‘जोमैटो’ के करोड़ो उपयोगकर्ताओं का डाटा हुआ चोरी।

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Millions of customer's details hacked of Zomato
'जोमैटो' के करोड़ो उपयोगकर्ताओं का डाटा हुआ चोरी।

क्या है रैंसमवेयर वायरस?
रैंसमवेयर वायरस एक तरह का दुर्भावनापूर्ण फिरौती के जरिये पैसे मांगने वाला सॉफ़्टवेयर है। इसको इस तरह तैयार किया जाता है कि वह किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के सब फाइलों को इनक्रिप्ट कर दे और जैसे ही फाइल इनक्रिप्ट हो जाती है, वैसे ही वह फिरौती मांगने लगता है और उपयोगकर्ता को धमकी देता है कि यदि वह उतनी ही राशि नहीं चुकता है तो वह कंप्यूटर की सब फाइलों को खत्म कर देगा। इसके बाद उपयोगकर्ता इन फाइलों को देख या इनका उपयोग नहीं कर सकता जब तक वह उस फिरौती में मांगी गई राशि का पूरा पूरा भुगतान न कर दे।

जोमैटो पर असर-
रैंसमवेयर वायरस के सौ देशों में हमले के बीच जोमैटो के 1.7 करोड़ ग्राहकों की ईमेल, पासवर्ड और बाकी जानकारियां चोरी हो गए है। यह कंपनी रेस्तरां की जानकारी और खाने के सामान का आर्डर देने के लिए एक एप का संचालन करती है। लोगो तक खाना पहुँचाने वाली इस कंपनी ने हाल ही अपनी वेबसाइट पर ब्लॉग के जरिये जानकारी दी कि जो आंकड़े चुराए गए है, उनमें ईमेल और पासवर्ड है। कंपनी के फिलहाल 120 मिलियन यूजर हैं। पिछले दो साल में दूसरी बार जोमैटो के डाटा से छेड़छाड़ हुई है।
साथ ही कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि चोरी हुए डेटाबेस में भुगतान से जुडी कोई भी सूचना या क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी शामिल नहीं है। कंपनी ने दावा किया है, हाल ही उसकी सुरक्षा टीम ने आंकड़ों कि चोरी का पता लगा लिया है। हालांकि कंपनी इस बात की जानकारी अभी नहीं दे पायेगी कि कि ये आंकड़े कब चुराए गए है और यह रैंसमवेयर वायरस हमले से जुड़ा है या नहीं।

क्या सुरक्षित है जोमैटो के उपयोगकर्ता?
कंपनी ने उपयोगकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए उनके सुरक्षित होने का दावा भी किया है। कंपनी ने कहा है कि उसने प्रभावित उपयोगकर्ताओं के पासवर्ड बदल दिए है और अब उनके नाम से बने खाते सुरक्षित है।ऑनलाइन फूड ऑर्डर प्लेटफॉर्म जोमैटो पर साइबर अटैक का यह पहला मामला नहीं है। 2015 में भी एक हैकर ने इसका डाटा चुरा लिया था। ये कहना मुश्किल है कि ये डाटा चोरी रैंसमवेयर वायरस से हुआ है या नहीं।