TCS: विदेश में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर फिलहाल नहीं लगेगा कोई टैक्स, पूरी डिटेल
नई दिल्ली : आमतौर से विदेश यात्रा में क्रेडिट कार्ड से खर्च करने के संबंध ने सरकार ने दो बातों को स्पष्ट किया है। पहली बात सरकार ने कहा है कि इंटरनैशनल क्रेडिट कार्ड से विदेश में खर्च उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत नहीं आएगा और इसलिए इस पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) नहीं लगेगा। अगर आपके पास इंटरनैशनल क्रेडिट कार्ड है और आप विदेश में खर्च का भुगतान उस कार्ड से करते हैं तो उस पर टीसीएस नहीं लगेगा।दूसरी बात यह है कि जो कोई व्यक्ति विदेश में सात लाख रुपये से ज्यादा भुगतान क्रेडिट कार्ड से करता है, उसको ही 20 फीसदी की टीसीएस देना होगा। अब नियम एक जुलाई से नहीं बल्कि 1 अक्टूबर से लागू होगा। इसका मतलब है कि विदेश यात्रा पैकेज खरीदने या विदेश में क्रेडिट कार्ड से सात लाख सालाना खर्च पर टीसीएस पांच प्रतिशत की दर से लगेगा। 20 प्रतिशत की दर तभी लागू होगी, जब खर्च इस सीमा से अधिक होगा।
कटौती की मांग ठुकराई
सरकार ने टीसीएस रेट में कटौती की मांग को ठुकरा दिया है। कॉरपोरेट जगत ने इस मामले में यह गुहार लगाई थी। हालांकि सरकार का तर्क है कि क्रेडिट कार्ड से विदेश यात्रा में सात लाख रुपये तक खर्च पर टीसीएस नहीं लगेगा। यह काफी राहत वाली बात है। इसके अलावा विदेश में एजुकेशन और चिकित्सा से संबंधित खर्च पर टीसीएस को कम कर दिया है। इसके अलावा वह कोई राहत नहीं दे सकती। गौरतलब है कि सरकार ने पहले फैसला लिया था कि एक जुलाई से विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले खर्च पर टीसीएस की बढ़ी दरें लागू की जाए। इसके तहत 7 लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर 20 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना पड़ता। हालांकि, शिक्षा एवं चिकित्सा से संबंधित खर्च होने पर यह शुल्क घटाकर पांच फीसदी करने का प्रावधान किया गया था
क्यों टाला गया फैसला?
सूत्रों के अनुसार बैंकों ने सरकार से इस फैसलों को लागू करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। बैंकों ने सरकार से कहा था कि इस फैसले को लागू करने के लिए उन्हें अपने यहां आईटी आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए समय चाहिए। बैंकों ने कहा था कि विदेश में यात्रा करने पर क्रेडिट कार्ड से कितना भुगतान किया जा रहा है। यह भुगतान सालाना सात लाख रुपये से ज्यादा हो गया है कि नहीं, इसका कैलकुलेशन करने के लिए उन्हें अलग से आईटी आधारित मैकेनिज्म को विकसित करना होगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड नेटवर्क को मजबूत करना होगा ताकि इस फैसले को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सकें। बैंकों की इस मांग पर वित्त मंत्रालय ने गौर किया और उन्हें अतिरिक्त तीन महीने का समय देने का फैसला किया है। हालांकि सरकार इस फैसले को एक जुलाई से लागू करना चाहती थी।
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कटौती की मांग ठुकराई
सरकार ने टीसीएस रेट में कटौती की मांग को ठुकरा दिया है। कॉरपोरेट जगत ने इस मामले में यह गुहार लगाई थी। हालांकि सरकार का तर्क है कि क्रेडिट कार्ड से विदेश यात्रा में सात लाख रुपये तक खर्च पर टीसीएस नहीं लगेगा। यह काफी राहत वाली बात है। इसके अलावा विदेश में एजुकेशन और चिकित्सा से संबंधित खर्च पर टीसीएस को कम कर दिया है। इसके अलावा वह कोई राहत नहीं दे सकती। गौरतलब है कि सरकार ने पहले फैसला लिया था कि एक जुलाई से विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले खर्च पर टीसीएस की बढ़ी दरें लागू की जाए। इसके तहत 7 लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर 20 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना पड़ता। हालांकि, शिक्षा एवं चिकित्सा से संबंधित खर्च होने पर यह शुल्क घटाकर पांच फीसदी करने का प्रावधान किया गया था
क्यों टाला गया फैसला?
सूत्रों के अनुसार बैंकों ने सरकार से इस फैसलों को लागू करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। बैंकों ने सरकार से कहा था कि इस फैसले को लागू करने के लिए उन्हें अपने यहां आईटी आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए समय चाहिए। बैंकों ने कहा था कि विदेश में यात्रा करने पर क्रेडिट कार्ड से कितना भुगतान किया जा रहा है। यह भुगतान सालाना सात लाख रुपये से ज्यादा हो गया है कि नहीं, इसका कैलकुलेशन करने के लिए उन्हें अलग से आईटी आधारित मैकेनिज्म को विकसित करना होगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड नेटवर्क को मजबूत करना होगा ताकि इस फैसले को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सकें। बैंकों की इस मांग पर वित्त मंत्रालय ने गौर किया और उन्हें अतिरिक्त तीन महीने का समय देने का फैसला किया है। हालांकि सरकार इस फैसले को एक जुलाई से लागू करना चाहती थी।
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