जानिए, आलसी होने के कारण व उससे छुटकारा पाने के उपाय

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Laziness

आलस और आलसी व्यक्ति मन में लाखों तमन्नाएं रखने बावजूद कुछ हासिल नहीं कर पता है और इसकी मूल वजह होती है उसका हमेशा आलस में लिप्त रहना। आलसी इंसान कभी सफल नहीं हो सकता। आलस आपको दूनिया, परिवारों दोस्तों व रिश्तेदारों से दूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। इसलिए मनुष्य को आलस्य की बीमारी को त्यागकर अपने जीवन में समाज व लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। इस लेख में आलसी होने की कुछ मूल वजहों तथा उनसे उबारने के उपायों का ज़िक्र विस्तारित रूप में किया गया है। इन वजहों को पहचानकर व उपाय को अपनी ज़िन्दगी में उतारकर इंसान अपने जीवन में तब्दीली ला सकता है।

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1- दरअसल, अमूमन यह देखा जाता है कि इंसान कई स्थितियों में आलस का शिकार होता है। उसमें से एक है ‘शारीरिक क्रिया न करना’। शरीर को फिट व स्वस्थ रखने के लिए रोज़ाना शारीरिक क्रिया में शामिल होने की ज़रूरत होती है। इसके लिए आप एक्सरसाइज़ या योगा का सहारा ले सकते हैं। यक़िन मानिए एक स्वस्थ व फिट इंसान ही कुछ भी करने का साहस जुटा पाता है व तेज़ी से किसी भी क्षेत्र में सफलता को मुकम्मल कर सकता है।

2- आलस्य का आपके जीवन में हावी होने का दूसरा महत्वपूर्ण कारण है ‘इच्छाशक्ति का कमज़ोर होना’। कभी दफ़ा शारीरिक तौर पर स्वस्थ होने के बावजूद भी इंसान कई कार्यों में कौशल को प्राप्त नहीं कर पाता और इसकी मूल वजह होती है किसी काम को करने की इच्छाशक्ति का बहुत कमज़ोर होना। इसलिए अपने रूचि के काम को करने में अपनी इच्छाशक्ति के स्तर को गिरने न दें। इसके लिए आप अतीत में आपके द्वारा हासिल की गई कामयाबी को याद कर अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल कर सकते हैं। आलस्य के दौर से गुज़रने के दौरान आप अपने वरिष्ठों व डॉक्टरों से भी सलाह ले सकते हैं।

3- कई बार वक़्त की क़ीमत को न समझने की वजह से भी आलस्य हमारी ज़िन्दगी में घुस जाता है और हम इसे ऐसे ही नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। दरअसल, जो इंसान मूल्यवान समय का मूल्य अपने छोटे-से जीवन में नहीं समझता, वह हमेशा आलस्य की गिरफ्त में रहता है। इसलिए आलस्य से छुटकारा पाने के लिए ज़िन्दगी में वक़्त की कीमत को समझें और आलस्य को दूर भागएं।

4- प्रगतिशील जीवन में आलस्य के पैदा होने के प्रमुख कारणों में से एक कारण यह भी है कि लोग ताउम्र वही काम करते रहते हैं जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं होता। अपनी पंसद काम ना करने से इंसान के मन में आलस्य की प्रवृत्ति का जन्म हो जाता है। ऐसे में ज़रूरी यह है कि आप वही काम करें, जो आपको पसंद हो और आलस्य को हमेशा के लिए अपनी ज़िन्दगी से बॉय-बॉय कहें। विश्वास कीजिए अपनी पंसद का काम करने से आप हमेशा ख़ुश व आलस्य रहित रहेंगे।

5- कई दफ़ा आलस्य से पीड़ित लोगों से उनकी मनोःस्थिति के बारे में भी सुनने को मिलता है। मन व तन से स्वस्थ आदमी आलस्य से कोसों दूर रहता है। आलस्य का शिकार व्यक्तियों को अपनी मनोःस्थिति में सुधार लाकर अपने जीवन को उपयोगी व सुदृढ़ बनाना की दिशा में काम करना चाहिए। इसके लिए आप किसी स्पेशलिस्ट की मदद ले सकते हैं और अपनी ज़िन्दगी को बेहतरीन ढंग से जी सकते हैं।

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