Repo rate & CRR increased : आपके PPF, EPF, EMI, FD पर क्या-क्या असर, RBI के फैसले की हर बात बारीकी से जानिए

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Repo rate & CRR increased : आपके PPF, EPF, EMI, FD पर क्या-क्या असर, RBI के फैसले की हर बात बारीकी से जानिए

नई दिल्ली : बढ़ती महंगाई के दौर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आम लोगों को एक और झटका दे दिया है। अब होम, ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे। हर तरह के कर्ज पर अब ईएमआई में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, एफडी के ‘अच्छे दिन’ आने वाले हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट पर अब ज्यादा ब्याज मिलेगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई के ताजा फैसले से आपके एफडी, ईपीएफ, पीपीएफ, ईएमआई वगैरह पर क्या असर पड़ेगा।

RBI का फैसला क्या है, क्यों अचानक उठाया कदम
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई चेन के बेपटरी होने, पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों जैसे तमाम फैक्टर्स से भारत समेत दुनिया के तमाम देश बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। देश में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत के साथ 17 महीनों के उच्च स्तर पर है। अप्रैल में ये 7.5 प्रतिशत को भी पार कर सकती है। इसी तरह होलसेल प्राइस इन्फ्लेशन भी 14.6 प्रतिशत के साथ 4 महीनों के उच्च स्तर पर है। ये पिछले 12 महीनों से लगातार दो अंकों में बनी हुई है। महंगाई की तपिश को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक अक्सर ब्याज दरों को बढ़ाते हैं। आरबीआई ने भी यही किया।

RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, यहां जानें क्या होगा आप पर इसका क्या असर
रेट बढ़ने का दौर शुरू
बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने बुधवार को अचानक रेपो रेट और कैश रिवर्ज रेशियो (CRR) को बढ़ा दिया। ये फैसला मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की अचानक हुई बैठक के बाद किया गया। रेपो रेट को 40 बेसिस पॉइंट यानी 0.4 प्रतिशत बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह कैश रिजर्व रेशियो को 50 बेसिस पॉइंट यानी 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया है। 2018 के बाद पहली बार रेपो रेट में इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि इसके साथ ही रेट में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो गया है जो इस पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान जारी रह सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इसके संकेत दे दिए हैं। दास ने कहा कि सिस्टम से अतिरिक्त लिक्विडिटी यानी नकदी को कम करने के लिए समय-समय पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। माना जा रहा है कि मौजूदा साल में रेपो रेट में आगे 60 से 100 बेसिस पॉइंट्स तक का और इजाफा हो सकता है। अगले महीने 6 से 8 जून को एमपीसी की पहले से तय मीटिंग होने वाली है। माना जा रहा है कि तब केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा कर सकता है।

फैसले से महंगाई पर क्या असर
रेपो रेट वह है, जिस पर आरबीआई से बैंकों को कर्ज मिलता है। जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा मिलेगा तो वे ग्राहकों को भी महंगा देंगे। कैश रिजर्व रेशियो (CRR)का मतलब है कि बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत कैश के रूप में आरबीआई में जमा करना पड़ता है। अब सीआरआर 4 से बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गया है तो बैंकों को अब पहले से ज्यादा नकद आरबीआई में जमा करना होगा। रेपो रेट और सीआरआर में इजाफे से बैंकों के पास कैश कम होगा। कम कैश होगा तो बैंक कर्ज भी कम बांटेंगे और इस तरह बाजार में कैश फ्लो घटता है। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि मार्केट में कैश फ्लो कम होने से डिमांड में भी कमी आती है। डिमांड में कमी से कीमतें घटती हैं जिससे महंगाई से राहत मिलती है। सीआरआर में मौजूदा बढ़ोतरी से मार्केट में करीब 87 हजार करोड़ रुपये का कैश फ्लो कम होगा।

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आरबीआई के फैसले का आम लोगों पर क्या होगा सीधा असर

एफडी पर अब मिलेगा ज्यादा ब्याज
रेपो रेट और सीआरआर के बढ़ने से फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी बढ़ सकता है। हालांकि, अगर आप नया एफडी कर रहे हैं तो लंबी अवधि के बजाय कम अवधि के लिए करें।

पीपीएफ, ईपीएफ और स्माल सेविंग स्कीम्स पर क्या असर
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नीतिगत ब्याज दरों में इजाफे से स्माल सेविंग स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज में भी बढ़ोतरी हो सकती है। वैसे तो ईपीएफ पर ब्याज दरें ईपीएफओ तय करता है जो फिलहाल 8.1 प्रतिशत के साथ 40 सालों के निचले स्तर पर है। स्माल सेविंग स्कीम्स पर भी ब्याज फिलहाल निचले स्तर पर है। लिहाजा इनमें इजाफे की उम्मीद की जा सकती है।

अभी कितना है स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज
पीपीएफ: 7.1 फीसदी सालाना
डाकघर आरडी: 5.8 फीसदी सालाना
डाकघर की एफडी: 1 साल से लेकर 5 साल तक के मैच्योरिटी पीरियड पर 5.5 फीसदी से लेकर 6.7 फीसदी सालाना तक
डाकघर मंथली इनकम स्कीम: 6.6 फीसदी सालाना
डाकघर सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम: 7.4 फीसदी सालाना
सुकन्या समृद्धि अकाउंट: 7.6 फीसदी सालाना
एनएससी: 6.8 फीसदी सालाना
किसान विकास पत्र: 6.9 फीसदी सालाना

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हर तरह का कर्ज हो जाएगा महंगा, बढ़ जाएगी ईएमआई
आरबीआई के ताजा फैसले से हर तरह का कर्ज महंगा हो जाएगा। यानी आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। इसकी वजह ये है कि रेपो रेट बढ़ने की वजह से बैंकों को आरबीआई से बढ़ी दरों पर कर्ज मिलेगा। जब बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा तो वे उपभोक्ताओं को भी महंगा देंगे।

आपकी जेब पर क्या असर, ऐसे समझिए

होम लोन

अभी लोन चल रहा है?

लोन महंगा हो जाएगा। बैंक लोन की अवधि बढ़ा देगा, यानी आपको ज्यादा ब्याज देना होगा। अवधि वही रखनी है, तो बैंक से कहकर ईएमआई बढ़वा सकते हैं। यह फायदे का सौदा होता है। 30 लाख का लोन 20 साल के लिए 6.8% पर है, तो ईएमआई अभी 22,900 होगी। अब ब्याज दर 7.2% हो जाएगी, जिसके बाद बाद ईएमआई हो जाएगी 23,620 रुपये। यानी जेब को 720 रुपये महीने की चपत।

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नया लोन लेने की प्लानिंग है?

जल्द ले लें। बढ़ी दरों पर तो मिलेगा, पर फिर भी अच्छा सौदा है क्योंकि अभी दरें और बढ़ सकती हैं। तब आपको भी ज्यादा ब्याज देना होगा, लेकिन जब तक दरें और बढ़ेंगी, तब तक तो आप कम ईएमआई देकर कुछ रकम बचा लेंगे।

ऑटो/पर्सनल लोन

अभी लोन चल रहा है?

चिंता की जरूरत नहीं क्योंकि आप फिक्स्ड रेट पर ब्याज दे रहे हैं। इस ब्याज बढ़ोतरी का आपकी जेब पर असर नहीं होगा।

लोन लेने की प्लानिंग है?

थोड़ा महंगा लोन मिलेगा, क्योंकि अब नई दरें लागू होंगी। वैसे, जल्द ले डालें, क्योंकि अभी ब्याज दरें और बढ़ने की संभावना है।

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