SUV: भारत में वैगनआर की जगह धीरे-धीरे एसयूवी कैसे हुई हावी, क्या कहता है युवाओं का बदला रुख?

80

SUV: भारत में वैगनआर की जगह धीरे-धीरे एसयूवी कैसे हुई हावी, क्या कहता है युवाओं का बदला रुख?

नई दिल्ली
SUV Sales: भारत युवाओं का देश है और युवाओं की 70 फ़ीसदी आबादी की वजह से देश में कई कारोबारी सेक्टर में अनोखे बदलाव देखे जा रहे हैं। अगर भारत के ऑटोमोबाइल बाजार की बात करें तो अब तक इसमें MSIL की वैगनआर या हुंडई सैंट्रो जैसी कारों का जलवा था। पिछले कुछ समय से यह ट्रेंड बदल गया है।

पिछले दशक में भारत के युवाओं ने फैमिली व्हीकल मानी जाने वाली वैगनआर या सैंट्रो जैसी कार की जगह एसयूवी को तरजीह देना शुरू किया है। युवाओं के इस ट्रेंड को भांपते हुए कार बनाने वाली कंपनियों ने भी कम कीमत में पावरफुल एसयूवी लांच करना शुरू कर दिया है।

यह भी पढ़ें: गांव के लोगों की घटती आमदनी से ऑटो इंडस्ट्री पर क्यों दिख रहा है असर?

देश में न्यूक्लियर फैमिली के बढ़ते चलन, पति पत्नी दोनों के कामकाजी होने और वीकेंड पर नेटिव प्लेस आने-जाने या घूमने जाने की बढ़ती चाहत की वजह से देश में एसयूवी का बाजार रफ्तार पकड़ रहा है।

भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एसयूवी कारों की काफी डिमांड है और खासतौर पर बीते कुछ सालों में इस सेगमेंट में काफी कस्टमर बेस बढ़ा है। वर्तमान में बाजार में ब्रेजा, नेक्सॉन, हैरियर, हेक्टर जैसी कारें मौजूद हैं। ये सभी मॉडल्स काफी पॉप्युलर हैं। एसयूवी मॉडल्स की बढ़ती डिमांड के चलते ग्राहकों का रुझान सिडैन और हैचबैक कारों की और पहले की अपेक्षा कम हुआ है।

SUV की खासियत
एसयूवी में ड्राइविंग सीट उंचाई पर होने की वजह से सड़क पर वाहन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और वह अधिक सुरक्षित महसूस करता है। सेडान कार की तुलना में एसयूवी में बैठा व्यक्ति ट्रैफिक और अपने आसपास वाले वाहनों को लेकर ज्यादा सक्रिय रहता है। सड़क सुरक्षा हो या व्यक्तिगत सुरक्षा, SUV दोनों ही मामलों में युवाओं को अधिक पसंद आ रहा है।

स्टेट्स सिंबल है SUV

कॉरपोरेट वर्ल्ड में जॉब कर रहे युवा हों, या अपना कामकाज कर रहे लोग, सेडान कार की जगह एसयूवी को वे अपना स्टेटस सिंबल मानते हैं। इस वजह से भी पिछले कुछ सालों में एसयूवी का क्रेज बढ़ा है। अब आपको कॉर्पोरेट दफ्तर की पार्किंग में हर 10 में से चार गाड़ी एसयूवी दिखेंगी, यह भी इस ट्रेंड का प्रमाण है।

खराब सड़क का असर नहीं
SUVs में हाई ग्राउंड क्लीयरेंस होता है, जो खराब और टूटी सड़कों पर भी ड्राइविंग को काफी आसान बना देता है। इससे कार की अंडरबॉडी को कोई नुकसान नहीं होता है। एसयूवी सेडान की तुलना में अधिक पसंद इसलिए भी किये जा रहे हैं, क्योंकि ये बेहतर बूट क्षमता और आसान लोडिंग लिप देते हैं, जिससे लंबी यात्रा पर इन्हें आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, और यात्रा का लुफ्त भी उठाया जा सकता है।

कीमत में खास अंतर नहीं
भारतीय ग्राहक कार के लुक्स और कीमत के साथ माइलेज पर भी खास ध्यान देते हैं। उचित कीमत में ज्यादा माइलेज वाली कारें युवा बायर्स को ज्यादा पसंद आती हैं। किआ सॉनेट, Honda Jazz, Tata Punch और Nexon, ब्रेजा जैसी काफी पॉप्युलर एसयूवी कारें इस रेंज में मौजूद हैं। सेडान कारों की तुलना में आजकल आकर्षक कीमत पर उपलब्ध एसयूवी कारें अच्छे माइलेज की वजह से भी बायर्स का ध्यान खींच रही हैं।

कॉम्पैक्ट SUV ने बदला बाजार
जबसे कार कंपनियों ने कॉन्पैक्ट एसयूवी लॉन्च करना शुरू किया है तब से कार बाजार की तस्वीर ही बदल गई है। अब युवाओं को पार्किंग या सड़क पर असुविधा की चिंता किए बिना एसयूवी में चलने का मौका मिल रहा है। कॉन्पैक्ट एसयूवी वास्तव में माइलेज और कीमत के लिहाज से भी बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आ रही है। ₹5,00,000 से शुरू होने वाली कॉन्पैक्ट एसयूवी युवाओं के लिए इसी कीमत में आने वाली सेडान कार की तुलना में ज्यादा पसंदीदा विकल्प बन गई है।

दुनिया भर में बढ़ी मांग

पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में यूटिलिटी व्हीकल की बिक्री में इजाफा देखा गया है। अगर बात साल 2019 की करें तो कारों की बिक्री के कुल हिस्से में से 45 फ़ीसदी से अधिक हिस्सेदारी एसयूवी की रही है। अगर बात दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन की करें तो वहां साल 2010 में एसयूवी की बिक्री 14% के करीब थी जो साल 2019 में बढ़कर 44 फीसदी पर पहुंच गई है।

यह भी पढ़ें: सस्ता सोना खरीदने का फिर आया मौका, सोमवार से खुलेगी सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम, जानिए भाव और समय के बारे में

जियो की ग्राहकों को चेतावनी, KYC वाला लिंक लगा सकता है बड़ा चूना

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News