Visakhapatnam Doctor Death: PPE किट की किल्लत का सवाल उठाने वाले आंध्र प्रदेश के डॉक्टर की मौत
हाइलाइट्स:
- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में डॉक्टर के सुधाकर की मौत
- पीपीई किट की किल्लत का मुद्दा उठाकर आए थे चर्चा में
- 8 अप्रैल 2020 को डॉ. सुधाकर को किया गया था सस्पेंड
- 16 मई को डॉक्टर के साथ आंध्र पुलिस ने की थी बदसलूकी
शिवा जी, विशाखापट्टनम
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाने वाले डॉक्टर की मौत हो गई है। सीनियर एनेस्थीसियॉलजिस्ट डॉक्टर के सुधाकर (55) को पिछले साल पीपीई की कथित किल्लत पर मुखर होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। शुक्रवार को हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई।
2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर से देश जूझ रहा था। उस वक्त डॉक्टर सुधाकर पहले ऐसे डॉक्टर थे, जिन्होंने महामारी से मुकाबला करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पर चिंता जताई थी। अनुशासन तोड़ने के आरोप में उन्हें 8 अप्रैल 2020 को सस्पेंड कर दिया गया था। 16 मई को उनके साथ पुलिस ने बदसलूकी भी की थी। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
हाल ही में डॉ. सुधाकर कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे। उनके एक पारिवारिक मित्र पी विजय कुमार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ’27 अप्रैल को कोर्ट ने उनके मामले में अंतिम फैसला सुनाया था। लेकिन इसके बारे में कोई खबर नहीं आई थी। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चले गए थे।’
आंध्र प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 118 लोगों की मौत होने के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 10 हजार से अधिक हो गई। राज्य के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार 0.65 प्रतिशत कोविड-19 मृत्यु दर के साथ आंध्र देश में 19वें स्थान पर है।
बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में एक दिन में 19,981 और लोग वायरस संक्रमित पाए गए जबकि 18,336 लोग इससे उबरे हैं। राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 15,62,060 हो गई है। 13,41,355 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। 10,022 रोगियों की मौत हो चुकी है। उपचाराधीन रोगियों की संख्या 2,10,683 है।
(भाषा से मिले इनपुट के साथ)
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स:
- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में डॉक्टर के सुधाकर की मौत
- पीपीई किट की किल्लत का मुद्दा उठाकर आए थे चर्चा में
- 8 अप्रैल 2020 को डॉ. सुधाकर को किया गया था सस्पेंड
- 16 मई को डॉक्टर के साथ आंध्र पुलिस ने की थी बदसलूकी
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाने वाले डॉक्टर की मौत हो गई है। सीनियर एनेस्थीसियॉलजिस्ट डॉक्टर के सुधाकर (55) को पिछले साल पीपीई की कथित किल्लत पर मुखर होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। शुक्रवार को हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई।
2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर से देश जूझ रहा था। उस वक्त डॉक्टर सुधाकर पहले ऐसे डॉक्टर थे, जिन्होंने महामारी से मुकाबला करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पर चिंता जताई थी। अनुशासन तोड़ने के आरोप में उन्हें 8 अप्रैल 2020 को सस्पेंड कर दिया गया था। 16 मई को उनके साथ पुलिस ने बदसलूकी भी की थी। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
हाल ही में डॉ. सुधाकर कोरोना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे। उनके एक पारिवारिक मित्र पी विजय कुमार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ’27 अप्रैल को कोर्ट ने उनके मामले में अंतिम फैसला सुनाया था। लेकिन इसके बारे में कोई खबर नहीं आई थी। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चले गए थे।’
आंध्र प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 118 लोगों की मौत होने के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 10 हजार से अधिक हो गई। राज्य के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार 0.65 प्रतिशत कोविड-19 मृत्यु दर के साथ आंध्र देश में 19वें स्थान पर है।
बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में एक दिन में 19,981 और लोग वायरस संक्रमित पाए गए जबकि 18,336 लोग इससे उबरे हैं। राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 15,62,060 हो गई है। 13,41,355 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। 10,022 रोगियों की मौत हो चुकी है। उपचाराधीन रोगियों की संख्या 2,10,683 है।
(भाषा से मिले इनपुट के साथ)
प्रतीकात्मक तस्वीर