Sadak 2: ट्रेलर रिलीज के बाद फूटा लोगों का गुस्सा, महेश भट्ट पर लगाए ये गंभीर आरोप

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नई दिल्ली: फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) पर पहले से ही हिंदू विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं. वहीं, उनकी अपकमिंग फिल्म ‘सड़क 2 (Sadak 2)’ तो पहले से ही नेपोटिज्म विरोधियों के निशाने पर थी. ऐसे में मूवी की कहानी और ट्रेलर के सामने आने के बाद हिंदुत्व समर्थक नाराज हो गए हैं. वो ‘सड़क 2’ के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. 

ये ट्वीट तब किया गया था, जबकि ‘सड़क 2’ का ट्रेलर भी रिलीज नहीं किया गया था. 12 अगस्त को तड़के ही जब संजय दत्त के फैंस उनके लंग कैंसर की खबर से चिंता ही जता रहे थे, भट्ट साहब ने मौका देखकर मूवी का ट्रेलर भी लॉन्च कर दिया. ट्रेलर में संजय दत्त ही छाए हुए हैं. उससे साफ लगता है कि संजय दत्त की बीमारी की खबर को भी भुनाने की कोशिश की गई है, लेकिन हिंदूवादियों के नाराज होने की वजह दूसरी है और वो है विलेन के तौर पर एक बाबा और उसका आश्रम दिखाया जाना. मकरंद देशपांडे इस मूवी में विलेन के तौर पर हैं और ट्रेलर में उनका आश्रम औऱ उनके शिष्य गंदे कामों में लिप्त दिखाए गए हैं. हालांकि उनको भगवा कपड़े पहनाने से परहेज बरता गया है, एक साधु से ज्यादा तांत्रिक के वेश में दिखाया गया है.

इस पर भी बवाल हो सकता है, क्योंकि कई अलग-अलग तरह के पंथ और पूजा अर्चना की प्रक्रियाएं सनातन परंपरा का हिस्सा रही हैं. यहां शक्ति पूजा से लेकर अघोरी तक, नागा साधुओं से लेकर आजीविकों तक, आप किसी भी पंथ, अखाड़े या पूजा प्रक्रिया का मजाक नहीं बना सकते और इसी बात को लेकर हिंदूवादी बॉलीवुड वालों से नाराज रहे हैं कि क्यों बार-बार केवल सनातन संस्कृति पर निशाना साधा जाता है, बाकी धर्म के लोगों पर उंगली उठाने से डरता रहा है बॉलीवुड? जबकि ‘सड़क 2’ तो सुशांत राजपूत की मौत के बाद वैसे ही नेपोटिज्म के चलते विरोध का सामना कर रही है. इस मूवी में न केवल सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त हैं, बल्कि पूजा भट्ट के बाद महेश भट्ट की दूसरी बेटी आलिया भट्ट है और रॉय कपूर परिवार के आदित्य रॉय कपूर, सभी नेपोटिज्म के सिंबल हैं.

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संजय दत्त और पूजा भट्ट की मूवी ‘सड़क’ 1991 में आई थी और सुपरहिट हुई थी. इस मूवी में विलेन का किरदार एक रेडलाइट एरिया में जिस्म का कारोबार करने वाले ‘महारानी’ का था, जिसे उस वक्त के मशहूर विलेन सदाशिवराव अमरापुरकर ने निभाया था. उनका किरदार इतना जबरदस्त था कि उसी तरह के किरदार की जरूरत इसके सीक्वल में भी सोची गई और महेश भट्ट को कुछ नहीं सूझा तो आश्रम वाले बाबा का ही एक किरदार गढ़ दिया. यही बात हिंदूवादियों को नागवार गुजरी है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे ट्रेवल बिजनेस चलाने वाला संजय दत्त पूजा भट्ट की मौत के बाद वो बिजनेस बंद कर देता है, लेकिन पूजा का हाथों हुई आलिया भट्ट की आखिरी बुकिंग को पूरा करने के लिए वो उसको लेकर चल देता है, रास्ते में अपने ब्बॉयफ्रेंड को लेती हैं आलिया और फिर दोनों उस बाबा के जाल में फंस जाते हैं, जिनसे संजय दत्त लोहा लेते हैं.

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