निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा कि सच बोलना बगावत है, तो हम बागी है

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निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा कि सच बोलना बगावत है, तो हम बागी है

कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से बाहर कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद सवालों का एक और कठघरा बनकर तैयार हो गया है. इन सभी नेताओं से जवाब मांगा गया था, लेकिन सभी का जवाब मिलने से पहले ही उन्हें निष्कासित कर दिया गया.

इन वरिष्ठ कांग्रेसियों ने बिना नाम लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर निशाना साधा और कहा कि जो खुद टिकट ब्लैक में बेच रहें हो, वह हमें कैसे निकाल सकते है. कांग्रेसियों ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस के संविधान के अनुसार एआईसीसी सदस्यों को प्रदेश कमेटी निकाल ही नहीं सकती.

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिए बिना पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा, ‘जिस कुर्सी पर पुरुषोत्तम दास टंडन और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे लोग रहें हो, अनुशासन समिति में वे लोग हैं, जो खुद अपराधी हैं और कांग्रेस को जानते ही नहीं, वे हमें कैसे निकाल सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘सिर्फ केंद्रीय अनुशासन समिति को संस्तुति कर सकती है. अनुशासन के मामलों में सहमति या असहमति जताने का अधिकार महासचिव प्रियंका वाड्रा को भी नहीं है. हमारा निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है.

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जिन दिग्गज कांग्रेसिय नेताओं को निष्कासित किया गया है उन्होंने कहा है कि किसी को भी नोटिस ही नहीं मिला तो जवाब कैसे दे सकते थे. फिर समिति असंतुष्ट कैसे हो गई. तय किया गया कि अब प्रदेशभर में अभियान चलाकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मंथन करेंगे. साथ ही असली कांग्रेस, वर्तमान कांग्रेस के सामने खड़ी होगी. निष्कासित कांग्रेसियों ने कहा कि कांग्रेस में घुसपैठियों का प्रवेश हो गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है.

उन्होंने कहा, ‘हम यूथ राजनीत का विरोध कैसे कर सकते हैं. हमने कभी प्रियंका गाांधी की नौजवान टीम का विरोध नहीं किया. यदि सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं.’ वहीं सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा, ‘मीडिया के माध्यम से यह पता चला कि हम लोगों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है.

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बता दें, हाईकमान के निर्देश पर नोटिस देने के बाद अनुशासन समिति ने 11 में से 10 कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें से करीब डेढ़ दर्जन पार्टीजनों ने पिछले दिनों पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर बैठक कर अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई थी.