ज़ायरा वसीम साबित हुईं झूठी, कानून का गलत इस्तेमाल कर रही हैं महिलाएं?

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दंगल फेम जायरा वसीम से छेड़छाड़ मामले में आरोपी विकास सचदेवा और जायरा वसीम के साथ सफर कर रहे एक यात्री ने भी बयान दिया है। इस यात्री का कहना है आरोपी ने आर्मरेस्ट पर पैर रखने के अलावा कुछ भी गलत नहीं किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विस्तारा की फ्लाइट से दिल्ली से मुंबई सफर कर रहे इस यात्री ने मुंबई पुलिस को अपने बयान में बताया, ‘मैं भी उसी क्लास में बैठा था, जिसमें एक्टर जायरा वसीम और आरोपी सचदेवा सफर कर रहे थे, मुझे नहीं लगता है कि आरोपी ने आर्मरेस्ट पर अपना पैर रखने के अलावा कुछ भी गलत नहीं किया था।’ इस शख्स ने पुलिस को बताया, ‘मैंने देखा कि जैसे ही विमान दिल्ली से उड़ान भरी सचदेवा अपनी सीट पर बैठने के बाद सो गया, उसकी गलती ये थी कि उसने आर्मरेस्ट पर पांव रखी थी, जो कि गलत है इसके अलावा मैंने उसे गलत व्यवहार करते हुए नहीं देखा।’ इस शख्स ने कहा कि सचदेवा ने तब माफी भी मांगी जब जायरा ने उसके इस वर्ताव पर गुस्सा कर चिल्ला पड़ी थी। तब तक फ्लाइट मुंबई लैंड कर चुकी थी और मामला निपट चुका था।

Vistara Incident -

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने टीओआई को बताया कि इस चश्मदीद ने कहा कि वह विकास सचदेवा को नहीं जानता है, और इस घटना में उसका बयान विकास सचदेवा के बयान से मेल खाता है। बता दें कि आरोपी विकास सचदेवा ने भी मामले में जायरा वसीम से माफी मांगी है और कहा है कि वह दिल्‍ली से एक शोकसभा में शामिल होकर लौट रहे थे। विकास ने कहा कि इसी दौरान उसने गलती से पैर आर्मरेस्ट पर रख दिया था।वहीं इस मामले में विकास सचदेवा के वकील हरमिंदर आनंद ने कहा है कि उनके मुवक्किल पर पोक्सो की धाराएं गलत तरीके से लगाई गई हैं, और यह छेड़खानी का ये आरोप इसके तहत नहीं आता है।

अदालत में पॉक्सो के तहत परिभाषित “सेक्सुअल असाल्ट” पर जमकर बहस हुई। हरमिंदर आनंद ने कहा कि यदि एक सोता हुआ शख्स आर्मरेस्ट पर पैर रखता है तो ये सेक्सुअल असाल्ट नहीं है। हरमिंदर आनंद ने तर्क दिया कि पॉक्सो एक्ट की धारा-7 में सेक्सुअल असाल्ट को परिभाषित करते हुए लिखा है कि जब पीड़ित के निजी अंगों को छुआ जाए, ना कि गर्दन और कंधों को जैसा की पुलिस कह रही है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में आरोपी की यौन मानसिकता को नहीं बताया गया है।