.10 प्रतिशत था, वहीं 28 अप्रैल से चार मई के बीच यह 18.8 प्रतिशत रहा। पॉजिटिविटी रेट में कमी की स्थिति, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज जैसे जिलों में जहां कोरोना का कहर सर्वाधिक था, वहां भी देखी जा रही है।

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