Single Use Plastic Ban: प्लास्टिक बैन का पहला दिन… न किसी ने रोका, न किसी ने टोका

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Single Use Plastic Ban: प्लास्टिक बैन का पहला दिन… न किसी ने रोका, न किसी ने टोका

नई दिल्लीः बैन होने के बाद भी पीवीसी थैली, प्लास्टिक और थर्माकोल की प्लेट और गिलास आदि का इस्तेमाल साउथ दिल्ली में हो रहा है। प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन, चिड़ियाघर, जंगपुरा एक्सटेंशन, भोगल, लाजपत नगर और सरोजिनी नगर मार्केट आदि में इनका इस्तेमाल साफ देखा जा सकता है। रेहड़ी और पटरी बाजार में बेचे जा रहे सामान को पीवीसी की थैली में खुलेआम दिया जा रहा है। बेशक बड़े बाजारों की असोसिएशन कई दिन से पीवीसी थैलियों के खिलाफ दुकानदारों में प्रचार कर रही है।

​चोरी छिपे प्लास्टिक की प्लेट और गिलासों का इस्तेमाल

सरोजिनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अशोक रंधावा ने बताया कि कोई दुकानदार पीवीसी थैली का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, लेकिन इसी मार्केट में लगी रेहड़ी पटरी में पीवीसी थैली, थर्माकोल की प्लेट और प्लास्टिक के गिलासों का इस्तेमाल देखा जा सकता है। इसी प्रकार लाजपत नगर की विभिन्न मार्केट असोसिएशन दावा कर रही हैं कि नए नियमों का पालन दुकानदार कर रहे हैं। इसके बावजूद कई रेस्टोरेंट्स और ढाबों में प्लास्टिक की प्लेट और गिलासों का इस्तेमाल चोरी छुपे हो रहा है। ढाबे से खाना ले जा रहे ग्राहक को पीवीसी की थैलियों में सामान दिया जा रहा है।

​महंगी पड़ रही जूट की थैली, मजबूत भी नहीं

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पहले दिन आउटर दिल्ली के नरेला, बवाना, अलीपुर सहित कई ग्रामीण एरिया में इसके बैन का कोई असर नहीं दिखा। नरेला की दोनों बड़ी सब्जी मंडियों में भी दुकानदार पॉलिथीन का इस्तेमाल करते दिखाई दिए। सब्जी विक्रेता राजू ने बताया कि अभी जो पॉलिथीन मिली है, उसके खत्म होने तक का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि लोगों से अपील करते हैं कि आगे से थैला लेकर आएं। उधर, जूस बेचने वाले दुकानदार महेश ने बताया कि जिस दिन प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास मिलने बंद हो जाएंगे उस दिन वह भी नहीं रखेंगे। अलीपुर गांव में किराने की दुकान चलाने वाले सोनू ने बताया कि उन्हें पता है कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन हो गया है। अब देखते हैं कब तक बाजार में प्लास्टिक की थैलियां उपलब्ध हो पा रही हैं। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं नरेला झंडा चौक व आर्य समाज रोड पर मौजूद प्लास्टिक की थैली बेचने वाले दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थी। फल बेचने वाले कृष्ण ने बताया कि जूट का थैला अधिक मजबूत नहीं है और महंगा भी है। इसमें एक या दो किलो फल रखने के बाद यह नीचे से फट जा रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी दुकान पर इसे रखना शुरू कर दिया है। बवाना इलाके में कई स्ट्रीट फूड वेंडर्स थर्माकोल की प्लेट और प्लास्टिक के चम्मच इस्तेमाल करते दिखे।

​सब्जी विक्रेता, प्लास्टिक पॉलिथीन बेचने वालों पर नहीं दिखा असर

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रोहिणी के कई सेक्टरों में भी बैन का असर नहीं दिखा। लोकल सब्जी मंडी, दुकानों और जूस कॉर्नर्स पर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल होता दिखा। रोहिणी सेक्टर-20 के लगभग सभी जूस कॉर्नर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के गिलास और पेय पदार्थ पीने वाले पाइप भी दिखे। एक जूस कॉर्नर के मालिक ने बताया कि उन्हें अभी इस बात की जानकारी नहीं है। इसके अलावा सुल्तानपुरी, रोहिणी सेक्टर-20, जगदम्बा मार्केट लोकल सब्जी मंडियों में भी सब्जी विक्रेता ग्राहकों को पॉलिथीन में सब्जियां दे रहे थे। ज्यादातर सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि पॉलिथीन पर बैन की जानकारी तो मिली है, इसको लेकर कीमतों में भी इजाफा हुआ है, लेकिन अभी यह आसानी से मिल रही है। रोहिणी के अलग-अलग सेक्टरों में सिंगल यूज प्लास्टिक कप, गिलास, प्लेट बेचने वाले दुकानदार भी लोगों को ये आइटम बेचते दिखे। कुछ दुकानदारों का कहना था कि अभी उनके पास अभी नहीं है, ऑर्डर पर वह 10 से 15 मिनट में मंगवा देंगे। इसी तरह कई रेस्टोरेंट में भी प्लास्टिक के चम्मच और अन्य बैन सामानों का इस्तेमाल होता दिखा। रोहिणी के आंबेडकर अस्पताल के सामने भी टी स्टॉल पर प्लास्टिक के कप में दुकानदार चाय दे रहे थे।

