पड़ोसी देश श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी, पूरे देश में लगाना पड़ा कर्फ्यू

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ईस्टर संडे के दिन चर्चों में हुए धमाकों के बाद से ही श्रीलंका सांप्रदायिक हिंसा की आग में झूलस रहा है। नौबत यहां तक आ पहुंची है कि श्रीलंका की सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। श्रीलंकन सेना प्रमुख महेश सेनानायक ने कहा है कि सैनिकों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई कर्फ्यू का उल्लंघन करता है तो सेना उसे देखते ही गोली मार देगी।

दरअसल, एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि ‘आज रात नौ बजे से कल तड़के चार बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया गया है’। इस दौरान सेना प्रमुख महेश सेनानायक ने कहा है कि सैनिकों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति निषेधाज्ञा (धारा 144) का उल्लंघन करता है तो सेना उसे देखते ही गोली मार देगी। इससे पहले दिन में प्रशासन ने सामुदायिक हिंसा के बाद उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के चार शहरों- कुलियापिटिया, हेटिपोला, बिंगिरिया और डूमलसूरिया में कर्फ्यू हटाने के कुछ घंटों बाद फिर कल तड़के चार बजे तक के लिए लगा दिया। बाद में हिंसा फैलने पर पूरे उत्तर और पश्चिम प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया गया।

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी खासतौर पर करुनेगला ज़िले में अशांति फैलने के बाद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। श्रीलंका सरकार ने देश में अल्पसंख्यक मुसलमानों और बहुसंख्यक सिंहली समुदायों के बीच हिंसा की घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर भी फिर प्रतिबंध लगा दिया। बता दें कि श्रीलंकाई पुलिस ने रविवार को देश के पश्चिम तटीय शहर चिलॉ में भीड़ के ज़रिए एक मस्ज़िद और मुस्लिमों की कुछ दुकानों पर हमला किए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया था। एक मुस्लिम दुकानदार के फेसबुक पर पोस्ट करने से भीड़ ने हमला किया था।

Ranil Wickremesinghe -

बता दें कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और तीन लक्जरी होटलों में आत्मघाती हमले हुए थे। इन हमलों में 253 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। इन हमलों के बाद से ही देश में हिंसा की घटनाएं बढी हैं।