Petrol-Diesel: अभी दाम स्थिर, लेकिन जल्द होगा महंगा… बताते हैं क्यों | Petrol-Diesel: Continuous Increase, Crude Oil, Prices of Petrol-Diesel | Patrika News
Petrol-Diesel: कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के बाद भी देश में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं।
जयपुर
Published: February 19, 2022 09:30:50 am
Petrol-Diesel: कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के बाद भी केन्द्र सरकार की ओर से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढाए हैं। यह सिर्फ पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के कारण है। चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल के दामों में दस रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। जयपुर में पेट्रोल 107.06 रुपये और डीजल 90.70 रुपये प्रति लीटर है।
Petrol-diesel prices
कच्चे तेल के दामों में तेजी के बीच बीते चार माह होने को आए लेकिन तेल कंपनियों और सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढाए हैं। यह एक रिकॉर्ड है। पिछली बार भी चुनाव के चलते ही 82 दिनों तक तेल के दाम स्थिर रहे थे। 4 नवंबर को दिवाली के दिन केंद्र और भाजपा शासित राज्य सरकारों द्वारा एक्साइज और वैट दरों में कटौती के बाद 10 से 17 रुपये तक की गिरावट आई थी। तब से दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं। उसके बाद आप पर महंगाई का बड़ा प्रहार हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कच्चा तेल अब सेंचुरी के करीब है। इस समय ब्रेंट कच्चे तेल के दाम करीब 95 डॉलर प्रति बैरल हैं, अमरीकी कच्चे तेल के दाम भी 94 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं।
नवंबर में जब पेट्रोल की कीमतें स्थिर हुई थीं तब कच्चा तेल 85 डॉलर था और एक दिसंबर को घटकर यह 69 डॉलर पर आ गया था। लेकिन इसके बाद कच्चे तेल के दामों में 25 डॉलर प्रति बैरल की तेजी आ चुकी है। माना जा रहा है कि यू्क्रेन और रूस में तनाव के चलते कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर तक जाने की संभावना है। ऐसे में चुनावों के बाद महंगाई के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगना तय है। ऐसे में नतीजे कुछ भी हों, आपकी जेब कटनी तय है।
पेट्रोल डीजल की कीमतें तय करने का अधिकार सरकारी तेल कंपनियों पर है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में देश में राज्यों के चुनावों के बीच तेल की कीमतों पर ब्रेक लग जाता है। कच्चे तेल का भाव इस समय 95 डॉलर के पार है, बावजूद इसके चुनाव तक इनके दामों में बढ़ोत्तरी का कोई इरादा नहीं है।
जानकारों के अनुसार कच्चे तेल की कीमत में 1 डॉलर की बढ़ोत्तर के देश में पेट्रोल की कीमत में करीब 55 से 60 पैसे की बढ़ोत्तरी होती है। ऐसे में यदि कच्चा तेल मार्च तक 95 डॉलर प्रति बैरल तक भी ठहरता है तो देश में पेट्रोल 10 रुपये और महंगा हो सकता है।
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Petrol-Diesel: कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के बाद भी देश में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं।
जयपुर
Published: February 19, 2022 09:30:50 am
Petrol-Diesel: कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी होने के बाद भी केन्द्र सरकार की ओर से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढाए हैं। यह सिर्फ पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के कारण है। चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल के दामों में दस रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। जयपुर में पेट्रोल 107.06 रुपये और डीजल 90.70 रुपये प्रति लीटर है।
Petrol-diesel prices
कच्चे तेल के दामों में तेजी के बीच बीते चार माह होने को आए लेकिन तेल कंपनियों और सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढाए हैं। यह एक रिकॉर्ड है। पिछली बार भी चुनाव के चलते ही 82 दिनों तक तेल के दाम स्थिर रहे थे। 4 नवंबर को दिवाली के दिन केंद्र और भाजपा शासित राज्य सरकारों द्वारा एक्साइज और वैट दरों में कटौती के बाद 10 से 17 रुपये तक की गिरावट आई थी। तब से दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं। उसके बाद आप पर महंगाई का बड़ा प्रहार हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कच्चा तेल अब सेंचुरी के करीब है। इस समय ब्रेंट कच्चे तेल के दाम करीब 95 डॉलर प्रति बैरल हैं, अमरीकी कच्चे तेल के दाम भी 94 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं।
नवंबर में जब पेट्रोल की कीमतें स्थिर हुई थीं तब कच्चा तेल 85 डॉलर था और एक दिसंबर को घटकर यह 69 डॉलर पर आ गया था। लेकिन इसके बाद कच्चे तेल के दामों में 25 डॉलर प्रति बैरल की तेजी आ चुकी है। माना जा रहा है कि यू्क्रेन और रूस में तनाव के चलते कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर तक जाने की संभावना है। ऐसे में चुनावों के बाद महंगाई के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगना तय है। ऐसे में नतीजे कुछ भी हों, आपकी जेब कटनी तय है।
पेट्रोल डीजल की कीमतें तय करने का अधिकार सरकारी तेल कंपनियों पर है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में देश में राज्यों के चुनावों के बीच तेल की कीमतों पर ब्रेक लग जाता है। कच्चे तेल का भाव इस समय 95 डॉलर के पार है, बावजूद इसके चुनाव तक इनके दामों में बढ़ोत्तरी का कोई इरादा नहीं है।
जानकारों के अनुसार कच्चे तेल की कीमत में 1 डॉलर की बढ़ोत्तर के देश में पेट्रोल की कीमत में करीब 55 से 60 पैसे की बढ़ोत्तरी होती है। ऐसे में यदि कच्चा तेल मार्च तक 95 डॉलर प्रति बैरल तक भी ठहरता है तो देश में पेट्रोल 10 रुपये और महंगा हो सकता है।
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