चाणक्य के ये अनमोल वचन बदल सकते हैं आपकी जिन्दगी

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इस दौर में चाणक्य नीति प्रासंगिकता पहले की तुलना में बढ़ी है और लोग सफल होने के लिए इस नीति का प्रयोग करते हैं। दरअसल, चाणक्य नीति के अलावा कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध चाणक्य के कुछ प्रभावशाली वचन भी हैं, जो आपके जीवन को पूरी तरह बदल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही चाणक्य के कुछ अनमोल वचन के बारे में

1- व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है। वह अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।

2- अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए।

3- शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।

4- कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है न कि अपने जन्म से नहीं।

5- किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।

6- सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नींद से नहीं उठाना चाहिए।

7- इस बात को व्यक्त मत होने दीजिए कि आपने क्या करने के लिए सोचा है। बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिए।

8- जैसे ही भय आपके करीब आये, उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिए।

9- कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढें।

10- जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिए। जब मृत्यु सर पर आ जायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?

11- पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिए। अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिए। जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए। आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं।

12- हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।

13- हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

14- वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों।

15- अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है। मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है।

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