Saamana: ईडी मतलब भाजपा के घर का नौकर, हर हर ईडी, घर घर ईडी…शिवसेना का मोदी सरकार पर तीखा हमला

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Saamana: ईडी मतलब भाजपा के घर का नौकर, हर हर ईडी, घर घर ईडी…शिवसेना का मोदी सरकार पर तीखा हमला

मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में ईडी और आयकर विभाग के छापों पर (Maharashtra ED Raids) घमासान मचा हुआ है। इस बीच शिवसेना ने सामना के संपादकीय (Saamana Editorial) में विरोधियों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सामना के लेख में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील (Chandrkant Patil) के बयान पर पलटवार किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से बीजेपी को वोट न देने पर ईडी लगाने की बात कही थी। बताते चलें कि ईडी ने शिवसेना नेता संजय राउत के परिवार से जुड़ी 11 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया है। इसमें अलीबाग प्लॉट के अलावा दादर और मुंबई में एक-एक फ्लैट भी शामिल हैं।

सामना के लेख में बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा गया, ‘बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का दिमाग ज्यादा चल रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि महाराष्ट्र की मति और मिट्टी बंजर है, ऐसा नहीं। किसी भी चुनाव को जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग करने का इस मंडली ने निर्धारित किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। कांग्रेस विधायक के आकस्मिक निधन के कारण कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट का चुनाव होने जा रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव के जो नतीजे आएंगे, वो आएंगे। लेकिन भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कोल्हापुर के मतदाताओं को सीधे-सीधे धमकी दी है कि भाजपा को वोट नहीं पड़े तो आपके पीछे ईडी लगा दी जाएगी। इस चुनाव में बड़े पैमाने पर लक्ष्मी दर्शन होगा और वह डिजिटल माध्यम से होगा, इस तरह का डर भाजपा नेताओं को लग रहा है तो राज्य की संबंधित मशीनरियों को सावधान किया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ऐसा लगता है शुद्ध होकर राजनीति कर रही है, चुनाव में पैसे बांटना, दबाव जैसे पाप कर्मों का उन्हें शर्म आना लेकिन चुनाव के लक्ष्मी पूजन में और लक्ष्मी दर्शन के संबंध में भाजपा नेताओं के दिलदार बयान को सुनकर चंद्रकांत पाटील की भूमिका के संदर्भ में आश्चर्य लगता है।’

शिवसेना ने चंद्रकांत पाटिल के बयान पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ‘पाटील से पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे पैठण में नगरपालिका चुनाव के प्रचार में गए और मतदाताओं से कहा कि चुनाव से एक दिन पहले लक्ष्मी दर्शन होता रहता है और ऐसी लक्ष्मी जिस घर में चलकर आती हैं उसे वापस न करें, इसके विपरीत उसका स्वागत करें! अर्थात भाजपा के चुनाव के लक्ष्मी दर्शन और लक्ष्मी पूजन की परवाह नहीं। भाजपा नव हिंदुत्व संस्कृति और परंपराओं का उपयोग करके ही चुनाव जीतती है। पाटील ने कोल्हापुर के मतदाताओं को सीधे-सीधे केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम से धमकी दी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है ईडी मतलब भाजपा के घर का नौकर! इस वक्तव्य को सत्य करके दिखाने का बयान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने किया है।’

