पंजाब नेशनल बैंक(PNB)महा घोटाला सरकार की कार्यवाही से हुआ खुलासा

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पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक ब्रांच में 11360 करोड़ रुपए के फ्रॉड ट्रांजैक्शन मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई है. महाघोटाला जिस पर सात साल से मुकदमा चल रहा है. सरकार की कड़ी सख्ती के बाद इसका खुलासा हुआ है. सात साल से इस मामले में अरबपति ज्वैलरी डिज़ाइनर नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. ईडी ने नीरव मोदी केस से जुड़ी 9 जगहों पर छापेमारी की. इनमें 4 मुंबई, 2 सूरत और 2 दिल्ली में छापेमारी की गई. ये एफआईआर 31 जनवरी को दर्ज की गई थी. ED ने नीरव मोदी के शोरूम और घर में भी छापेमारी की है. जाब नेशनल बैकं के दो अधिकारियों की मिलीभगत से नीरव मोदी और उनके सहयोगियो ने साल 2017 में  विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही आठ एलओयू जारी करवा दिए, जिससे बैंक को 280 करोड रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ.

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क्या था पूरा मामला

बता दें कि ये मामला सात साल पहले का है. पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को स्‍टॉक एक्‍सचेंज बीएसई को बताया कि यह फ्रॉड कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्‍डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे. इन अकाउंट्स के जरिए 11,330 करोड़ रुपए ( 1.8 अरब डॉलर) का ट्रांजैक्शन हुआ.

बैंक के अनुसार, ऐसा लगता है कि इन ट्रांजैक्‍शन के आधार पर विदेश में कुछ बैंकों ने उन्हें (चुनिंदा अकाउंट होल्‍डर्स को) कर्ज दिया है. गौरतलब है कि इस पूरे मामले को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के माध्यम से अंजाम दिया गया. यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक अकाउंटहोल्डर को पैसा मुहैया करा देते हैं.

ये अकाउंट्स कितने थे, कितने लोगों को फायदा हुआ? इस बारे में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. यह मामला 2011 से जुड़ा है.

सरकार ने दिए थे रिकॉर्ड जांचने के निर्देश

वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अपने लेनदेन के रिकॉर्ड की नए सिरे से जांच करें, ताकि कोई संदिग्ध मामला हो तो वह सामने आ सके. वित्त मंत्रालय में वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया, ‘यह फ्रॉड सात साल पहले ही हुआ था, लेकिन अब जाकर पता लगा है. इसे साल 2011 में पंजाब नेशनल बैंक के एक डिप्टी मैनेजर ने अंजाम दिया था और यह इसलिए पता चल पाया कि हमने सभी बैंकों को यह आदेश दिया था कि वे अपने लेनदेन के रिकॉर्ड को साफ-सुथरा करें. यह बैंकों के एनपीए को दुरुस्त करने के हमारे प्रयास का हिस्सा है.इस मामले में बैंक के 10 कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए हैं और 2 का एफआईआर में भी नाम है