Shivsena: उद्धव ठाकरे की ‘शिव भोजन थाली योजना’ होगी बंद? घोटाले का शक, शिंदे सरकार करेगी समीक्षा, समझिये पूरा विवाद

63
Shivsena: उद्धव ठाकरे की ‘शिव भोजन थाली योजना’ होगी बंद? घोटाले का शक, शिंदे सरकार करेगी समीक्षा, समझिये पूरा विवाद

Shivsena: उद्धव ठाकरे की ‘शिव भोजन थाली योजना’ होगी बंद? घोटाले का शक, शिंदे सरकार करेगी समीक्षा, समझिये पूरा विवाद

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की ठाकरे सरकार जाने बाद अब उनके द्वारा लिए गए कई फैसलों को सरकार द्वारा (Eknath Shinde Government) रिव्यु (समीक्षा) किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिवसेना (Shivsena) की ‘शिव भोजन थाली योजना’ (Shiv Bhojan Thali Scheme) की भी समीक्षा करने का आदेश राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति रविंद्र चव्हाण ने दिया है। बता दें की राज्य की पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शिवभोजन थाली योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की उद्धव ठाकरे ने दिल खोलकर तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा था इस स्कीम से गरीब लोगों को भी भोजन की गांरंटी मिल रही है। जिसके तहत मामूली दाम पर लोग इस स्कीम का लाभ रहे हैं। हालांकि सरकार बदलते ही अब यह योजना संकट में आती हुई आ रही है। महाविकास अघाड़ी सरकार (Mahaviakas Aghadi Government) ने सत्ता में आते ही राज्य की गरीब जनता के लिए 10 में शिव भोजन थाली योजना शुरू की थी।

हालांकि, कोरोना महामारी के चलते सरकार ने इसकी कीमत घटाकर 5 रुपये कर दी थी, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग भूखे न रहें। राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही इस योजना में अब तक दो करोड़ थाली लोगों को वितरित करने का दावा सरकार ने किया था ।

थाली की कीमत और संख्या
24 सितंबर 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 1699 भोजन केंद्र हैं जिसमें से 1549 भोजन केंद्रों पर शिव भोजन थाली दी जाती है। राज्य में 188463 थाली को बांटने का अनुमति दी गयी है। फिलहाल 145591 शिव भोजन थालियां ही ग्राहकों को मुहैया कार्रवाई जा रही है। बता दें कि सरकार ने कोरोना काल में इस थाली की कीमत को 10 रुपये से घटाकर 5 कर दिया था। हालांकि अप्रैल 2021 से यह थाली लोगों को मुफ्त में दी जाने लगी थी। लेकिन जब कोरोना का असर कम हुआ तब मुफ्त में थाली देने का फैसला सरकार ने वापस ले लिया था। बाद में यह थाली लोगों को पहले की तरह ही 10 रुपये में दी जा रही है। शहरी इलाकों में स्थली की कीमत 50 और ग्रामीण इलाकों में थाली की कीमत 35 रुपये रखी गई थी। जिसमें से 10 ग्राहक को देने पड़ते थे, बाकी पैसा सरकार की तरफ से चुकाया जाता है।

क्या है विवाद?
शिव भोजन थाली को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मन में संशय है। उन्हें यह लगता है कि इस योजना के भीतर कोई घोटाला हुआ है, जिसकी जांच होनी चाहिए। जिसके चलते इस स्कीम की भी समीक्षा करने की बात कही गई है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इस योजना में अपने पसंदीदा कांट्रेक्टर को ठेके दिए गए हैं। योजना की समीक्षा के साथ ही महाराष्ट्र में अब इस बात की अटकलें भी तेज हो गई हैं कि आम इंसान के पेट को भरने वाली शिव भोजन थाली की योजना आने वाले समय में बंद भी हो सकती है।

शिवसेना से लड़ो गरीबों से नहीं
इस विषय पर शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को बताया कि हमारी सरकार ने यह योजना गरीब लोगों के को सस्ता और अच्छा भोजन उपलब्ध कराने के मकसद से बनाई थी। हालांकि नई सरकार अब पुरानी सरकार के ज्यादातर निर्णयों को द्वेष पूर्ण तरीके से रद्द करने में लगी हुई है। हमारी मांग है कि नई सरकार को शिवसेना और उद्धव ठाकरे से खुलकर लड़ना चाहिए लेकिन उन्हें गरीब जनता के पेट पर लात नहीं मारनी चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि इस योजना में कोई घोटाला हुआ है या कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच की जानी चाहिए। हम, हर तरह की जांच का सामना करने के लिए और उसमें सहयोग करने के लिए तैयार है। अगर सरकार इस योजना को बंद करना चाहती है तो उसे यह भी घोषित करना चाहिए कि यह योजना गरीबों के लिए ठीक नहीं है। इस योजना के जरिए राज्य के करोड़ों लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया गया है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News