भारतीय सेना में शामिल हुए ये दो बड़े हथियार, जिसकी ताकत जानकर पड़ोसी देश में मची खलबली

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नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले ही हमने दिवाली का पर्व मनाया है. लेकिन जिन लोगों के कारण हम महफूज होकर ये दिन मनाया है उनको हम कहीं भूल जाते है.

यूं तो हम जानते है कि जहां सेना की वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित रहाकर त्योहार माना पाते है वहीं वह सरहद पर खड़े रहाकर हमारी रक्षा करते है. और हम सभी उन्हें कभी इसके लिए धन्यवाद तक नही देते है. हमने दिवाली मनाई लेकिन वहां अंधेरे में दिन रात खड़े रहे उन्हें याद तक नहीं किया. हम होली मनाते है लेकिन कोई वहां खून की होली खेल रहा होता है, उसे भूल गए.

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‘K9 वज्र और M777 होवित्जर’ तोपों को सेना में शामिल किया गया है

लेकिन अब सेना की ताकत में एक इजाफा होने जा रहा है. शुक्रवार को भारतीय सेना का तीन दशक पुराना इंतजार आखिरकार समाप्त हो गया है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई के तहत नासिक के देवलाली तोपखाने केंद्र पर ‘K9 वज्र और M777 होवित्जर’ तोपों को सेना में शामिल किया गया है. इससे भारतीय सेना की आर्टिलरी क्षमता बढ़ेगी. इस दौरान इनका एक डेमो भी किया गया है और इसके बाद मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक ट्वीट कर ये जानकारी शेयर की है कि आज 155 mm M777 A2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर आधुनिक गन सिस्टम्स को सेना में शामिल किया जाएगा.

भारतीय सेना में सिर्फ बोफोर्स तोपों को ही शामिल किया गया था

बता दें कि यह मीडियम तोप काफी आसानी से दुर्गम पहाड़ी इलाकों में तैनात तक किया जा सकता है. साल 2006 से इन बड़े हथियारों के बारे में चर्चा हो रहीं थी और आखिरकार तीन साल के अंदर इसे मुकाम तक पहुंचाया गया है. काफी समय से पाकिस्तान और चीन से मिल रहीं चुनौतियों को देखते हुए इन हथियारों की आवश्यकता महसूस की जा रहीं थी. पहले की बात की जाए तो भारतीय सेना में सिर्फ बोफोर्स तोपों को ही शामिल किया गया था और अब रक्षा मंत्रालय अनुसार कहा जा रहा है कि साल 2020 तक 4,366 करोड़ रुपये की 100 के 9 वज्र तोपों को तोपखाने में शामिल कर लिया जाएगा.

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क्या है M777 होवित्जर तोप की विशेषता

यह तोप  भी 30 किलोमीटर तक जाकर दुश्मन को सफाया कर सकती है. वहीं इस हथियार को हेलीकॉप्टर और प्लेने के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इस समय इस तोप का प्रयोग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे बड़े देश कर रहें है.  

क्या विशेषता हैं K-9 की

इस तोप की मारक क्षमता 28-30 किलोमीटर की है. इसमें तीन सेकेंड में तीन गोले दागने की क्षमता है. ये पहली ऐसी तोप है जिसे भारतीय निजी सेक्टर द्वारा तैयार किया गया है. यह तीन मिनट में 15 राउंड की भीषण गोलाबारी कर सकती है.