Rajasthan Political Crisis : गहलोत की चिट्ठी ने खोल दिए सारे राज, पीछे हटने के मूड में नहीं है CM

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Rajasthan Political Crisis :  गहलोत की चिट्ठी ने खोल दिए सारे राज, पीछे हटने के मूड में नहीं है CM

Rajasthan Political Crisis : गहलोत की चिट्ठी ने खोल दिए सारे राज, पीछे हटने के मूड में नहीं है CM

जयपुर: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस में गहलोत का नाम सामने आने के बाद राजस्थान में भी सियासत ने नया मोड़ ले लिया। प्रदेश में शुरू हुए नए सियासी घमासान का अंजाम क्या होगा, फिलहाल यह तय करना मुश्किल है, लेकिन एक बात जरूर साबित हो गई कि प्रदेश में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की रार थमी नहीं है। दरअसल मलयाला मनोरमा अखबार के फोटोग्राफर की ओर से क्लिक की गई अशोक गहलोत की नोट्स की फोटो इन दिनों वायरल हो रही है। इस चिट्ठी ने राजस्थान की सियासत के मायने समझा दिए है। वहीं कांग्रेस की अदरूनी फूट को भी फिर से हवा दे दी है।


बताया जा रहा है कि जिस चिट्ठी की जो तस्वीर वायरल हो रही है, वो तब की है, जब अशोक गहलोत पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने जा रहे थे। सीएलपी की बैठक में तैयार की गई चिट्ठी के जरिए अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को यह बात याद दिलाने की कोशिश की, कि सचिन पायलट ने बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार को गिराने का प्रयास किया। इतना ही नहीं कांग्रेस विधायकों को पक्ष बदलने के लिए 10-50 करोड़ रुपये की पेशकश भी की।

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गहलोत ने कहा एसपी को CM बनाया तो सरकार गिर जाएगी
गहलोत और उनके समर्थकों की ओर से तैयार किए गए नोट्स में राजस्थान की वर्तमान सियासी गणित भी समझाई गई है। गहलोत ने अपने नोट्स के जरिए बताया कि प्रदेश के कुल 102 विधायक सचिन पायलट के पक्ष में नहीं है, उनके समर्थन में सिर्फ 18 विधायक ही है। ऐसे में उन्हें नेतृत्व सौंपा जाता है तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिर सकती है। यदि राजस्थान में नेतृत्व को बदलना है तो पार्टी को राजस्थान में किसी दूसरे नाम के बारे में सोचना चाहिए।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि गहलोत की चिट्ठी से यह बात भी साफ हो रही है कि सचिन पायलट को नेतृत्व दिए जाने के मुद्दे पर गहलोत और उनके समर्थक पीछे हटने से मूड में नहीं है। हालांकि राजस्थान के सीएम ने सोनिया गांधी के सामने रखे अपने नोट्स में कांग्रेस विधायकों की ओर से इस्तीफा दिए जाने के घटनाक्रम को गलत बताते हुए उनसे माफी भी मांगी है। पूरे घटनाक्रम पर खेद व्यक्त किया है। मिली जानकारी के अनुसार गहलोत दिल्ली जिस नोट (चिट्ठी ) को लेकर पहुंचे थे, उसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की, जिसमें उनका मुख्य लक्ष्य पायलट को टारगेट करना था।

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अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी लपेटा
बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए चिट्ठी लेकर पहुंचे गहलोत ने इसके जरिए एआईसीसी पर्यवेक्षकों अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी निशाना साधा। उन पर कांग्रेस आलाकमान को चीजों की सही तस्वीर बताने में विफल रहने का आरोप लगाया। गहलोत ने सोनिया गांधी से कहा कि यदि पर्यवेक्षकों ने पहले एक सही रिपोर्ट दी होती, तो यह पार्टी के लिए अच्छा होता। गहलोत के नोट्स में कहा है कि पायलट पहले प्रदेश अध्यक्ष हैं, जिसने सरकार गिराने की नाकाम कोशिश की। पहले प्रदेश अध्यक्ष जिन्होंने सरकार गिराने की पूरी कोशिश की।

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