Rajya sabha Election: एनसीपी-कांग्रेस कर रही फडणवीस की वाहवाही, शिवसेना ने चुनाव आयोग पर फोड़ा ठीकरा, कहां पर चूकी महाविकास अघाड़ी सरकार?

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Rajya sabha Election: एनसीपी-कांग्रेस कर रही फडणवीस की वाहवाही, शिवसेना ने चुनाव आयोग पर फोड़ा ठीकरा, कहां पर चूकी महाविकास अघाड़ी सरकार?

मुंबई: राज्यसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के संजय पवार की चौंकाने वाली हार के बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हलचल तेज है। एनसीपी के शरद पवार ने बीजेपी की तीन सीटों पर जीत को चमत्कार बताया है। कांग्रेस ने फडणवीस की गेम प्लानिंग की तारीफ की है। वहीं शिवसेना हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ रही है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव में छठवीं सीट के दिलचस्प मुकाबले में बीजेपी ने शिवसेना को पटखनी देकर जीत हासिल कर ली है।

शरद पवार ने कहा कि वह नतीजों को देखकर जरा भी हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस विभिन्न उपायों से निर्दलीय विधायकों को प्रतिद्वंद्वी खेमे से दूर रखने का चमत्कार करने में सफल रहे। पवार ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को एक अतिरिक्त वोट निर्दलीय विधायक का मिला, जिसका झुकाव विपक्षी खेमे की तरफ था। हालांकि उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं है।

फडणवीस की गेम प्लानिंग में फंस गए: कांग्रेस
एमवीए उम्मीदवार की हार पर कांग्रेस ने फडणवीस की गेम प्लानिंग की तारीफ की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘हम गेम प्लानिंग करने के पीछे रह गए, जबकि देवेंद्र फडणवीस गेम प्लानिंग में जीत गए। बीजेपी ने पूरा चुनाव प्लानिंग के तहत लड़ा और इनके गेम प्लान में हम फंस गए।’ उन्होंने कहा, ‘पवार साहब के मन में क्या है, ये मुझे पता नहीं, लेकिन चुनाव में देवेंद्र फडणवीस की जीत हुई है। उनको शुभकामनाएं देता हूं।’

केंद्रीय एजेंसियां और ईसी के दुरुपयोग से बीजेपी जीती: राउत
अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे शिवसेना नेता संजय राउत ने शुरुआत में दावा किया था कि चार विधायकों ने उन्हें वोट नहीं दिया और कहा कि ‘हम जानते हैं कि वे कौन हैं।’ बाद में उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन के खेमे से छह निर्दलीय उम्मीदवारों का नाम लिया, जिनके बारे में संदेह है कि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया। राउत ने कहा कि महादिक केवल दूसरी वरीयता के वोटों के आधार पर जीतने में सफल रहे।

संजय राउत ने आरोप लगाया, ‘हमारी पार्टी के नामांकन पर चुने गए किसी भी विधायक ने दलबदल नहीं किया है। ये निर्दलीय हैं, इन्हें प्रलोभन दिया गया और केंद्रीय जांच एजेंसियों का डर बिठाया गया।’ संजय राउत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां और चुनाव आयोग के दुरुपयोग के कारण बीजेपी को जीत मिली है।

शिवसेना नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने शिवसेना का एक वोट अयोग्य घोषित कराने के लिए निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाया। राउत ने कहा कि बीजेपी की जीत उतनी बड़ी नहीं है जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार ने पहली प्राथमिकता वाले अधिक मत प्राप्त किए हैं। राउत ने स्वयं राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल की है।

सरकार कोई काम करती नहीं दिख रही- फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने टीम प्लानिंग को जीत का श्रेय दिया और सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘हमारी टीम के नियोजन के तहत हमें यह जीत मिली है। सरकार कोई काम करती हुई नहीं दिखती। राज्यसभा के चुनाव में जिस प्रकार से हमें वोट मिले हैं जिस प्रकार से विधायकों ने हमें चुना है मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।’

पांच निर्दलीयों ने नहीं दिया सरकार का साथ!

महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं का मानना है कि महाराष्ट्र विधानसभा में कम से कम पांच विधायक ऐसे रहे जिन्होंने 2019 में विश्वास मत के दौरान उद्धव सरकार का समर्थन किया लेकिन राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का साथ दे दिया। दरअसल छठवीं सीट के लिए बीजेपी के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच मुकाबला था। सत्तारूढ़ सरकार का दावा था कि उनके पास निर्दलीय विधायकों का साथ है लेकिन ऐन मौके पर बाजी बीजेपी के हाथ लगी।
हार के साथ ही

राज्यसभा में कितने उम्मीदवार?
महाविकास अघाड़ी ने सांसद संजय राउत और संजय पवार ( दोनों शिवसेना से), पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी) और इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस) को उम्मीदवार बनाया था। वहीं बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल , पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक थे।

MVA को मिले 162 वोट
बीजेपी के पास महाराष्ट्र विधानसभा में 106 विधायक हैं। हालांकि उसे कुल 123 विधायकों का समर्थन हासिल रहा। इसका मतलब है कि विपक्षी दल को 17 अतिरिक्त वोट मिले जो कि तीसरी सीट जीतने के लिए जरूरी थे। दूसरी ओर, नवंबर 2019 में 169 विधायकों के समर्थन से सत्ता में आने वाली एमवीए सरकार को राज्यसभा में 162 वोट ही मिले। यानी उसे तीनों दलों के 150 विधायकों के अलावा छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों से केवल 12 वोट मिले।

किसके पास कितने विधायक?
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। एनसीपी के पास 53 और कांग्रेस बीजेपी के पास 44 और 106 विधायक हैं। इनके अलावा 13 निदर्लीय विधायक हैं। शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण एक पद खाली है। एनसीपी के दो विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख जेल में हैं।

एमवीए नेताओं का मानना है कि सरकार का समर्थन करने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के कम से कम पांच वोट बीजेपी खेमे को गए। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2019 में सत्ता में आने पर विश्वास मत के दौरान 169 वोट हासिल किए थे।

कहां फेल हुई सरकार की गणित?
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘169 में से दो एनसीपी नेता अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं इसलिए वे वोट नहीं कर पाएं। हमें 162 वोट मिले, यानी हमारी गिनती के हिसाब से 5 वोट कम मिले। एमवीए के पास 150 विधायक हैं और चौथी सीट निकालने के लिए उसे 14 और वोटों की जरूरत थी।

पहले दौर की मतगणना में पांच उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे (भाजपा), प्रफुल पटेल (एनवीसीपी), संजय राउत (शिवसेना) और इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस) निर्वाचित हुए। इनमें गोयल और बोंडे को 48-48 वोट मिले जबकि प्रतापगढ़ी को 44 वोट मिले। प्रफुल्ल पटेल को 43 और राउत को 41 वोट मिले।

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