अमरावती में एक पुलिस अफसर को मिली कथित धमकी का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया है, ‘कभी भी खड़े होकर ईडी, सीबीआई के नाम से धमकाने का जो पागलपन महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को लगा है उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता होने जैसी है। अमरावती के भाजपा समर्थक विधायक राणा ने भी वहां की पुलिस प्रमुख आरती सिंह को ईडी और सीबीआई के माध्यम से जेल में डालने की धमकी दी है। महाराष्ट्र के कानून राज्य को तोड़ना, प्रशासकीय पुलिस अधिकारियों को ईडी, सीबीआई के माध्यम से ब्लैक मेल करने का धंधा क्या गृहमंत्री अमित शाह को स्वीकार है? महाराष्ट्र के भाजपा नेता सुबह-सवेरे उठकर ईडी, सीबीआई के नाम से आज इसे गिरफ्तार करेंगे, उसे गिरफ्तार करेंगे, ऐसी बातें करते हैं। इसलिए केंद्र सरकार की प्रतिमा मलीन हो रही है। अब ये स्थिति इतने निचले स्तर पर चली गई है कि सीधे मतदाताओं को ईडी के नाम से धमकी देने तक बात चली गई है। शायद भारतीय जनता पार्टी का यह कहना होगा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से होनेवाले लक्ष्मी दर्शन का लाभ अवश्य लें लेकिन दूसरों के राजनीतिक सत्यनारायण का प्रसाद लिया तो याद रखो। ईडी के जाल में फंसा देंगे!’

कोल्हापुर उत्तर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को चुनौती देते हुए सामना में आगे लिखा है, ‘ऐसा लगता है कि कोल्हापुर के उत्तर में हजारों मतदाताओं पर ईडी की जांच करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को राजाराम तालाब के सामने कार्यालय खोलना पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी की सबसे ज्यादा बेइज्जती करनेवाले कोई हैं तो वे बेबाक बोलनेवाले भाजपावाले। दूसरी बात यह है कि भाजपावालों को कोल्हापुर के मतदाताओं को धमकाने से पहले उस मिट्टी और वहां के लोगों का इतिहास जान लेना चाहिए था। कोल्हापुर से पंगा न लेना, ऐसी परंपरा है। कोल्हापुर की जनता स्वच्छ और विकसित विचारों की है। लेकिन राष्ट्रीय हिंदुत्ववाद उनकी रग-रग में बसा हुआ है। देश की सामाजिक और राजनीतिक क्रांति की चिंगारी कई बार कोल्हापुर से उठी है। कोल्हापुर के पहलवानों ने भले-भलों को आसमान दिखाया है। क्या यह भाजपा के हिंदुत्ववाद को पता नहीं है? जिन्हें कोल्हापुर नहीं पता चला वे महाराष्ट्र की राजनीति में घुसपैठ न करें। और कोई ऐसा करता है तो उन्हें कोल्हापुर की मर्द जनता आसमान दिखाए बगैर नहीं रहेगी।’

सामना के संपादकीय में ईडी के छापों पर निशाना साधते हुए कहा गया है, ‘कोल्हापुरकर कब क्या करेंगे, इसका अंदाजा नहीं है। पिछली दिवाली-पाडवा में कोल्हापुर के कसबा-बावडा परिसर में भैसों की सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। भैंसों का फैशन शो आयोजित करके अपने मन की श्रीमंती दिखानेवाले कोल्हापुरकरों को भ्रष्ट ठहराना यह करवीर नगरी का अपमान है। कोल्हापुर की जनता ने ईडी की परवाह न करते हुए अपनी राजनीति की और चंद्रकांत दादा को पार्सल करके कोल्हापुर से कोथरुड भेजा। कोल्हापुर उत्तर उपचुनाव में चंद्रकांत दादा को भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंकने में परेशानी नहीं थी। ईडी के नाम से तब भी चिल्लाया जा सकता था लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ? कोल्हापुर की जनता की ईडी जांच करने की योजना उनकी अच्छी है। बेहतरीन! पांच राज्यों में जहां-जहां भाजपा की जीत हुई, उन सभी चुनाव क्षेत्रों में ईडी की जांच लगाओ। गोवा के पणजी और साखली चुनाव क्षेत्र से शुरुआत करो। यानी सत्य सामने आ जाएगा। हर हर मोदी, घर घर मोदी इस नारे को जोड़कर कोई हर हर ईडी, घर घर ईडी का नारा दे रहा है तो लोगों को बगावत करनी ही पड़ेगी।’



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