Sagar : चार साल से कछुआ चाल में बन रहे सागर के ये आरओबी, आसान सफर की चाह में मुश्किल भरा हो रहा रास्ता

169
Sagar : चार साल से कछुआ चाल में बन रहे सागर के ये आरओबी, आसान सफर की चाह में मुश्किल भरा हो रहा रास्ता

Sagar : चार साल से कछुआ चाल में बन रहे सागर के ये आरओबी, आसान सफर की चाह में मुश्किल भरा हो रहा रास्ता

सागर, अमित प्रभु मिश्रा : जिले में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं, एक तरफ करोड़ों की लागत से बन रही स्मार्ट सिटी है तो दूसरी तरफ आरओबी अंडर पासेस एयर एलिवेटेड कॉरिडोर हैं। लेकिन कामों गति इतनी धीमी है की डेढ़ से दो साल तक की देरी से काम हो रहे हैं। इस बीरबल की खिचड़ी में हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी करीब एक हजार करोड़ से ज़्यादा की लागत से एक कॉरिडोर और शहर में तीन फ्लाईओवरों को स्वीकृति का घी उड़ेल दिया है। ऐसे में पहले से ही कछुए की चाल से चल रहे निर्माण कार्यों की धीमी रफ्तार से परेशान लोगों की चिंताएं बढ़ना लाज़मी हैं।

हम अगर दो ऐसे रेलवे ओवरब्रिजों की बात करें तो सबसे पहले सागर कानपुर हाइवे पर बीते चार साल से कानपुर, जबलपुर दमोह, छतरपुर जाने वाले लाखों लोग परेशान हो चुके हैं और आगे भी कहीं कोई राहत दिखाई नहीं दे रही। इस एक आरओबी बनाने में डेढ़ साल की देरी हुई है। 2020 में इसे बनकर तैयार होना था जो अब तक अधर में लटका हुआ है। बताया जा रहा है कि 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है केवल गार्डर लगाने की देरी है। इसमें लगने वाले कुल 30 में से अब तक 9 गार्डर ही चढ़ सके हैं। मोनिटरिंग का अभाव और बेहद धीमी गति का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में इस भव्य निर्माण के स्वरूप लेने तक भारी ट्रैफिक का भार अंग्रेजों के बनाये अंडरब्रिज ने उठा रखा है। ड्रेनेज के पानी के बीच से होकर वाहन निकल रहे हैं। वहीं हाइवे का ट्रैफिक भी चार साल से दीनदयाल नगर कॉलोनियों से होकर गुजर रहा है।

एनएच विभाग के ज़िम्मेदारों का कहना है कि यह गार्डर सितंम्बर तक लगाए जाने हैं, अब काम पूरा करने की नई डेट अब अक्टूबर-2022 है। ताज़ा हालातों की बात करें तो डायवर्जनों में उलझे मुसाफिर सागर में घुसने का रास्ता पूछते दिखाई देते हैं तो कुछ बाहर निकलने का सड़कों पर जाम के हालात अक्सर ही बन जाते हैं लेकिन जनता को हो रही परेशानियों पर किसी का ध्यान नहीं जाता। पुराने कामों को पूरा करने की बजाय नई घोषणाओं का पहाड़ खड़ा दिखाई देता है।

Collage Maker-08-Aug-2022-04.20-PM

सागर – झांसी पर दूसरी देरी
मकरोनिया ओवर ब्रिज से करीब 3 से चार किलोमीटर दूर रजाखेड़ी क्षेत्र में सागर झांसी रेलवे फाटक पर बन रहा आरओबी भी सुस्त चाल से तैयार हो रहा है। चार साल में केवल 50 प्रतिशत ही काम हुआ है। 716 मीटर और 15 करोड़ की लागत वाले इस ब्रिज को भी दो साल पहले बनकर तैयार हो जाना था। लेकिन जिस गति से काम हुआ है ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की इसमो बनने में अभी 4 साल और लग जाएंगे क्यों अभी आधा ही काम पूरा हुआ है।

navbharat times -मॉनसून बाद दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड पर काम, रास्ते में पड़ेगा 600 मीटर का टनल, 30 महीने में भरिए फर्राटे
1112.25 करोड़ से हवा में सागर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम में सेतु बंधन योजना के अंतर्गत सागर जिले में रहली जबलपुर मार्ग के नोरादेही अभ्यारण में 1008 करोड़ की राशि से 20 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर को स्वीकृति दी गयी। साथ ही सागर बायपास मार्ग के लिए 31 करोड़, सिविल लाइन से मकरोनिया मार्ग में मकरोनिया चौराहे पर 32.50 करोड़ की लागत का फ्लाय ओवर, सागर के पीली कोठी से नगर निगम आफिस मार्ग पर 20.75 करोड़ की लागत से फ्लाय व लेवल क्रासिंग क्रमांक 23 राहतगढ़ रेलवे ओव्हर ब्रिज पर लगभग 20 करोड़ की लागत से भगवानगंज तरफ तीसरी भुजा निर्माण की स्वीकृत मिली हुई है।

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News