अन्ना हज़ारे का नया आंदोलन: किसानों की दुर्दशा और चुनाव के लिए लड़ेंगे

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भारत में किसानों की परेशानी बहुत विकट है. हर साल 10,000 से भी ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं. किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए कई योजनाएं भी बनती रहती है. वहीँ चुनाव में भी भ्रष्टाचार का बोलबाला हर साल सुनाई देता है. इसी कारण आक्रोशित हुए समाजसेवी अन्ना हज़ारे किसानों की बदहाली और चुनाव सुधार को लेकर 23 मार्च से आन्दोलन शुरू करने वाले हैं.

अन्ना हज़ारे ने प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचारी बताया

अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार से लेकर किसानों तक की तमाम राष्ट्रीय समस्याओं के लिये राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि वह अपने आंदोलन से ऐसे लोगों को दूर रखेंगे जो आंदोलन को रिया बनाकर राजनीति में आ जाते हैं. साथ ही जो लोग आंदोलन में भाग ले रहे हैं, वो राजनीती में जायेंगे तो हज़ारे उनके खिलाफ कोर्ट जायेंगे. इसी वजह से अन्ना आंदोलन में भाग ले रहे लोगों से राजनीति में न जाने का हलफ़नामा ले रहे हैं.

देश में चुनाव में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को बढावा देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. अन्ना ने मोदीजी पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिये बनाये गये लोकपाल कानून को कमज़ोर करने का आरोप लगाया. उनका ये भी कहना है कि मोदी सरकार ने लोकपाल कानून को सख्त और प्रभावी बनाने वाले नियम हटाकर इसे कमज़ोर किया है.

अरविंद को भी नही बख्शा

अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ निशाना साधते हुये कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ़ पिछले आंदोलन के दौरान इस्तेमाल किये गए मंच के कारण कोई मुख्यमंत्री बन गया है या तो कोई मंत्री. उनके अनुसार अगर उन्होंने केजरीवाल से किसी  हलफनामे पर हस्ताक्षर ले लिया होता तो वह मुख्यमंत्री नहीं बनते.

2011 के भ्रष्टाचार आंदोलन का चेहरा रहे अन्ना हज़ारे मंगलवार को मीडिया से मुख़ातिब हुए. पहले की तरह न तो उनके पास लोगों की भीड़ थी न ही मीडिया का जमावड़ा. अन्ना ने कहा कि ‘आंदोलन में लोकपाल और लोकआयुक्त के अलावा किसानों का मुद्दा है. सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है. लगातार देश भर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलता इसलिए वह खुदकुशी कर रहे हैं’. लोगों को आन्दोलन में जोड़ने के लिए अन्ना हज़ारे अभी तक करीब 17 राज्यों का दौरा कर चुके हैं.Politics -