PNB में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस हमलावर हो गई है। पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘लूटो और भाग जाओ’ मोदी सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जुलाई, 2016 में ही वित्तीय फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई थी, इसके बावजूद क्या मोदी सरकार सोई हुई थी? उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के डीजीएम ने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर हीरा व्यवसायी नीरव मोदी के देश से भागने की आशंका जताई थी और कार्रवाई की मांग की थी। सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि इसके बावजूद नीरव मोदी 11000 करोड़ रुपया लूटकर देश से कैसे भाग गए? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? नीरव मोदी को किसका संरक्षण प्राप्त है? पूरा सिस्टम कैसे बाइपास कर दिया गया? कांग्रेस नेता बोले कि प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने इसे 30,000 हजार करोड़ रुपये का घोटाला बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें PNB के साथ कई अन्य बैंकों का पैसा डूबा है।
Who is responsible for Nirav Modi leaving the country? asks Congress Leader @rssurjewala #NiravModiLootsIndia pic.twitter.com/xnbfkZdCLr
— TIMES NOW (@TimesNow) February 15, 2018
A person in a high power was supporting Nirav Modi, says Congress Leader @rssurjewala #NiravModiLootsIndia pic.twitter.com/KqPf6KYbXS
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सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोटाले पर कार्रवाई करने में 15 दिन क्यों लगाए, जबकि 29-30 जनवरी को ही यह मामला सामने आया गया था। उन्होंने पूछा कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक ने इतनी देरी से केस क्यों दर्ज कराया? ईडी ने छापा मारने में 15 दिन क्यों लगा दिए? सरकार ने इस मामले को महत्व क्यों नहीं दिया? सुरजेवाला ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बारे में जानकारी दी गई थी और पीएम से कार्रवर्इ की मांग भी की गई थी। उनके मुताबिक, पीएमओ ने शिकायत को कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास भेज दिया था। इसके बावजूद न तो पीएमओ ने कुछ किया और न ही वित्त मंत्रालय ने कदम उठाया। इस बीच, छोटे मोदी (नीरव मोदी) 11,000 करोड़ रुपये की चपत लगाकर देश से चंपत हो गए। सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कार्यालय को घालमेल की सूचना दस्तावेज के साथ 26 जुलाई, 2016 को दी गई थी, इसके बावजूद यह सब कैसे चल रहा था? इसमें सुब्रत रॉय, विजय माल्या और राजू (सत्यम) की तर्ज पर वित्तीय फर्जीवाड़े को अंजाम देने का उल्लेख किया गया था। शिकायत में मेहुल चौकसी द्वारा भारतीय धन को विदेशों में ले जाने की भी जानकारी दी गई थी। पीएम मोदी से देश को इससे बचाने का भी आग्रह किया गया था।’