Vatican City: भारत के एक मोहल्ले में रहते हैं जितने लोग, इस देश की आबादी उससे भी है कम, जाने ऐसा क्यों
नई दिल्ली: दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां की आबादी लगातार बढ़ रही है। चीन आबादी के मामले में नंबर एक पर है। वहीं भारत भी आबादी के लिहाज से पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसा देश भी है, जिसकी आबादी (Population) भारत के एक मोहल्ले में रहने वाले लोगों से भी कम है। यूरोप महाद्वीप (Europe Continent) में स्थित वेटिकन सिटी (Vatican City) दुनिया का सबसे छोटा देश है। इस देश का क्षेत्रफल केवल 44 हेक्टेयर यानी कि करीब 108 एकड़ है। ये देश इटली (Italy) की राजधानी रोम (Rome) शहर में बसे इस देश की आबादी एक हजार से भी कम है। वेटिकन सिटी को देश की मान्यता 1929 में मिली थी। रोम शहर में बसे इस देश की भाषा लैटिन है। चलिए आपको इस देश की रोचक बातें बताते हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
देश की है खुद की करेंसी
वेटिकन सिटी का क्षेत्रफल भले ही बहुत कम हो, लेकिन यहां पर रेलवे स्टेशन समेत भी है। यहां की अपनी करेंसी भी है। यहां पर इटली की करेंसी भी स्वीकार कर ली जाती है। इटली में भी यहां की करेंसी स्वीकार कर ली जाती है। वेटिकन सिटी के पास अपना रेडियो स्टेशन और डाक विभाग भी है। वेटिकन सिटी के पास अपना झंडा भी है। वेटिकन सिटी के पास सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी है. इसके साथ वेटिकन सिटी अपने देश की जनता के लिए पासपोर्ट भी जारी करता है।
चलती है राजशाही व्यवस्था
यहां पर भारत, अमेरिका समेत अन्य देशों की तरह लोकतांत्रिक प्रणाली नहीं है। यहां पर चुनाव नहीं होता है। यहां राजशाही व्यवस्था है, जिसका राजा कैथलिक चर्च का पोप ही होता है। यानी कि यहां की जनता के लिए जो भी निर्णय लिया जाता है वो पोप के द्वारा लिया जाता है।
इस तरह बना ये देश
साल 1871 तक इटली कई राज्यों में बंटा हुआ था। इसके बड़े हिस्से पर पोप का शासन था। ऐसे में जब इटली एकीकृत देश बना तो पोप की शक्तियां भी कम हो गईं। पोप की सत्ता वेटिकन सिटी तक सीमित रह गई। इसके बाद 11 फरवरी 1929 को वेटिकन सिटी के पोप पायस XI और तानाशाह मुसोलिनी के बीच एक संधि हुई। इसके तहत यह फैसला लिया गया कि इटली के किसी भी राजनैतिक फैसले में पोप शामिल नहीं होंगे, बदले में वेटिकन सिटी को एक राष्ट्र का दर्जा मिलेगा। इसके बाद वेटिकन सिटी एक स्वतंत्र देश बन गया।
खुद की आर्मी भी है इस देश के पास
दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन सिटी के पास अपनी खुद की आर्मी भी है। इसमें कुल 110 सिपाही हैं। फौज में शामिल होने के लिए यहां के लोगों को कठोर प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
रात में हो जाता है बंद
यह दुनिया का इकलौता देश है जो रात में पूरी तरह बंद हो जाता है। इस देश को लेकर शुरुआत में कई तरह की भ्रांतियां थीं, जिसमें कहा जाता था कि यहां के फौजी शादी नहीं कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हैं। स्विस गार्ड को शादी करने और परिवार रखने की अनुमति है।
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देश की है खुद की करेंसी
वेटिकन सिटी का क्षेत्रफल भले ही बहुत कम हो, लेकिन यहां पर रेलवे स्टेशन समेत भी है। यहां की अपनी करेंसी भी है। यहां पर इटली की करेंसी भी स्वीकार कर ली जाती है। इटली में भी यहां की करेंसी स्वीकार कर ली जाती है। वेटिकन सिटी के पास अपना रेडियो स्टेशन और डाक विभाग भी है। वेटिकन सिटी के पास अपना झंडा भी है। वेटिकन सिटी के पास सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी है. इसके साथ वेटिकन सिटी अपने देश की जनता के लिए पासपोर्ट भी जारी करता है।
चलती है राजशाही व्यवस्था
यहां पर भारत, अमेरिका समेत अन्य देशों की तरह लोकतांत्रिक प्रणाली नहीं है। यहां पर चुनाव नहीं होता है। यहां राजशाही व्यवस्था है, जिसका राजा कैथलिक चर्च का पोप ही होता है। यानी कि यहां की जनता के लिए जो भी निर्णय लिया जाता है वो पोप के द्वारा लिया जाता है।
इस तरह बना ये देश
साल 1871 तक इटली कई राज्यों में बंटा हुआ था। इसके बड़े हिस्से पर पोप का शासन था। ऐसे में जब इटली एकीकृत देश बना तो पोप की शक्तियां भी कम हो गईं। पोप की सत्ता वेटिकन सिटी तक सीमित रह गई। इसके बाद 11 फरवरी 1929 को वेटिकन सिटी के पोप पायस XI और तानाशाह मुसोलिनी के बीच एक संधि हुई। इसके तहत यह फैसला लिया गया कि इटली के किसी भी राजनैतिक फैसले में पोप शामिल नहीं होंगे, बदले में वेटिकन सिटी को एक राष्ट्र का दर्जा मिलेगा। इसके बाद वेटिकन सिटी एक स्वतंत्र देश बन गया।
खुद की आर्मी भी है इस देश के पास
दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन सिटी के पास अपनी खुद की आर्मी भी है। इसमें कुल 110 सिपाही हैं। फौज में शामिल होने के लिए यहां के लोगों को कठोर प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
रात में हो जाता है बंद
यह दुनिया का इकलौता देश है जो रात में पूरी तरह बंद हो जाता है। इस देश को लेकर शुरुआत में कई तरह की भ्रांतियां थीं, जिसमें कहा जाता था कि यहां के फौजी शादी नहीं कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हैं। स्विस गार्ड को शादी करने और परिवार रखने की अनुमति है।
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