PM Modi Address Nation : सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ तो रात में ही अचानक टीवी पर क्यों आए पीएम मोदी

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PM Modi Address Nation : सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ तो रात में ही अचानक टीवी पर क्यों आए पीएम मोदी

नई दिल्ली
अगर ‘मन की बात’ को भी प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन मान लिया जाए तो 24 घंटे के भीतर पीएम मोदी दो बार देश को संबोधित करने जा रहे हैं। कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के तौर पर प्रीकॉशन डोज या फिर 15 साल से ऊपर के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत का ऐलान तो ‘मन की बात’ में भी हो सकती थी, तो फिर प्रधानमंत्री को अपने मंथली कार्यक्रम से चंद घंटे पहले ही इस ऐलान के लिए अचानक देश के नाम संबोधन की क्यों जरूरत पड़ी? आइए समझते हैं।

फिर से लॉकडाउन या कुछ और… जब लगने लगी अटकलें
25 दिसंबर को देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के मामले 400 को पार कर चुके थे। डेल्टा से भी काफी तेज फैलने वाले इस वेरिएंट के देश में दस्तक के बाद से ही कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका गहराती जा रही है। रात साढ़े 9 बजे के करीब पीएमओ इंडिया से ट्वीट होता है- 15 मिनट के भीतर प्रधानमंत्री देश को संबोधित करने वाले हैं। 13-14 घंटे बाद प्रधानमंत्री का ‘मन की बात’ का कार्यक्रम भी था जो हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे शुरू होता है। फिर अचानक देश के नाम संबोधन की जरूरत क्यों पड़ी? सबके मन में सवाल उठने लगे कि आखिर पीएम कौन सी बड़ी बात कहने वाले हैं, क्या ऐलान करने वाले हैं? कुछ के मन में तो यह भी आशंका हुई होगी कि कहीं तीसरी लहर की आहट के बीच प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जैसे सख्त ऐहतियाती कदमों का ऐलान तो नहीं करने वाले हैं।

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रात को जब प्रधानमंत्री मोदी अचानक टीवी पर आए तो दो बहुत ही अहम ऐलान किए। पहला ये कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल के किशोर भी कोरोना की वैक्सीन लगवा सकेंगे। दूसरा ये कि 10 जनवरी से हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से ऊपर के वे सभी शख्स जो पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं वे ‘प्रीकॉशन डोज’ लगवा सकेंगे।

‘मन की बात’ से पहले अचानक राष्ट्र के नाम संबोधन की क्यों पड़ी जरूरत?
दरअसल, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत दुनिया के तमाम देशों में ओमीक्रोन की वजह से आई कोरोना की नई लहर के मद्देनजर भारत में भी वैक्सीन के बूस्टर डोज की मांग जोर पकड़ रही थी। तमाम देशों में बूस्टर डोज काफी पहले से लग रहे हैं। इसके अलावा, 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी 100 से ज्यादा देशों में कोरोना वैक्सीन लग रही है लेकिन देश में इसकी शुरुआत नहीं हुई थी। देश में जिस तरह हर दिन ओमीक्रोन के लगातार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सीनेशन की मांग जोर पकड़ रही थी। भारत में पहले से ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खातिर जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। शनिवार को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी 12 साल या इससे ऊपर के बच्चों को लगाने की मंजूरी मिल गई। इस तरह बच्चों के लिए फिलहाल, देश में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।

…आज कुछ निर्णय लिए गए हैं। आज अटल जी का जन्म दिन है, क्रिसमस (Christmas) का त्योहार भी है तो मुझे लगा की इस निर्णय को आप सबके साथ साझा करना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


पीएम मोदी ने वजह भी बताई

बूस्टर डोज के सवाल पर सरकार लगातार यही कहती आ रही थी कि अभी डेटा की स्टडी की जा रही है, स्टडी के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। इस बीच देश में ओमीक्रोन के केस 400 को भी पार कर गए जिसके बाद शायद सरकार को लगा कि अब बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सीनेशन में देरी ठीक नहीं। चूंकि, ‘मन की बात’ पहले ही रिकॉर्ड कर लिया जाता है लिहाजा पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन का रास्ता चुना। वैसे, अपने 14 मिनट के संबोधन में पीएम मोदी ने अचानक टीवी पर आने की वजह भी बताई। कहा कि ‘प्रीकॉशन डोज’ और बच्चों के वैक्सीनेशन की शुरुआत के ऐलान के लिए क्रिसमस और अटल जी की जयंती से अच्छा दिन भला क्या होता। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज कुछ निर्णय लिए गए हैं। आज अटल जी का जन्म दिन है, क्रिसमस (Christmas) का त्योहार भी है तो मुझे लगा की इस निर्णय को आप सबके साथ साझा करना चाहिए।’
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पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं और वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के देश में बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि अगले साल तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयु के बीच के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य व अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को डॉक्टरों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी। हालांकि उन्होंने ‘बूस्टर डोज’ का जिक्र ना करते हुए, इसे ‘प्रीकॉशन डोज’ (एहतियाती खुराक) का नाम दिया। इससे तो यही लग रहा है कि आगे जब प्रीकॉशन डोज सभी वयस्कों के लिए खोला जाएगा तब भी ये अनिवार्य नहीं होगा। अगर कोई तीसरा डोज लगवाना चाहता है तो वह डॉक्टरों की सलाह पर लगवा सकेगा। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि पहला डोज लगवा चुके लोगों के लिए दूसरा डोज (अगर वैक्सीन सिंगल डोज वाली न हो) लगवाना अनिवार्य है। लेकिन प्रीकॉशन डोज अनिवार्य नहीं होगा।

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अफवाहों से बचने की अपील

प्रधानमंत्री ने कहा कि नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके और कोविड के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी जल्द ही भारत में शुरू होगा। पीएम मोदी ने क्रिसमस और नए साल के आगमन की तैयारियों के बीच देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की।

3 जनवरी से 15 साल के ऊपर के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सभी ने अनुभव किया है कि इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। वे अब भी अपना काफी समय कोरोना वायरस के रोगियों की सेवा में बिताते हैं।’

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पीएम मोदी ने कहा कि इसी वजह से एहतियात के तौर पर सरकार ने फैसला किया है कि स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से टीके की ‘एहतियाती खुराक’ दी जाएगी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सुरक्षित रखने में उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।

सतर्कता जरूरी लेकिन पैनिक न हों
भारत में अभी तक कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 115 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या देश छोड़कर चले गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए। इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए।

प्रधानमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए लोगों से पैनिक न होने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि भय का माहौल ना बनाएं…हां सावधान और सतर्क जरूर रहें। मास्क और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धोना, इन बातों को याद रखें।’

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