Pulwama में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ ‘बाबा’ का धरना जारी, बेनतीजा रही सरकार की KirodiLal Meena से वार्ता

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Pulwama में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ ‘बाबा’ का धरना जारी, बेनतीजा रही सरकार की KirodiLal Meena से वार्ता

Pulwama में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ ‘बाबा’ का धरना जारी, बेनतीजा रही सरकार की KirodiLal Meena से वार्ता


Kirodi Lal Meena Dharna: राजस्थान विधानसभा के गेट पर शुरू हुआ सांसद किरोड़ीलाल मीणा का धरना तीसरे दिन भी जारी है। सरकार से वार्ता बेनतीजा रहने के बाद धरने का स्थान बदला लेकिन प्रदर्शन जारी है। सांसद शहीदों की वीरांगनाओं के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे है।

 

हाइलाइट्स

  • सांसद किरोड़ीलाल मीणा की सरकार के साथ हुई वार्ता रही बेनतीजा
  • तीन दिन भी धरने पर बैठने को मजबूर शहीदों की वीरांगनाएं
  • शहीद स्मारक पर धरना जारी
जयपुर: पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर सैनिकों की वीरांगनाओं के साथ सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने पर बैठे हैं। बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले सांसद का कहना है कि वीरांगनाओं को अपना हक पाने के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। चार साल पहले जब इन वीरांगनाओं के पति शहीद हुए तब सरकार के प्रतिनिधि बनकर आए मंत्रियों ने शहीदों के परिवार की मदद के लिए बड़े बड़े दावे किए थे। चार साल गुजर गए, लेकिन सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरी। सरकारी मदद पाने के लिए इन वीरांगनाओं को जयपुर धरना देना पड़ रहा है। मंगलवार 28 अक्टूबर को राजस्थान विधानसभा के गेट पर धरना दिया गया। जब पुलिस जबरन हटाया तो शहीद स्मारक पर धरना दिया गया। धरने के दूसरे दिन 1 मार्च को मुख्यमंत्री की सचिव आरती डोगरा से वार्ता हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

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तीन शहीदों की वीरांगनाएं बैठी है धरने पर

जयपुर जिले के शाहपुरा के पास स्थित गोविन्दपुरा गांव निवासी शहीद रोहिताश लाम्बा की वीरांगना, भरतपुर जिले के सांगोद तहसील स्थित गांव विनोदकला निवासी शहीद हेमराज मीणा की वीरांगना मधुबाला मीणा और भरतपुर जिले की नगर तहसील स्थित सुन्दरवाली गांव निवासी शहीद जीतराम गुर्जर की वीरांगना सून्दरी गुर्जर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रही हैं। उनके साथ राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी हैं। इनका कहना है कि शहीदों के अंतिम संस्कार में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री शामिल हुए। उन्होंने जो वादे किए वे आज तक पूरे नहीं हुए। ना तो शहीदों के परिजनों को अनुकंपा नौकरी मिली। ना शहीदों के स्मारक बने और ना ही उनके घर से मुख्य सड़क तक डामर रोड़ें बनी। धरने के दूसरे दिन मंगलवार 1 मार्च को सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढा, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, बीजेपी विधायक मदन दिलावर, चंद्रकांता मेघवाल, संदीप शर्मा, गोपीचंद मीणा, संतोष बावरी और हीरालाल नागर सहित कई नेता वीरांगनाओं से मिलने पहुंचे।
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मुख्यमंत्री की सचिव से हुई वार्ता लेकिन हीं निकला कोई नतीजा

राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में तीनों वीरांगनाएं मंगलवार दोपहर बाद सचिवालय पहुंची। वहां मुख्यमंत्री की सचिव आरती डोगरा के साथ वार्ता हुई। वार्ता के दौरान कुछ बिन्दुओं पर सहमति बनी लेकिन मुख्य बिन्दुओं पर सहमति नहीं बन पाई जिससे वार्ता विफल हो गई। शहीद के निवास स्थान से मुख्य सड़क तक डामर रोड़ और स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर करने की मांगों पर सहमति बनी लेकिन अनुकंपा नौकरी के लिए सरकार को विशेष नियम बनाने पड़ेंगे। वीरांगनाओं से मिलने पहुंचे सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा ने कहा कि वे वीरांगनाओं के साथ हैं। उनकी मांगे जल्द पूरी कराने के लिए वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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