​रेहड़ी पटरी वाले धड़ल्ले से कर रहे यूज, कहा-जानकारी ही नहीं

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बाकी जगहों की तरह ही ईस्ट दिल्ली में भी पहले दिन धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम का इस्तेमाल होता रहा। ज्यादातर रेहड़ी पटरी वालों ने बताया कि इसके बारे में हमें जानकारी नहीं है। ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की ओपीडी के बाहर बनी कैंटीन में लोग थर्माकोल के गिलास में चाय पीते और प्लास्टिक के प्लेट में पेटीज खाते दिखे। यहां से जीटीबी अस्पताल की ओर जाने वाले रास्ते पर ज्यादातर जूस के ठेले वालों के पास भी प्लास्टिक के गिलास मिले। दुकानदारों ने बताया कि बैन के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। उधर, दिलशाद गार्डन कॉलोनी से जीटी रोड की ओर जाने वाले रास्ते पर एक चाइनीज फास्टफूड की दुकान में प्लास्टिक की चम्मच और कांटे दिखे। इस दुकान पर सैकड़ों पॉलिथीन में लाल- हरी चटनियां भरी हुई थी। पूछने पर दुकानदार मुस्कुराते हुए बोला, हां मुझे मालूम है कि सिंगल यूज प्लास्टिक आज से बैन हो गया है। शाहदरा का छोटा बाजार में भी दुकानों से लेकर फल और सब्जियों की रेहड़ी पटरी तक सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन का कोई असर देखने को नहीं मिला। हालांकि मंडोली रोड मार्केट में प्लास्टिक के प्लेट, गिलास और चम्मच की काफी संख्या में दुकानें हैं, जो शुक्रवार को नहीं खुलीं।

​प्लास्टिक के सामानों के कई बेहतर विकल्प, लेकिन कीमतें हैं ज्यादा

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सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों को लेकर प्लास्टिक विकल्प मेला लगाया गया है। मेले में आए इको फ्रेंडली प्रोडक्ट के निर्माताओं के अनुसार अभी यह प्रोडक्ट प्लास्टिक की तुलना में महंगे हैं, लेकिन अब इनकी डिमांड बढ़ेगी तो इनकी कीमतें भी कम होने लगेंगी। यदि सरकार सहयोग दे और पॉलिसी में कुछ बदलाव करे तो कीमतें काफी किफायती हो सकती हैं। इसके लिए कई उत्पादकों ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। बहरहाल मेले में आए निर्माता यहां मिले रिस्पांस से काफी खुश नजर आए। मेले में इको फ्रेंडली प्रोडक्ट लेकर आईं डॉ. निशा त्रिपाठी ने बताया कि वह बांस के इको फ्रेंडली प्रोडक्ट लेकर आई हैं। इनमें टूथ ब्रश, स्ट्रॉ, फाइल फोल्डर आदि प्रोडक्ट हैं। मेले में काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। बल्क यूजर भी आए हैं और उन्हें एक कॉन्टेक्ट लिस्ट मिल गई है। इसकी उन्हें काफी जरूरत थी। कई लोगों ने प्रोडक्ट भी खरीदें हैं। दिल्ली-एनसीआर में जागरूकता तो दिख रही है, लेकिन डिमांड अभी बहुत अधिक नहीं है। इको फ्रेंडली सामानों की कीमत प्लास्टिक के मुकाबले कुछ महंगी है। कॉस्ट कम करने के लिए वह दिल्ली-एनसीआर में एक प्लांट शुरू करने का प्लान कर रही हैं। यहीं पर बांस उंगाएंगी, यही प्रोडक्शन होगा। इससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट काफी कम हो जाएगा। दूसरा, क्राफट आइटम में 5 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है। बांस के टूथब्रश पर 12 प्रतिशत जीएसटी है, यदि सरकार इस तरफ ध्यान दे तो कीमतें कम हो जाएंगी।

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