Terrorist arrested: ISI को फिर क्यों याद आया अंडरवर्ल्ड? पनाह देने की एवज में दाऊद पर तो नहीं पड़ा दबाव!

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Terrorist arrested: ISI को फिर क्यों याद आया अंडरवर्ल्ड? पनाह देने की एवज में दाऊद पर तो नहीं पड़ा दबाव!

हाइलाइट्स

  • 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दाऊद इब्राहिम के छह लोगों को आतंकवादी साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया
  • इस गिरफ्तारी के बाद एक सवाल सबके दिमाग में उठा कि आईएसआई को अंडरवर्ल्ड दोबारा क्यों याद आया
  • मुमकिन है कि आईएसआई का दाऊद पर प्रेशर पड़ा हो कि इतने लंबे समय तक हम तुम्हें प्रोटेक्शन दिए हुए हैं, बदले में अब कुछ बड़ा करो

मुंबई
मुंबई में 12 मार्च, 1993 को करीब एक दर्जन जगह बम ब्लास्ट हुए थे। इसमें 257 लोग मारे गए थे और 1400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उन धमाकों में अंडरवर्ल्ड का नाम सामने आया था। दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम, टाइगर मेमन सहित डी कंपनी के दर्जनों लोगों ने इन धमाकों की साजिश के लिए दुबई में कई मीटिंग्स की थीं। धमाकों के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इन सभी को पाकिस्तान में प्रोटेक्शन दिया।

1993 के बम धमाकों के बाद देश के कई बड़े शहरों में दर्जनों बम ब्लास्ट हुए। 26/11 जैसा फिदायीन हमला हुआ, 2006 में मुंबई की ट्रेनों में बम रखे गए। इन सभी आतंकवादी हमलों में या तो लश्कर ए तैयबा का या इंडियन मुजाहिदीन के लोगों का नाम आया। 9/11 के बाद कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर जो फिदायीन हमला हुआ था, उसका साजिशकर्ता आसिफ रजा खान और उसका भाई आमिर रजा खान भी उसी इंडियन मुजाहिदीन नेटवर्क का हिस्सा थे, जिससे रियाज और इकबाल भटकल भी जुड़े थे, जिन्होंने साल 2001 से 2006 के बीच अपनी आतकंवादी गतिविधियों से देश भर की जांच एजेंसियों की नींद उड़ा रखी थी।

ये छह आतंकवादी पकड़े गए हैं

इंडियन मुजाहिदीन से ही कुछ लोग टूटकर बाद में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में गए, लेकिन आईएसआईएस भारत में कोई आतंकवादी साजिश को अंजाम नहीं दे पाया। इन सभी आतंकवादी संगठनों को पर्दे के पीछे पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई का सर्पोट रहा। मतलब साफ है कि वक्त के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत के खिलाफ अलग-अलग आतकंवादी संगठनों से जुड़े लोगों का इस्तेमाल किया, लेकिन 1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद अंडरवर्ल्ड को बम धमाकों के लिए कभी यूज नहीं किया। इसीलिए 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दाऊद इब्राहिम के छह लोगों को आतंकवादी साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया, तो एक सवाल सबके दिमाग में उठा कि आईएसआई को अंडरवर्ल्ड दोबारा क्यों याद आया?

प्रोटेक्शन के बदले में आतंकवादी साजिश का दबाव!
1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद फिल्म अभिनेता संजय दत्त को गिरफ्तार करने वाले रिटायर एसीपी सुरेश वालीशेट्टी का मानना है कि पिछले 28 साल से पाकिस्तान दाऊद और उसके लोगों को अपने यहां शरण दिए हुए है। संभव है पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई का दाऊद और उसके परिवार पर प्रेशर पड़ा हो कि इतने लंबे समय तक हम तुम्हें प्रोटेक्शन दिए हुए हैं, बदले में अब कुछ बड़ा करो। शायद उस प्रेशर में दाऊद ने अपने भाई अनीस इब्राहिम को कुछ बड़ा करने का जिम्मा सौंपा हो।
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दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने तीन दिन पहले मुंबई के जिस जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर का पकड़ा है, वह अनीस इब्राहिम का ही आदमी है। उसी समीर ने आतंकवादी साजिश के लिए कई और लोग अपने गैंग में भर्ती किए। महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी जानकारी में समीर ने 13 सितंबर को मुंबई से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी थी। उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान में ट्रेन से गिरफ्तार किया। समीर से पूछताछ के बाद ओसामा उर्फ समी, मूलचंद उर्फ सज्जू, जीशान कमर, मोहम्मद अबू बकर और मोहम्मद आमिर जावेद दिल्ली, रायबरेली, इलाहाबाद, बहराइच और लखनऊ से पकड़े गए।

एक साल पहले आया था समीर का नाम
मुंबई क्राइम ब्रांच ने करीब एक साल पहले फजलू रहमान उर्फ मुज्जू को दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था। इन सभी को अनीस इब्राहिम ने दक्षिण मुंबई के एक बड़े व्यापारी की हत्या की सुपारी दी थी। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, मुज्जू से जुड़ी जांच में जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर हमारी रडार पर आया था, लेकिन हमें तब तक इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि समीर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। मुज्जू अनीस इब्राहिम गैग के पंटर फहीम मचमच का करीबी था। फहीम मचमच की दो महीने पहले कोरोना से पाकिस्तान में मौत हो गई।
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ट्रेनिंग कैंप में ऐसे पहुंचे अंडरवर्ल्ड के लोग
दिल्ली पुलिस की स्पेशल की जांच में यह बात सामने आई कि गिरफ्तार आरोपियों में से दो को पाकिस्तान में बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी। इन्हें पहले मस्कट बुलाया गया और वहां से पाकिस्तान ले जाया गया। जिस ट्रेनिंग कैंप में इन्हें रखा गया, वहां बांग्‍ला बोलने वाले 14 और लोग भी थे।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान से मिले निर्देश के बाद गिरफ्तार आरोपियों के बीच दो टीमें बनी थीं। एक टीम का काम हवाला के माध्यम से धन की व्यवस्था करना था, जबकि दूसरी टीम का काम त्योहार के दौरान देश भर में ब्लास्ट करना था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दूसरी टीम को दाऊद का भाई अनीस को-ऑर्डिनेट कर रहा था। उसने भारत में हथियार भी भिजवाए थे।
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28 साल पहले संजय दत्त को गिरफ्तार करने वाले रिटायर एसीपी सुरेश वालीशेट्टी कहते हैं कि 1993 के बम धमाकों से पहले हथियारों की जो कई खेप भारत भेजी गईं, उनमें संजय दत्त के घर एके-56, हैंडग्रेनेड्स व कारतूस अनीस ने ही अपने आदमियों हनीफ कड़ावाला, समीर हिंगोरा और अबू सलेम के जरिए भिजवाए थे। अबू सलेम दुबई में अनीस का ड्राइवर हुआ करता था। तीन दिन पहले जिस जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर को गिरफ्तार किया गया, वह भी पेशे से ड्राइवर ही है।

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दाऊद इब्राहिम (फाइल फोटो)



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